सीएम हैल्पलाइन पर जवाब के नाम पर पल्ला झाड़ रहे हैं नगर निगम के अधिकारी
इंदौर. विनोद शर्मा ।
‘‘कॉलोनी अवैध है। इसका कोई अभिन्यास स्वीकृत नहीं है। इसमें नगर निगम द्वारा भवन निर्माण अनुमति प्रदान नहीं की जाती है। पहले कॉलोनी का नियमितिकरण होगा उसके बाद ही अवैध निर्माण का संज्ञान लेकर कार्यवाही की जा सकेगी।’’ कुख्यात भू-माफिया रणवीरसिंह उर्फ बॉबी छाबड़ा और उसके खासमखास गोपाल दरियानी की कॉलोनी सर्वानंदनगर को लेकर यह राय है नगर निगम की। सार्वजनिक मंच पर अधिकारियों की बयानबाजी जो भी कहे लेकिन सीएम हैल्पलाइन पर हुई एक शिकायत के जवाब में अधिकारियों ने यही जवाब देकर शिकायत को खत्म करने की अनुसंशा भी कर डाली।
सर्वानंद गृह निर्माण सहकारी संस्था के सर्वेसर्वा बॉबी छाबड़ा और गोपाल दरियानी हैं। 1975 से लेकर 2008 में स्वीकृत हुए मास्टर प्लान में औद्योगिक उपयोग के लिए आरक्षित की गई इस पिपल्याराव की जमीन पर है कॉलोनी। नगर निगम के बिलावली जोन के ठीक सामने स्थित इस कॉलोनी में एक के बाद एक मकान, मल्टी, होटलें और होस्टल तन गए वह भी बिना नक्शे के लेकिन अधिकारियों ने आपत्ति तक नहीं ली। नगर निगम से नाउममीद होकर इस मामले में 27 फरवरी 2017 को सीएम हैल्पलाइन पर शिकायत की गई। निराकरण की जिम्मेदारी मिली एल-1 अधिकारी को जिन्होंने 2 मार्च को जवाब दिया कॉलोनी अवैध है। इसका टीएनसी नहीं हुई। इसीलिए भवन अनुज्ञा भी जारी नहीं होती। इसीलिए अवैध निर्माण पर कार्रवाई करना है तो सबसे पहले कॉलोनी का वैध होना जरूरी है। इसीलिए शिकायत को बंद किया जाना उचित होगा।
शिकायतें होती है कार्रवाई नहीं होती
4 मार्च को शिकायतकर्ता ने जवाब से असुंष्टि जताई। कहा कि अर्से से शिकायतें कर रहे हैं। नगर निगम के बिलावली जोन पर पदस्थ अधिकारी नोटिस दे देते हैं लेकिन रिमुवल की कार्रवाई नहीं करते। जब कॉलोनी ही अवैध है तो फिर रिमुवल के नोटिस देकर काम क्यों रुकवाए जाते हैं।
शिकायत ही खत्म
4 मार्च को ही शिकायत निराकरण के लिए एल-2 अधिकारी को भेजी गई लेकिन एल-2 अधिकारी ने भी 7 मार्च को उसी जवाब को कट पेस्ट कर दिया जो कि एल-1 अधिकारी ने दिया था। यह भी जवाब दिया गया कि शिकायत का निराकरण एल-1 अधिकारी द्वारा कर दिया गया है।
बात मैदानी हकीकत की करें तो नगर निगम के अधिकारियों ने सीएम हैल्पलाइन पर हुई शिकायत भी निर्माणकर्ताओं को दिखाकर अपनी ड्यूटी पूरी कर ली। मौके पर अवैध निर्माण यथास्थिति जारी है।
यह छूट तो बॉबी की कॉलोनी में ही मिल सकती है
आठ प्लॉटों (ए सेक्टर के प्लॉट नं. 73, 74, 75, 76 और बी सेक्टर के प्लॉट नं. 30, 31, 32, 33) को जोड़कर कुल 8097 वर्गफीट पर भाटिया ने होटल बना दी। होटल नगर निगम के अधिकारियों की निगरानी में ही पूरी हो रही है।
25 सितंबर को ‘सवार्नंद में बॉबी छाबड़ा की मनमानी का तमाशा देख रहा नगर निगम’, शीर्षक से प्रकाशित समाचार में दबंग दुनिया ने इसका खुलासा किया था। इसके बाद बिलावली जोन के भवन अधिकारी विष्णु खरे और नागेंद्रसिंह भदौरिया ने 45 कमरों की होटल बिना किसी नक्शे या सक्षम स्वीकृति के बना रहे जसबीरसिंह भाटिया को नोटिस थमाया था। नोटिस का भाटिया ने जवाब देना तक वाजिब नहीं समझा।
सर्वानंद कभी 17 एकड़ से ज्यादा जमीन की मालिक हुआ करती थी आज उसके नाम सिर्फ पूरी दो एकड़ जमीन भी नहीं है। 15 एकड़ से ज्यादा जमीन छाबड़ा और दरियानी की जोड़ी ने मनमाने ढंग से बेच डाली।
बॉबी के चेलों ने टीएनसी से औद्योगिक उपयोग के नक्शे तक पास करवा रखे हैं। उन्हीं पर बंगले और डुप्लैक्स बन रहे हैं।
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