Saturday, June 3, 2017

2005 के चर्चित अपहरण कांड वाले नागौरी की सीमेंट कंपनी पर इनकम टैक्स का छापा

नोटबंदी के बाद कालेधन को इधर-उधर करने की शिकायत पर हुई कार्रवाई
इंदौर. विनोद शर्मा ।
पांच करोड़ की फिरौती के लिए 2005 में दुबई अंडरवर्ल्ड और अपने ही दोस्त धु्रव माहेश्वरी के हाथों अपहृरत हुए सीमेंट कारोबारी नीतेश नागौरी की नागौरी सीमेंट लिमिटेड पर सोमवार को इनकम टैक्स इन्वेस्टिगेशन विंग ने छापेमार कार्रवाई की। कार्रवाई के दौरान आयकर अधिकारियों के हाथ कई ऐसे सुराग लगे हैं जो बड़े कालेधन की अफरातफरी की पुष्टि करते हैं।
इनकम टैक्स इन्वेस्टिगेशन विंग की टीम सोमवार सुबह 10 बजे 6/3 मनोरमागंज स्थित नागौरी सीमेंट पहुंची और सर्वे की कार्रवाई शुरू कर दी है। कंपनी के डायरेक्टर कजरी नागौरी, नितेश नागौरी, कुसुम नागौरी और हिम्मतसिंह पंवार हैं। इनकम टैक्स की कार्रवाई सोमवार देर रात तक जारी रही। इस दौरान कंपनी के अकाउंट्स पेपर जांचे गए। बैंक अकाउंट्स की डिटेल ली गई। नोटबंदी के बाद कंपनी ने बड़ी रकम बैंक में जमा की। हालांकि रकम कितनी थी इसका अधिकृत आंकड़ा सामने नहीं आया।
इंट्रियां घुमाकर किया फंड रोटेट
1987 में पंजीबद्ध हुई नागौरी सीमेंट के अलावा नागौरी परिवार की दो अन्य कंपनियां है। श्रीनाथ  इन्फ्राबिल्डिंग प्रा.लि. और नागौरी एक्सपोर्ट एंड प्लांटेशन लिमिटेड। दोनों कंपनियों में कुसुम और नितेश नागौरी डायरेक्टर हैं। बताया जा रहा है इन कंपनियों के नाम का इस्तेमाल फर्जी तरीके से इंट्रियां घुमाने के लिए किया जाता है।
बीच में नागौरी सीमेंट के विस्तार की प्लानिंग थी जो कि धार के कुक्षी में साकार होना थी। इससे कंपनी की क्षमता 20 टन/डे से बढ़कर 100 टन/डे होना थी। प्रस्तावित परियोजना की लागत 44 मिलियन आंकी गई।
एक पता, चार कंपनियां पंजीबद्ध
6/3 मनोरमागंज के पते पर नागौरी परिवार की नागौरी सीमेंट लिमिटेड, चौकसे परिवार की चौकसी होल्डिंग कंपनी प्रा.लि. व ब्रुक कंसल्टिंग प्रा.लि. और चौकसी होल््िडंग कंपनी प्रा.लि. पंजीबद्ध है। चौकसी समूह पर कुछ समय पहले ही सर्विस टैक्स चोरी को लेकर कार्रवाई की गई थी।
आफताब आलाम की गैंग ने किडनेप किया था
17 अगस्त 2005 को नितेश नागौरी और धु्रव माहेश्वरी का साउदी अरब के आफताब आलाम व उनकी गैंग ने इंदौर से अपहरण किया था। 15 दिन तक पता नहीं चला। 2 सितंबर 2005 को पुलिस ने गुना के पास एक गांव से अपरहणकर्ताओं से दोनों को छुड़वाया। तब पता चला कि धु्रव और उसके मित्र गौरव शिवहरे ने आलम के साथ मिलकर नगौरी का अपहरण करवाया। आलम ने चार करोड़ की फिरौती मांगी थी। इसमें से धु्रव और गौरव को कमिशन देने के साथ दुबई की होटल में नौकरी दिलाने का भी लालच दिया गया था। 

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