- धन-बल के आगे जांच तो दूर पुलिस ने कायमी तक नहीं की
इंदौर. दबंग रिपोर्टर ।
राजनीतिक रसूख और आर्थिक दबाव हो तो पुलिस किसी भी मामले को कितनी आसानी से रफादफा कर सकती है। इसका उदाहरण चोइथराम मंडी में गुरुवार को देखने को मिला जय अम्बे ट्रेव्लस के मालिक और ड्राइवर के साथ मारपीट करने और स्कॉर्पियो गाड़ी फोड़ने वाले मंडी व्यापारी और मुनीम के खिलाफ केस तक दर्ज नहीं किया। हां, मंडी व्यापारी की मदद करने पहुंचे कुख्यात गुंडे युवराज उस्ताद के तीन गुर्गों को जरूर पकड़ा।
मामला गुरुवार दोपहर का है। जय अम्बे ट्रेवल्स की एक आइशर ककड़ी लेकर चोइथराम मंडी स्थित राजेश बागड़ी की दुकान पहुंची। राजेश बागड़ी मौके पर नहीं थे। दुकान में उनके भाई नितिन और बेटा ऋृषभ बागड़ी के साथ मुनीम दीपक भाऊ थे। आइशर ड्राइवर ने कहा कि जल्दी गाड़ी खाली करवा लो, मुझे जाना है। इस पर बागड़ी चाचा-भतीजे और मुनीम की ड्राइवर के बीच कहासूनी हो गई। विवाद बढ़ा और तीनों ने ड्राइवर के साथ मारपीट की। ड्राइवर ने मामले की सूचना मालिक को दी। इधर, युवराज उस्ताद से जुड़े दीपक के फोन करने पर परदेशीपुरा निवासी गणेश पिता बजरंग ताम्बे, विशाल पिता आनंद और मालवा मिल निवासी राहुल पिता दिलीपसिंह चौहान भी मौके पर पहुंचे। ड्राइवर की सूचना पर स्कॉर्पियो लेकर मालिक मंडी पहुंचा तो सभी ने उसके साथ भी मारपीट की और स्कॉर्पियों में तोड़फोड़ की।
रिपोर्ट नहीं लिखी, चलता कर दिया
ट्रेवल्स मालिक और ड्राइवर राजेंद्रनगर थाने पहुंचे। मामले की शिकायत की लेकिन पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया। पुलिस के जवान मंडी जरूर पहुंचे। गणेश, विशाल और राहुल को मौके पर पकड़ा। तीनों की तलाशी ली। गणेश के पास रिवाल्वर निकली। इसीलिए पुलिस ने उसके खिलाफ 25 आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई की जबकि अन्य दो के खिलाफ धारा 151 की मामूली धारा के तहत कार्रवाई की।
विधायक की दया से दर्ज नहीं हुआ केस
बताया जा रहा है कि बागड़ी परिवार की राजनीतिक पकड़ अच्छी है जिसकी वजह से टीआई वी.पी.सिंह का फोन भी गुरुवार-शुक्रवार को बजता रहा। मामले में शहर के दबंग विधायक के दयालू स्वभाव के कारण पुलिस बागड़ी चाचा-भतीजे और मुनीम के खिलाफ केस दर्ज नहीं कर पाई।
युवराज का राजकुमार है दीपक
बताया जा रहा है कि मुनीम दीपक भाऊ युवराज उस्ताद गैंग का खास राजकुमार है। आए दिन मंडी में युवराज का नाम लेकर कभी किसानों से तो कभी गाड़ी वालों से दादागिरी करता रहता है।
इंदौर. दबंग रिपोर्टर ।
राजनीतिक रसूख और आर्थिक दबाव हो तो पुलिस किसी भी मामले को कितनी आसानी से रफादफा कर सकती है। इसका उदाहरण चोइथराम मंडी में गुरुवार को देखने को मिला जय अम्बे ट्रेव्लस के मालिक और ड्राइवर के साथ मारपीट करने और स्कॉर्पियो गाड़ी फोड़ने वाले मंडी व्यापारी और मुनीम के खिलाफ केस तक दर्ज नहीं किया। हां, मंडी व्यापारी की मदद करने पहुंचे कुख्यात गुंडे युवराज उस्ताद के तीन गुर्गों को जरूर पकड़ा।
मामला गुरुवार दोपहर का है। जय अम्बे ट्रेवल्स की एक आइशर ककड़ी लेकर चोइथराम मंडी स्थित राजेश बागड़ी की दुकान पहुंची। राजेश बागड़ी मौके पर नहीं थे। दुकान में उनके भाई नितिन और बेटा ऋृषभ बागड़ी के साथ मुनीम दीपक भाऊ थे। आइशर ड्राइवर ने कहा कि जल्दी गाड़ी खाली करवा लो, मुझे जाना है। इस पर बागड़ी चाचा-भतीजे और मुनीम की ड्राइवर के बीच कहासूनी हो गई। विवाद बढ़ा और तीनों ने ड्राइवर के साथ मारपीट की। ड्राइवर ने मामले की सूचना मालिक को दी। इधर, युवराज उस्ताद से जुड़े दीपक के फोन करने पर परदेशीपुरा निवासी गणेश पिता बजरंग ताम्बे, विशाल पिता आनंद और मालवा मिल निवासी राहुल पिता दिलीपसिंह चौहान भी मौके पर पहुंचे। ड्राइवर की सूचना पर स्कॉर्पियो लेकर मालिक मंडी पहुंचा तो सभी ने उसके साथ भी मारपीट की और स्कॉर्पियों में तोड़फोड़ की।
रिपोर्ट नहीं लिखी, चलता कर दिया
ट्रेवल्स मालिक और ड्राइवर राजेंद्रनगर थाने पहुंचे। मामले की शिकायत की लेकिन पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया। पुलिस के जवान मंडी जरूर पहुंचे। गणेश, विशाल और राहुल को मौके पर पकड़ा। तीनों की तलाशी ली। गणेश के पास रिवाल्वर निकली। इसीलिए पुलिस ने उसके खिलाफ 25 आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई की जबकि अन्य दो के खिलाफ धारा 151 की मामूली धारा के तहत कार्रवाई की।
विधायक की दया से दर्ज नहीं हुआ केस
बताया जा रहा है कि बागड़ी परिवार की राजनीतिक पकड़ अच्छी है जिसकी वजह से टीआई वी.पी.सिंह का फोन भी गुरुवार-शुक्रवार को बजता रहा। मामले में शहर के दबंग विधायक के दयालू स्वभाव के कारण पुलिस बागड़ी चाचा-भतीजे और मुनीम के खिलाफ केस दर्ज नहीं कर पाई।
युवराज का राजकुमार है दीपक
बताया जा रहा है कि मुनीम दीपक भाऊ युवराज उस्ताद गैंग का खास राजकुमार है। आए दिन मंडी में युवराज का नाम लेकर कभी किसानों से तो कभी गाड़ी वालों से दादागिरी करता रहता है।
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