Friday, June 2, 2017

सुबोध जैन के सिनर्जी ने ‘शिवराज’ से किया धोखा

- इंदौर से लेकर राजगढ़ तक है पीड़ितों की फेहरिस्त
- कलेक्टर और सीएमएचओ सिर्फ जांच करते हैं, कार्रवाई नहीं करते
इंदौर. विनोद शर्मा।
गरीबों की मदद के नाम पर इंदौर विकास प्राधिकरण से ओनपोने दामों पर बेशकीमती जमीन लेकर बने सिनर्जी हॉस्पिटल को मैनेजमेंट ने लूट का अड्डा बना लिया है। फिर मामला मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान मद से आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को मिलने वाली राशि को लेकर बदनियती का हो या फिर मनमाना चार्ज लगाकर बिल बढ़ाने का। मैनेजमेंट पीड़ितों की फहरिस्त में इंदौर के पप्पू परमार और कमलेश गांधी से लेकर राजगढ़ जिले के नृसिंहगढ़ में रहने वाले रामेश्वर दांगी तक का नाम शामिल है।
नृसिंहगढ़ तहसील के भवानीपुर गांव निवासी रामेश्वर पिता लक्ष्मीनारायण दांगी को यूरीन ब्लेडर के ईलाज के लिए भरौसे के साथ 3 नवंबर 2014 को सिनर्जी हॉस्पिटल भर्ती कराया था। ईलाज पर कुल खर्च आया 1 लाख 36 हजार रुपए। दांगी परिवार ने मामले में मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान मद से मदद की अपील की। हालांकि क्षेत्र में कोई चुनाव आने के कारण स्वेच्छानुदान की राशि मिलने में थोड़ा वक्त लगा। मैनेजमेंट ने कहा कि आप अभी राशि जमा करवा दो, जब जितनी सरकारी मदद मिलेगी उतनी राशि बाद में आपको लौटा दी जाएगी। 14 नवंबर को दांगी को डिस्चार्ज कर दिया गया।
खाते में आई मदद को नकारता रहा अस्पताल
डिस्चार्ज होने के तीन दिन पहले यानी 10 नवंबर 2014 को डेढ़ लाख रुपए की राहत मांग के मुकाबले मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान मद से अगले ही दिन राशि अस्पताल के खाते में जमा हो गई। बावजूद इसके मैनेजमेंट ने मदद मिलने की बात नकार दी और दांगी परिवार पर राशि भुगतान का दबाव बनाए रखा। कहा कि पहले आप जमा कर दो, जब राशि मंजूर हो जाएगी तो आप को दे देंगे। 14 को पूरा पेमेंट लेकर छूट्टी कर दी।
टालते रहे मदद
मैंनेजमेंट के आश्वासन पर लगातार महीनेभर तक दांगी परिवार नृसिंहगढ़ से लेकर इंदौर तक सरकारी अधिकारियों के चक्कर काटते रहे। मामले में 16 दिसंबर 2014 को कलेक्टर राजगढ़ ने लिखित जवाब (9258) देते हुए कहा कि राशि अस्पताल के अकाउंट 883725110000001 में कलेक्टर के डीडीओ कोड 3000701001 से ई-भुगतान किया गया है। राशि 11 दिसंबर 2014 को अस्पताल के खाते में पहुंची। इसके बाद भी मैनेजमेंट ने राशि मिलने की बात नकार दी।  भटकाते रहे।
शिकायत की तो कहा कि 25 प्रतिशत पैसा देना पड़ेगा
दांगी परिवार ने मामले की शिकायत इंदौर कलेक्टर और सीएमएचओ को की। मुख्यमंत्री हैल्पलाइन पर भी शिकायत (879204) की। इसके बाद पहले अस्पताल मैंनेजमेंट ने कहा कि 25 प्रतिशत राशि काटकर पैसा दे देते हैं। यह राशि कलेक्टर आॅफिस के कर्मचारी रवि को भी देना पड़ती है जो कि मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान का काम देखता है। दांगी परिवार ने नृसिंहगढ़ के विधायक से भी बात कराई लेकिन मनमानी पर आमादा मैनेजमेंट नहीं माना। कलेक्टर के निर्देश पर सीएमएचओ ने पीसी.सेठी हॉस्पिटल के चिकित्सा अधिकारी डॉ. माधव हासानी, जिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अधिकारी  जी.एल.सोढ़ी और जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. एम.सी.जिनवाल को जांच की जिम्मेदारी सौंपी। रिपोर्ट में मैनेजमेंट दोषी पाया गया। सीएमएचओ और कलेक्टर ने मैनेजमेंट को राशि दांगी परिवार को देने के निर्देश दिए लेकिन अब तक यह राशि परिवार को नहीं मिली है।
सुबोध जैन की नीयत ही खराब है
हमने भरौसा करके सिनर्जी हॉस्पिटल में ईलाज करवाया था। हमें कहा था कि आप अभी रकम जुटा लो जब पैसा मंजूर होगा हम आपको दे देंगे। पैसा मंजूर हुआ लेकिन अस्पताल ने नहीं दिया। अस्पताल के संचालक सुबोध जैन की दादागिरी इतनी है कि कलेक्टर और सीएमएचओ के आदेश के बाद भी पैसा नहीं मिला है।
रामेश्वर दांगी

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