1.25 करोड़ में तैयार होने वाली बिल्डिंग पर 1.39 करोड़ खर्च, 13 लाख के नए टेंडर जारी
इंदौर. विनोद शर्मा ।
अच्छी फसल के लिए अच्छे बीच बनाने के नाम पर मप्र मार्केटिंग फेडरेशन कृषि विभाग की आंखों में धूल झौंककर लाखों रुपए की हेराफेरी कर रहा है। इसका खुलासा मुख्यमंत्री तक पहुंची शिकायत में हुआ है। शिकायत के अनुसार एमओजी लाइन में जो बीच परीक्षण भवन तकरीबन एक करोड़ रुपए में तैयार हो सकता था उसमें डेढ़ करोड़ रुपए खर्च किए जाने के बाद भी काम बाकी है। अनुबंध के अनुसार काम कराने में नाकाम रहे फेडरेशन के अधिकारियों ने पेव्हर और कुल 750 वर्गफीट की सड़क के लिए 13 लाख रुपए का अतिरिक्त टेंडर भी जारी कर दिया है।
मामला एमओजी लाइन में वेटेनेरी हॉस्पिटल परिसर और पुलिस लाइन के बीच आकार ले चुकी मप्र मार्केटिंग फेडरेशन द्वारा बीच परीक्षण केंद्र के रूप में बनाई गई जी+2 बिल्डिंग का है। 31 मई 2014 को फेडरेशन द्वारा जारी टेंडर के अनुसार 10 हजार वर्गफीट प्लॉट पर 2400 फीट ग्राउंड कवरेज के साथ कुल 7200 वर्गफीट एरिया की बिल्डिंग बनाना थी यानी जी+2 बिल्डिंग। जिसका ठेका अजय चौधरी को 1.39 करोड़ रुपए में दिया गया था। बिल्डिंग कंपलिट हो चुकी है लेकिन चौधरी ने अनुबंध में दिए हुए कुछ काम छोड़ दिए जिनकी अनुमानित लागत लाखों में है।
काम जो छोड़े
दबंग दुनिया के हाथ लगी शिकायत के अनुसार भवन के सामने की ओर 25 बाय 9 मीटर (2416.5 वर्गफीट) क्षेत्र में पेव्हर ब्लॉक लगाने थे, जो नहीं लगाए गए। जिनकी कॉस्ट 1.22 लाख आंकी गई थी। मतलब 50 रुपए/वर्गफीट।
10 हजार लीटर क्षमता का वॉटर टैंक बनाना था। बना तो सही लेकिन उसकी क्षमता 6-7 हजार लीटर ही है।
1.95 लाख का सेप्टिक टैंक बनना था लेकिन नहीं बना। पास में नगर निगम की सीवरेज लाइन है उसी से बिल्डिंग का डेÑनेज सिस्टम जोड़ने की तैयारी है।
इलेक्ट्रिसिटी का काम भी बाकी है जिसकी लागत दो लाख रुपए से ज्यादा है।
सामने 100 वर्गफीट का पोर्च बनना था जो नहीं बना।
ओवर कॉस्टिंग की गई...
शिकायत के प्रमाणिकरण के लिए दबंग दुनिया ने एक अन्य ठेकेदार से बात की जो सरकारी और गैर सरकारी दोनों तरह की बिल्डिंग बनाता है।- ठेकेदार के अनुसार चूंकि जमीन सरकारी है। सिर्फ कंस्ट्रक्शन कॉस्ट लगना है जो अभी औसत 1150 रुपए/वर्गफीट है जिसमें अच्छा कंस्ट्रक्शन होता है। निजी बिल्डिंगों में भी। सरकारी बिल्डिंगों में भी। इस मान 60 बाय 40 फीट (2400 वर्गफीट) ग्राउंड कवरेज के साथ यदि 7200 वर्गफीट की जी+2 बिल्डिंग तकरीबन 83 लाख रुपए में तैयार होना थी। इसमें इलेक्ट्रिसिटी भी शामिल है।
आसपास 400 फीट लंबी और 6 फीट ऊंची बाउंड्रीवाल है आठ र्इंची जुड़ाई के साथ जिसकी लागत करीब 33 लाख रही है। हालांकि बाउंड्री का अनुबंध में जिक्र नहीं था। 50 हजार के 500 फीट गहरे बोरिंग व 50 हजार के अन्य खर्च सहित एक लाख का बोरिंग और करीब एक लाख का वॉटर टैंक। कुल मिलाकर ज्यादा से ज्यादा 1.20 करोड़ रुपए में बिल्डिंग तैयार हो सकती थी जिसके लिए 1.39 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं।
मौजूदा टेंडर भी ओवर कॉस्ट है
27 फरवरी 2017 को जारी 13 लाख के दूसरे टेंडर के अनुसार भराव, पेवर ब्लॉक और सीसी रोड बनाना है। हालांकि सामने सड़क बमुश्किल 1000 (वर्गफीट) की बनना है जो दो लाख रुपए में तैयार हो सकती है। पूर्व में कोट किए गए रेट 50.49 रुपए/वर्गफीट के अनुसार 1.22 लाख रुपए में 2416 वर्गफीट क्षेत्र में पेवर लग सकती है जबकि 3.53 लाख में पूरे परिसर की पेवरिंग हो सकती है। जबकि बाजार में पेवर 35 से 40 लाख वर्गफीट की दर पर लग रहे हैं। मिट्टी-मुरम भराई के एक लाख सहित कुल काम छह-सात लाख में हो सकता है।
अभी टेंडर फाइनल हुए नहीं है
पेवर व सामने की सड़क पहले वाले टेंडर में नहीं थे। इसीलिए नए सिरे से टेंडर निकाले हैं जो अभी फाइनल नहीं हुए हैं। आसपास की जगह और टीएंडसीपी के नॉमर्स के हिसाब से वॉटर टैंक छोटा करना पड़ा। सेप्टिक टैंक बनाएंगे, अभी बिल्डिंग हेंडओवर नहीं की।
आर.के.सक्सेना, अधिकारी
मार्केटिंग फेडरेशन
(अजय चौधरी का फोन लगातार बंद मिला। )
इंदौर. विनोद शर्मा ।
अच्छी फसल के लिए अच्छे बीच बनाने के नाम पर मप्र मार्केटिंग फेडरेशन कृषि विभाग की आंखों में धूल झौंककर लाखों रुपए की हेराफेरी कर रहा है। इसका खुलासा मुख्यमंत्री तक पहुंची शिकायत में हुआ है। शिकायत के अनुसार एमओजी लाइन में जो बीच परीक्षण भवन तकरीबन एक करोड़ रुपए में तैयार हो सकता था उसमें डेढ़ करोड़ रुपए खर्च किए जाने के बाद भी काम बाकी है। अनुबंध के अनुसार काम कराने में नाकाम रहे फेडरेशन के अधिकारियों ने पेव्हर और कुल 750 वर्गफीट की सड़क के लिए 13 लाख रुपए का अतिरिक्त टेंडर भी जारी कर दिया है।
मामला एमओजी लाइन में वेटेनेरी हॉस्पिटल परिसर और पुलिस लाइन के बीच आकार ले चुकी मप्र मार्केटिंग फेडरेशन द्वारा बीच परीक्षण केंद्र के रूप में बनाई गई जी+2 बिल्डिंग का है। 31 मई 2014 को फेडरेशन द्वारा जारी टेंडर के अनुसार 10 हजार वर्गफीट प्लॉट पर 2400 फीट ग्राउंड कवरेज के साथ कुल 7200 वर्गफीट एरिया की बिल्डिंग बनाना थी यानी जी+2 बिल्डिंग। जिसका ठेका अजय चौधरी को 1.39 करोड़ रुपए में दिया गया था। बिल्डिंग कंपलिट हो चुकी है लेकिन चौधरी ने अनुबंध में दिए हुए कुछ काम छोड़ दिए जिनकी अनुमानित लागत लाखों में है।
काम जो छोड़े
दबंग दुनिया के हाथ लगी शिकायत के अनुसार भवन के सामने की ओर 25 बाय 9 मीटर (2416.5 वर्गफीट) क्षेत्र में पेव्हर ब्लॉक लगाने थे, जो नहीं लगाए गए। जिनकी कॉस्ट 1.22 लाख आंकी गई थी। मतलब 50 रुपए/वर्गफीट।
10 हजार लीटर क्षमता का वॉटर टैंक बनाना था। बना तो सही लेकिन उसकी क्षमता 6-7 हजार लीटर ही है।
1.95 लाख का सेप्टिक टैंक बनना था लेकिन नहीं बना। पास में नगर निगम की सीवरेज लाइन है उसी से बिल्डिंग का डेÑनेज सिस्टम जोड़ने की तैयारी है।
इलेक्ट्रिसिटी का काम भी बाकी है जिसकी लागत दो लाख रुपए से ज्यादा है।
सामने 100 वर्गफीट का पोर्च बनना था जो नहीं बना।
ओवर कॉस्टिंग की गई...
शिकायत के प्रमाणिकरण के लिए दबंग दुनिया ने एक अन्य ठेकेदार से बात की जो सरकारी और गैर सरकारी दोनों तरह की बिल्डिंग बनाता है।- ठेकेदार के अनुसार चूंकि जमीन सरकारी है। सिर्फ कंस्ट्रक्शन कॉस्ट लगना है जो अभी औसत 1150 रुपए/वर्गफीट है जिसमें अच्छा कंस्ट्रक्शन होता है। निजी बिल्डिंगों में भी। सरकारी बिल्डिंगों में भी। इस मान 60 बाय 40 फीट (2400 वर्गफीट) ग्राउंड कवरेज के साथ यदि 7200 वर्गफीट की जी+2 बिल्डिंग तकरीबन 83 लाख रुपए में तैयार होना थी। इसमें इलेक्ट्रिसिटी भी शामिल है।
आसपास 400 फीट लंबी और 6 फीट ऊंची बाउंड्रीवाल है आठ र्इंची जुड़ाई के साथ जिसकी लागत करीब 33 लाख रही है। हालांकि बाउंड्री का अनुबंध में जिक्र नहीं था। 50 हजार के 500 फीट गहरे बोरिंग व 50 हजार के अन्य खर्च सहित एक लाख का बोरिंग और करीब एक लाख का वॉटर टैंक। कुल मिलाकर ज्यादा से ज्यादा 1.20 करोड़ रुपए में बिल्डिंग तैयार हो सकती थी जिसके लिए 1.39 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं।
मौजूदा टेंडर भी ओवर कॉस्ट है
27 फरवरी 2017 को जारी 13 लाख के दूसरे टेंडर के अनुसार भराव, पेवर ब्लॉक और सीसी रोड बनाना है। हालांकि सामने सड़क बमुश्किल 1000 (वर्गफीट) की बनना है जो दो लाख रुपए में तैयार हो सकती है। पूर्व में कोट किए गए रेट 50.49 रुपए/वर्गफीट के अनुसार 1.22 लाख रुपए में 2416 वर्गफीट क्षेत्र में पेवर लग सकती है जबकि 3.53 लाख में पूरे परिसर की पेवरिंग हो सकती है। जबकि बाजार में पेवर 35 से 40 लाख वर्गफीट की दर पर लग रहे हैं। मिट्टी-मुरम भराई के एक लाख सहित कुल काम छह-सात लाख में हो सकता है।
अभी टेंडर फाइनल हुए नहीं है
पेवर व सामने की सड़क पहले वाले टेंडर में नहीं थे। इसीलिए नए सिरे से टेंडर निकाले हैं जो अभी फाइनल नहीं हुए हैं। आसपास की जगह और टीएंडसीपी के नॉमर्स के हिसाब से वॉटर टैंक छोटा करना पड़ा। सेप्टिक टैंक बनाएंगे, अभी बिल्डिंग हेंडओवर नहीं की।
आर.के.सक्सेना, अधिकारी
मार्केटिंग फेडरेशन
(अजय चौधरी का फोन लगातार बंद मिला। )
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