इंदौर. चीफ रिपोर्टर ।
अभी तक वाणिज्यिक कर विभाग के जो अधिकारी सिर्फ कारोबारियों के खिलाफ छापेमार कार्रवाई करते थे अब वे कारोबारियों के साथ ट्रांसपोर्टर्स के गोदाम और वेयरहाउस की जांच भी कर सकेंगे। यहां टैक्स चोरी में मदद की मकसद से संग्रहित किए गए उत्पाद को जांच के बाद जब्त भी किया जा सकेगा। एसोसिएशन आॅफ पार्सल ट्रान्सपोर्ट एंड फ्लीट ओनर्स द्वारा आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए यह जानकारी वरिष्ठ कर सलाहकार आर.एस.गोयल ने दी।
जीएसटी लागू होने पर ट्रान्सपोर्ट व्यवसाय पर पड़ने वाले प्रभाव की जानकारी देते हुए गोयल ने बताया कि व्यावसाई के विरोध के बावजूद जांचकर्ता अधिकारी उन कमरों के ताले तोड़ सकेंगे जिनमें व्यवसायी ने दस्तावेज और हिसाबात रख रखें हैं जो जांच के लिए जरूरी है। टैक्स व पेनल्टी के साथ बांड या सिक्यूरिटी प्राप्त होने के बाद ही जब्त माल को रिलीज किया जा सकेगा। 6 महीने में जिस माल को लेकर नोटिस जारी नहीं हुआ है उसे भी रिलीज करना होगा। मौके पर मौजूद वरिष्ठ कर सलाहकार विजय बंसल ने आयकर के प्रावधानों की जानकारी दी।
यह भी बताया
जिस जब्त प्रोडक्ट के जल्दी खराब होने की संभावना हो, जो खतरनाक हो, या ज्यादा जगह घेरता हो उसे नियमानुार बेचकर विभाग प्राप्त कीमत से टैक्स और पेनल्टी की पूर्ति कर सकता है। बिक्री से पहले जब्त माल की सूची बनाना होगी।
दस्तावेजों की जब्ती और हिसाब की खोज के संबंध में दंड प्रक्रिया संहिता के तहत मजिस्ट्रेट को दिए गए सभी अधिकार कमिश्नर को भी रहेंगे।
50 हजार से अधिक के माल परिवन की स्थिति में ट्रांसपोर्टर के पास ईबिल होना चाहिए। या वाहन पर रेडियो फ्रिक्वेन्सी आयडेन्टिफिकेशन डिवाईस (आरएफआईडी) लगाकर उसे ई-वे बिल से मेपिंग करना होगी।
ट्रांसपोर्टर से संबंधित कड़े प्रावधान
यदि कोई रजिस्टर्ड ट्रांसपोर्टर बिना कागजात के माल परिवहन करता है तो उस पर 10 हजार की पेनल्टी लगाई जा सकेगी। या परिवहन माल के देयक के बराबर ड्यूटी देना होगी।
अनरजिस्टर्ड ट्रांसपोर्टर के कब्जे में कोई माल है और उसका परिवहन किया जा रहा है तो उस पर 25 हजार की पेनल्टी होगी।
तब जाकर रिलीज होगा जब्त माल
- यदि माल का मालिक टैक्स एवं पेनल्टी की राशि स्वेच्छा से भरने को तैयार हो।
- यदि उस माल पर देयकर और देयकर के 100 प्रतिशत के बराबर पेनल्टी का भुगतान कर दिया गया हो।
- यदि करमुक्त माल है तो माल की कीमत के 2 प्रतिशत के बराबर की राशि या 25000 रुपए की राशि का भुगतान कर दिया गया हो।
- जिन मामलों में माल मालिक स्वेच्छा से टैक्स चुकाने को तैयार न हो उनमें माल पर देयकर एवं ऐसे माल के मूल्य के 50 प्रतिशत के बराबर पेनल्टी की राशि का भुगतान कर दिया गया हो तभी माल छूटेगा।
- करमुक्त माल है, तो माल की कीमत के 5 प्रतिशत के बराबर की राशि या 25000 रुपए का भुगतान कर दिया गया हो।
- माल के मालिक द्वारा देयकर एवं पेनाल्टी के बराबर की प्रतिभूति जमा करने पर माल रिलीज हो जाएगा।
यह भी समझ लें ट्रांसपोर्टर
- कोई भी वाहन या माल तब तक रोका नही जाएगा या जप्त नहीं किया जाएगा, जब तक कि माल के परिवहनकर्ता को इस संबंध मे समुचित नोटिस जारी करते हुए, ऐसे नोटिस को तामील नहीं कर दिया गया हो।
- माल मालिक द्वारा देयकर एवं पेनल्टी की राशि जमा करा दिए जाने के बाद माल को रोके जाने एवं जब्ती से संबंधित समस्त कार्यवाहियों को समाप्त होना माना जायेगा।
- किसी ट्रांसपोर्टर या माल मालिक द्वारा देयकर एवं पेनल्टी की राशि का भुगतान, माल को रोके जाने या जप्त किए जाने के 7 दिन की अवधि में जमा नही किया जाता है तो ऐसी स्थिती में ट्रांसपोर्टर या माल के मालिक को जब्त माल के एवज में फाइन जमा करने के लिए तीन महीने की सुनवाई का अवसर देना होगा।
अपराधिक कार्यवाहियों के लिए दण्ड
किसी व्यक्ति द्वारा किसी माल का कब्जा लिया जाता है। उस माल के ट्रांसपोर्टेशन करने या हटाने की कोशिश की जाती है। संग्रहण करने या छिपाने का प्रयास किया जाता है तो ऐसी कार्रवाई होगी-
टैक्स चोरी कारावास एवं फाईन
5 करोड़ से अधिक 5 वर्ष
2.5 से 5 करोड़ 3 वर्ष
1 से 2.5 करोड़ 1 वर्ष
(अन्य अपराधों के लिए 6 महीने तक का कारावास एवं फाईन लगाए जाने तक के प्रावधान है)
- ऐसा व्यक्ति जिसे जीएसटी के अंतर्गत पूर्व मे अपराधी ठहराया जा चुका हो, दोबारा अपराध करता है तो दूसरी या जितनी बार अपराधी ठहराया गया हो उसे उतनी ही बार 5 साल तक की सजा होगी।
अभी तक वाणिज्यिक कर विभाग के जो अधिकारी सिर्फ कारोबारियों के खिलाफ छापेमार कार्रवाई करते थे अब वे कारोबारियों के साथ ट्रांसपोर्टर्स के गोदाम और वेयरहाउस की जांच भी कर सकेंगे। यहां टैक्स चोरी में मदद की मकसद से संग्रहित किए गए उत्पाद को जांच के बाद जब्त भी किया जा सकेगा। एसोसिएशन आॅफ पार्सल ट्रान्सपोर्ट एंड फ्लीट ओनर्स द्वारा आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए यह जानकारी वरिष्ठ कर सलाहकार आर.एस.गोयल ने दी।
जीएसटी लागू होने पर ट्रान्सपोर्ट व्यवसाय पर पड़ने वाले प्रभाव की जानकारी देते हुए गोयल ने बताया कि व्यावसाई के विरोध के बावजूद जांचकर्ता अधिकारी उन कमरों के ताले तोड़ सकेंगे जिनमें व्यवसायी ने दस्तावेज और हिसाबात रख रखें हैं जो जांच के लिए जरूरी है। टैक्स व पेनल्टी के साथ बांड या सिक्यूरिटी प्राप्त होने के बाद ही जब्त माल को रिलीज किया जा सकेगा। 6 महीने में जिस माल को लेकर नोटिस जारी नहीं हुआ है उसे भी रिलीज करना होगा। मौके पर मौजूद वरिष्ठ कर सलाहकार विजय बंसल ने आयकर के प्रावधानों की जानकारी दी।
यह भी बताया
जिस जब्त प्रोडक्ट के जल्दी खराब होने की संभावना हो, जो खतरनाक हो, या ज्यादा जगह घेरता हो उसे नियमानुार बेचकर विभाग प्राप्त कीमत से टैक्स और पेनल्टी की पूर्ति कर सकता है। बिक्री से पहले जब्त माल की सूची बनाना होगी।
दस्तावेजों की जब्ती और हिसाब की खोज के संबंध में दंड प्रक्रिया संहिता के तहत मजिस्ट्रेट को दिए गए सभी अधिकार कमिश्नर को भी रहेंगे।
50 हजार से अधिक के माल परिवन की स्थिति में ट्रांसपोर्टर के पास ईबिल होना चाहिए। या वाहन पर रेडियो फ्रिक्वेन्सी आयडेन्टिफिकेशन डिवाईस (आरएफआईडी) लगाकर उसे ई-वे बिल से मेपिंग करना होगी।
ट्रांसपोर्टर से संबंधित कड़े प्रावधान
यदि कोई रजिस्टर्ड ट्रांसपोर्टर बिना कागजात के माल परिवहन करता है तो उस पर 10 हजार की पेनल्टी लगाई जा सकेगी। या परिवहन माल के देयक के बराबर ड्यूटी देना होगी।
अनरजिस्टर्ड ट्रांसपोर्टर के कब्जे में कोई माल है और उसका परिवहन किया जा रहा है तो उस पर 25 हजार की पेनल्टी होगी।
तब जाकर रिलीज होगा जब्त माल
- यदि माल का मालिक टैक्स एवं पेनल्टी की राशि स्वेच्छा से भरने को तैयार हो।
- यदि उस माल पर देयकर और देयकर के 100 प्रतिशत के बराबर पेनल्टी का भुगतान कर दिया गया हो।
- यदि करमुक्त माल है तो माल की कीमत के 2 प्रतिशत के बराबर की राशि या 25000 रुपए की राशि का भुगतान कर दिया गया हो।
- जिन मामलों में माल मालिक स्वेच्छा से टैक्स चुकाने को तैयार न हो उनमें माल पर देयकर एवं ऐसे माल के मूल्य के 50 प्रतिशत के बराबर पेनल्टी की राशि का भुगतान कर दिया गया हो तभी माल छूटेगा।
- करमुक्त माल है, तो माल की कीमत के 5 प्रतिशत के बराबर की राशि या 25000 रुपए का भुगतान कर दिया गया हो।
- माल के मालिक द्वारा देयकर एवं पेनाल्टी के बराबर की प्रतिभूति जमा करने पर माल रिलीज हो जाएगा।
यह भी समझ लें ट्रांसपोर्टर
- कोई भी वाहन या माल तब तक रोका नही जाएगा या जप्त नहीं किया जाएगा, जब तक कि माल के परिवहनकर्ता को इस संबंध मे समुचित नोटिस जारी करते हुए, ऐसे नोटिस को तामील नहीं कर दिया गया हो।
- माल मालिक द्वारा देयकर एवं पेनल्टी की राशि जमा करा दिए जाने के बाद माल को रोके जाने एवं जब्ती से संबंधित समस्त कार्यवाहियों को समाप्त होना माना जायेगा।
- किसी ट्रांसपोर्टर या माल मालिक द्वारा देयकर एवं पेनल्टी की राशि का भुगतान, माल को रोके जाने या जप्त किए जाने के 7 दिन की अवधि में जमा नही किया जाता है तो ऐसी स्थिती में ट्रांसपोर्टर या माल के मालिक को जब्त माल के एवज में फाइन जमा करने के लिए तीन महीने की सुनवाई का अवसर देना होगा।
अपराधिक कार्यवाहियों के लिए दण्ड
किसी व्यक्ति द्वारा किसी माल का कब्जा लिया जाता है। उस माल के ट्रांसपोर्टेशन करने या हटाने की कोशिश की जाती है। संग्रहण करने या छिपाने का प्रयास किया जाता है तो ऐसी कार्रवाई होगी-
टैक्स चोरी कारावास एवं फाईन
5 करोड़ से अधिक 5 वर्ष
2.5 से 5 करोड़ 3 वर्ष
1 से 2.5 करोड़ 1 वर्ष
(अन्य अपराधों के लिए 6 महीने तक का कारावास एवं फाईन लगाए जाने तक के प्रावधान है)
- ऐसा व्यक्ति जिसे जीएसटी के अंतर्गत पूर्व मे अपराधी ठहराया जा चुका हो, दोबारा अपराध करता है तो दूसरी या जितनी बार अपराधी ठहराया गया हो उसे उतनी ही बार 5 साल तक की सजा होगी।
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