बिल्डिंग नहीं टूटी, मुख्यालय से आए फोन से टूटा गैंग का मनोबल
इंदौर. चीफ रिपोर्टर ।
पागनीसपागा में स्वीकृत नक्शे के विपरीत बनाए जा रही गिरीध खतुरिया की बिल्डिंग राजनीतिक दबाव के कारण गुरुवार को रिमूवल कार्रवाई से बच गई। सप्ताहभर में दूसरी बार हरसिद्धि जोन के अधिकारियों ने पुलिस बल न मिलने का बहाना करते हुए कार्रवाई से हाथ खींच लिए। इससे पहले 22-23 आड़ा बाजार में तन रही बिल्डिंग को रिमूवल नोटिस देकर भी निगम का मैदानी अमला नहीं तोड़ पाया।
गिरीश पिता रूपचंद्र खतूरिया, सीमा पति रूपचंद्र खतूरिया को 2387.50 वर्गफीट प्लॉट का नक्शा 3606/आईएमसी/जेड12/डब्ल्यू61/2016 नगर निगम ने 12 अक्टूबर 2016 को मंजूर किया था। खतुरिया परिवार ने यहां स्वीकृती के विपरीत कैसे निर्माण किया है? इसका खुलासा दबंग दुनिया ने गुरुवार को ‘50 फीसदी अवैध बिल्डिंग बना दी, अब कार्रवाई रोकने के लिए पार्षद बना रहीं दबाव’, शीर्षक से प्रकाशित समाचार में किया था। इसके बाद रिमूवल गैंग पूर्व में दिए गए रिमूवल नोटिस के अनुसार गुरुवार को रावजीबाजार थाने पहुंची। यहां तकरीबन एक घंटे तक टीम खड़ी रही इसी बीच रिमूवल गैंग के पास निगम मुख्यालय के आला अधिकारी का फोन आया और गैंग बिना कार्रवाई के लौट गई।
यदि कार्रवाई करना ही नहीं थी तो गैंग भेजी क्यों?
नगर निगम के जिस सर्वेसर्वा अधिकारी के फोन पर कार्रवाई को ब्रेक लगाकर रिमूवल गैंग ने यूटर्न ले लिया था रिमूवल नोटिस उनकी बिना जानकारी के तो जारी हुआ नहीं होगा। यदि रिमूवल नोटिस उनकी जानकारी में था और यदि किसी राजनीतिक प्रेशर या निजी हित के कारण कार्रवाई रोकी ही जाना थी तो फिर गैंग को रावजीबाजार थाने तक भी क्यों पहुंचाया गया।
राजनीतिक संरक्षण है बड़ा कारण
मामले में वार्ड-66 की पार्षद कंचन गिदवानी की भूमिका भी सामने आई हैं जिन्होंने भी निगम के अधिकारियों को फोन करके कार्रवाई रोकने को कहा था। हालांकि दबंग दुनिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि मैंने दबाव-वबाव नहीं बनाया। बस यही कहा था कि तोड़ने से पहले एक बार इतमिनान से शिकायत की तस्दीक कर लें। इधर, मामले में एक बार फिर महापौर पूत्र का नाम भी सामने आ रहा है जिसने क्षेत्र के भाजपा नेताओं के दबाव में कार्रवाई पर ब्रेक लगवाया।
स्वीकृति से 50 फीसदी है निर्माण
शिकायतकर्ता रवि गुरनानी ने बताया कि जी+2 के नक्शे में खतुरिया परिवार को कुल 3581.25 वर्गफीट निर्माण की अनुमति दी गई थी। 42 प्रतिशत (1002.79 वर्गफीट) ग्राउंड कवरेज किया जा सकता था लेकिन मौके पर चौतरफा छोड़े जाने वाले एमओएस को कवर करके ग्राउंड कवरेज बढ़ाया गया और मौके पर 50 प्रतिशत से ज्यादा अवैध निर्माण किया गया है। नगर निगम के आला अधिकारी जानबुझकर बिल्डिंग को बचा रहे हैं। क्षेत्र के भाजपा नेताओं के संरक्षण में अवैध इमारतें पोषित हो रही है। अधिकारी शिकायतों को नजरअंदाज करते हैं और शिकायतकर्ता और खुलासे करने वाले पत्रकारों को ब्लैकमेलर की उपाधि देकर हाथ पर हाथ रखकर बैठ जाते हैं।
फिर वही बहाना ‘पुलिस बल नहीं मिला’
बीते शुक्र्रवार को 22-23 आड़ा बाजार की निर्माणाधीन बिल्डिंग को भी पुलिस बल नहीं मिला कहकर निगम ने छोड़ दिया था। गुरुवार को यूटर्न लेकर निकली गैंग ने फिर इसी बहाने को दोहराया। वहीं हकीकत इससे अलग है। राजवीबाजार थाना प्रभारी आर.डी.कानवा ने दबंग दुनिया को बताया कि निगम ने पुलिस बल मांगा था। हम दे रहे थे लेकिन बाद में उन्होंने ही मना कर दिया।
इंदौर. चीफ रिपोर्टर ।
पागनीसपागा में स्वीकृत नक्शे के विपरीत बनाए जा रही गिरीध खतुरिया की बिल्डिंग राजनीतिक दबाव के कारण गुरुवार को रिमूवल कार्रवाई से बच गई। सप्ताहभर में दूसरी बार हरसिद्धि जोन के अधिकारियों ने पुलिस बल न मिलने का बहाना करते हुए कार्रवाई से हाथ खींच लिए। इससे पहले 22-23 आड़ा बाजार में तन रही बिल्डिंग को रिमूवल नोटिस देकर भी निगम का मैदानी अमला नहीं तोड़ पाया।
गिरीश पिता रूपचंद्र खतूरिया, सीमा पति रूपचंद्र खतूरिया को 2387.50 वर्गफीट प्लॉट का नक्शा 3606/आईएमसी/जेड12/डब्ल्यू61/2016 नगर निगम ने 12 अक्टूबर 2016 को मंजूर किया था। खतुरिया परिवार ने यहां स्वीकृती के विपरीत कैसे निर्माण किया है? इसका खुलासा दबंग दुनिया ने गुरुवार को ‘50 फीसदी अवैध बिल्डिंग बना दी, अब कार्रवाई रोकने के लिए पार्षद बना रहीं दबाव’, शीर्षक से प्रकाशित समाचार में किया था। इसके बाद रिमूवल गैंग पूर्व में दिए गए रिमूवल नोटिस के अनुसार गुरुवार को रावजीबाजार थाने पहुंची। यहां तकरीबन एक घंटे तक टीम खड़ी रही इसी बीच रिमूवल गैंग के पास निगम मुख्यालय के आला अधिकारी का फोन आया और गैंग बिना कार्रवाई के लौट गई।
यदि कार्रवाई करना ही नहीं थी तो गैंग भेजी क्यों?
नगर निगम के जिस सर्वेसर्वा अधिकारी के फोन पर कार्रवाई को ब्रेक लगाकर रिमूवल गैंग ने यूटर्न ले लिया था रिमूवल नोटिस उनकी बिना जानकारी के तो जारी हुआ नहीं होगा। यदि रिमूवल नोटिस उनकी जानकारी में था और यदि किसी राजनीतिक प्रेशर या निजी हित के कारण कार्रवाई रोकी ही जाना थी तो फिर गैंग को रावजीबाजार थाने तक भी क्यों पहुंचाया गया।
राजनीतिक संरक्षण है बड़ा कारण
मामले में वार्ड-66 की पार्षद कंचन गिदवानी की भूमिका भी सामने आई हैं जिन्होंने भी निगम के अधिकारियों को फोन करके कार्रवाई रोकने को कहा था। हालांकि दबंग दुनिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि मैंने दबाव-वबाव नहीं बनाया। बस यही कहा था कि तोड़ने से पहले एक बार इतमिनान से शिकायत की तस्दीक कर लें। इधर, मामले में एक बार फिर महापौर पूत्र का नाम भी सामने आ रहा है जिसने क्षेत्र के भाजपा नेताओं के दबाव में कार्रवाई पर ब्रेक लगवाया।
स्वीकृति से 50 फीसदी है निर्माण
शिकायतकर्ता रवि गुरनानी ने बताया कि जी+2 के नक्शे में खतुरिया परिवार को कुल 3581.25 वर्गफीट निर्माण की अनुमति दी गई थी। 42 प्रतिशत (1002.79 वर्गफीट) ग्राउंड कवरेज किया जा सकता था लेकिन मौके पर चौतरफा छोड़े जाने वाले एमओएस को कवर करके ग्राउंड कवरेज बढ़ाया गया और मौके पर 50 प्रतिशत से ज्यादा अवैध निर्माण किया गया है। नगर निगम के आला अधिकारी जानबुझकर बिल्डिंग को बचा रहे हैं। क्षेत्र के भाजपा नेताओं के संरक्षण में अवैध इमारतें पोषित हो रही है। अधिकारी शिकायतों को नजरअंदाज करते हैं और शिकायतकर्ता और खुलासे करने वाले पत्रकारों को ब्लैकमेलर की उपाधि देकर हाथ पर हाथ रखकर बैठ जाते हैं।
फिर वही बहाना ‘पुलिस बल नहीं मिला’
बीते शुक्र्रवार को 22-23 आड़ा बाजार की निर्माणाधीन बिल्डिंग को भी पुलिस बल नहीं मिला कहकर निगम ने छोड़ दिया था। गुरुवार को यूटर्न लेकर निकली गैंग ने फिर इसी बहाने को दोहराया। वहीं हकीकत इससे अलग है। राजवीबाजार थाना प्रभारी आर.डी.कानवा ने दबंग दुनिया को बताया कि निगम ने पुलिस बल मांगा था। हम दे रहे थे लेकिन बाद में उन्होंने ही मना कर दिया।
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