Thursday, June 15, 2017

आड़ा बाजार में दो प्लॉट जोड़ बन रही है बिल्डिंग

नेता और निगम अधिकारियों की शह पर बिल्डर ने बिना मंजूरी बेसमेंट भी बना दिया
इंदौर. विनोद शर्मा ।
नगर निगम मध्यक्षेत्र को स्मार्ट बनाने की तैयारी में है वहीं राजनीतिक-अधिकारिक संरक्षण के कारण राजबाड़ा और आसपास के क्षेत्रों में ही मनमाना निर्माण हो रहा है। इसकी ताजी मिसाल आड़ा बाजार के प्लॉट नं. 22 व 23 को जोड़कर बनाई जा रही इमारत है जिसमें बिल्डर ने नक्शे के विपरीत बेसमेंट बना डाला। तमाम शिकवा-शिकायतों के बावजूद नगर निगम बिल्डिंग पर कार्रवाई करने को तैयार नहीं है। नोटिस से बिल्डर को चमकाकर अधिकारी अपनी जेब भर रहे हैं।
मप्र भूमि विकास अधिनियम और मास्टर प्लान 2021 के प्रावधानों के अनुसार दो या दो से अधिक प्लॉटों को जोड़कर निर्माण नहीं किया जा सकता। बावजूद निगम के जादूगर अधिकारियों ने आड़ा बाजार के प्लॉट नं. 22 और 23 को जोड़कर विजय पिता राधाकृष्ण गुप्ता, राधाकृष्ण पिता रामचंद्र गुप्ता और मनोरमा पति राधाकृष्ण गुप्ता के नाम 6 जुलाई 2016 को बिल्डिंग पर्मिशन (2706/आईएमसी/जेड12/डब्ल्यू59/2016) जारी कर दी। 211.77 वर्गमीटर के कुल प्लॉट एरिया पर जी+3 बिल्डिंग का आवासीय/वाणिज्यिक नक्शा मंजूर है। इसमें कहीं भी बेसमेंट का जिक्र नहीं था फिर भी गुप्ता परिवार ने मौके पर बेसमेंट बना दिया।
अवैध क्या-क्या
- संयुक्तिकरण प्रतिबंधित होने के बाद भी दो प्लॉटों को जोड़ा गया है। - स्वीकृत नक्शे के विपरीत बेसमेंट बनाया गया है। - आसपास का एमओएस हजम करके ग्राउंड कवरेज बढ़ाया गया है।
ऐसी दी गई थी अनुमति
प्लॉट एरिया : 2274.40 वर्गफीट
सेटबेक : 176.67 वर्गफीट
प्लानिंग प्लॉट : 2097.73 वर्गफीट
एफएआर : 1.5
ग्राउंड कवरेज : 1336.48 वर्गफीट
कुल बिल्टअप : 3676.73 वर्गफीट
(624 वर्गफीट कमर्शियल/2768.55 वर्गफीट आवासीय)
पार्किंग : 966.6 वर्गफीट
मनमाने निर्माण को खुली छूट
शिकायतकर्ता अजय यादव ने दबंग दुनिया से बातचीत में बताया कि जब प्लॉट पर बेसमेंट की खुदाई शुरू हुई थी तभी अवैध निर्माण को लेकर गुप्ता परिवार की मंशा स्पष्ट हो गई थी। हमने अपै्रल में भी शिकायत की थी लेकिन अधिकारियों ने कार्रवाई करना तो दूर मौके पर जाकर देखा तक नहीं। बिल्डिंग को क्षेत्र के कद्दावर कांग्रेस व भाजपा नेताओ का संरक्षण प्राप्त है। इसीलिए नगर निगम के औपचारिक नोटिसों के बावजूद बिल्डिंग पर ब्रेक नहीं लगा।
बार-बार जारी होते हैं रिमूवल नोटिस
यादव ने नोटिस की कॉपी दिखाते हुए बताया कि लगातार ऐसे सूचना पत्र, कारण बताओ नोटिस और रिमूवल नोटिस देकर नगर निगम के हरसिद्धि जोन पर पदस्थ भवन अधिकारी समय और चांदी दोनों काट रहे हैं। उधर, रिमूवल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कार्रवाई की तैयारी जब भी हुई गुप्ता परिवार के समर्थन में किसी न किसी बड़े नेता ने फोन बजाना शुरू कर दिया। उनको न करके नौकरी संकट में डालने से तो रहे। 

No comments:

Post a Comment