सितंबर में सर्विस टैक्स ने मारा था छापा, रिटर्न में स्वीकारी थी 1.5 करोड़ की चोरी, चुकाया नहीं टैक्स
इंदौर. विनोद शर्मा ।
छापेमार कार्रवाई के दौरान कर चोरी स्वीकारने और रिटर्न में टैक्स चोरी की रकम का उल्लेख करने के बावजूद टैक्स चुकाने से परहेज करते आ रहे फार्मा ट्रेडर की प्रॉपर्टी अटैच होगी। अटैचमेंट की कार्रवाई कस्टम, सेंट्रल एक्साइज एंड सर्विस टैक्स विभाग करेगा। बताया जा रहा है कि कंपनी को डेढ़ करोड़ रुपए टैक्स पेटे चुकाना है जो अब तक चुकाया नहीं गया है।
15 सितंबर को सर्विस टैक्स की टीम गुरुवार शाम 18/2, लसूड़िया (पंचवटी के सामने) स्थित फार्मा ट्रेडर पर छापेमार कार्रवाई की थी। कंपनी न सिर्फ फार्मास्यूटिकल्स प्रोडक्ट की सीएंडएफ है बल्कि आॅटोमोबाइल पार्ट्स और इंजीनियरिंग गुड्स में भी हाथ आजमा रही है। कंपनी के वेअरहाउस भी हैं। छापेमारी के दौरान डेढ़ साल की कर चोरी के रूप में डेढ़ करोड़ रुपए स्वीकारे। इतना ही नहीं रिटर्न दाखिल करते हुए इसका जिक्र भी कर दिया। रिटर्न दाखिल किए सात महीने हो चुके हैं। अब तक टैक्स की रकम नहीं चुकाई गई। इसीलिए अब डिपार्टमेंट ने अटैचमेंट की तैयारी शुरू कर ली।
इसीलिए नहीं देना है नोटिस
अधिकारियों द्वारा बताया गया कि टैक्स की बकाया रकम के लिए कंपनी की प्रॉपर्टी यदि अटैच करना है तो उसके लिए बहुत ज्यादा कागजी कार्रवाई की जरूरत नहीं है। डिपार्टमेंट ने डिमांड नहीं निकाली है, जो डिमांड के बाद सामने वाले को नोटिस देकर उसका पक्ष पूछा जाए। यहां तो कंपनी संचालकों द्वारा अपने स्तर पर ही रिर्टन दाखिल किया गया और बताया गया कि उन्हें डेढ़ करोड़ चुकाना है।
मंदी का मारा समूह खड़े कर चुका हाथ
फार्मा टेÑडर समूह की गिनती इंदौर ही नहीं, बल्कि मालवा-निमाड़ के बड़े सीएंडएफ एजेंट के रूप में होती है। बावजूद इसके समूह की टैक्स चुकाने में रूचि नहीं है। विभागीय सूत्रों की मानें तो समूह संचालक सुभाषचंद्र अग्रवाल यह साफ कर चुके हैें कि उनके पास टैक्स चुकाने के लिए रकम नहीं है। वे अपनी संपत्ति बेचेंगे, फिर टैक्स चुकाएंगे।
देवी अनुसूइया स्कूल भी अग्रवाल का
सुभाषचंद्र अग्रवाल और गुलाब अग्रवाल देवी अनुसूइया विद्या संस्थान के बैनर तले इंदौर-देवास रोड स्थित डकाच्या के सर्वे नं. 277/4 की 0.971 हेक्टेयर जमीन पर देवी अनुसूइया विद्या निकेतन संचालित कर रहे हैं। जमीन गुलमोहर कॉलोनी निवासी सुभाष पिता रामकिशोर, गुलाबबाई पति सुभाष अग्रवाल के नाम है। यहीं सर्वे नं. 242/1 की 0.916 हेक्टेयर जमीन भी अग्रवाल के नाम ही है।
इंदौर. विनोद शर्मा ।
छापेमार कार्रवाई के दौरान कर चोरी स्वीकारने और रिटर्न में टैक्स चोरी की रकम का उल्लेख करने के बावजूद टैक्स चुकाने से परहेज करते आ रहे फार्मा ट्रेडर की प्रॉपर्टी अटैच होगी। अटैचमेंट की कार्रवाई कस्टम, सेंट्रल एक्साइज एंड सर्विस टैक्स विभाग करेगा। बताया जा रहा है कि कंपनी को डेढ़ करोड़ रुपए टैक्स पेटे चुकाना है जो अब तक चुकाया नहीं गया है।
15 सितंबर को सर्विस टैक्स की टीम गुरुवार शाम 18/2, लसूड़िया (पंचवटी के सामने) स्थित फार्मा ट्रेडर पर छापेमार कार्रवाई की थी। कंपनी न सिर्फ फार्मास्यूटिकल्स प्रोडक्ट की सीएंडएफ है बल्कि आॅटोमोबाइल पार्ट्स और इंजीनियरिंग गुड्स में भी हाथ आजमा रही है। कंपनी के वेअरहाउस भी हैं। छापेमारी के दौरान डेढ़ साल की कर चोरी के रूप में डेढ़ करोड़ रुपए स्वीकारे। इतना ही नहीं रिटर्न दाखिल करते हुए इसका जिक्र भी कर दिया। रिटर्न दाखिल किए सात महीने हो चुके हैं। अब तक टैक्स की रकम नहीं चुकाई गई। इसीलिए अब डिपार्टमेंट ने अटैचमेंट की तैयारी शुरू कर ली।
इसीलिए नहीं देना है नोटिस
अधिकारियों द्वारा बताया गया कि टैक्स की बकाया रकम के लिए कंपनी की प्रॉपर्टी यदि अटैच करना है तो उसके लिए बहुत ज्यादा कागजी कार्रवाई की जरूरत नहीं है। डिपार्टमेंट ने डिमांड नहीं निकाली है, जो डिमांड के बाद सामने वाले को नोटिस देकर उसका पक्ष पूछा जाए। यहां तो कंपनी संचालकों द्वारा अपने स्तर पर ही रिर्टन दाखिल किया गया और बताया गया कि उन्हें डेढ़ करोड़ चुकाना है।
मंदी का मारा समूह खड़े कर चुका हाथ
फार्मा टेÑडर समूह की गिनती इंदौर ही नहीं, बल्कि मालवा-निमाड़ के बड़े सीएंडएफ एजेंट के रूप में होती है। बावजूद इसके समूह की टैक्स चुकाने में रूचि नहीं है। विभागीय सूत्रों की मानें तो समूह संचालक सुभाषचंद्र अग्रवाल यह साफ कर चुके हैें कि उनके पास टैक्स चुकाने के लिए रकम नहीं है। वे अपनी संपत्ति बेचेंगे, फिर टैक्स चुकाएंगे।
देवी अनुसूइया स्कूल भी अग्रवाल का
सुभाषचंद्र अग्रवाल और गुलाब अग्रवाल देवी अनुसूइया विद्या संस्थान के बैनर तले इंदौर-देवास रोड स्थित डकाच्या के सर्वे नं. 277/4 की 0.971 हेक्टेयर जमीन पर देवी अनुसूइया विद्या निकेतन संचालित कर रहे हैं। जमीन गुलमोहर कॉलोनी निवासी सुभाष पिता रामकिशोर, गुलाबबाई पति सुभाष अग्रवाल के नाम है। यहीं सर्वे नं. 242/1 की 0.916 हेक्टेयर जमीन भी अग्रवाल के नाम ही है।
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