Friday, June 2, 2017

1979 में जिस सईद का इंतकाल हुआ उसी ने 2014 में पॉवर साइन कर दिया

चंदननगर के सदाकत ने साजिश ने छीनी बेवा-बेटे की जमीन
इंदौर. विनोद शर्मा ।
पैसा और सरकारी ‘पॉवर’ पास हो तो असंभव भी संभव हो सकता है। कुछ ही करिश्मा कर दिखाया है चंदननगर निवासी सदाकत कुरैशी ने जिसने 1979 में अल्लाह को प्यारे हो चुके मो.सईद पिता मुस्तकीम को 2014 में जमीन पर उतारा और उससे लगभग 64 बीघा जमीन के पॉवर अपने नाम करवा लिए! किसी को इस करिश्मे पर यकीन हो या न हो लेकिन सदाकत के इस करिश्मे ने मो.सईद की बेवा हसीना बी और बेटे शाहीद के हक की जमीन छीन ली। पूरे फर्जीवाड़े की शिकायत रावजीबाजार थाने से लेकर जिला पंजीयक इंदौर/धार तक को की जा चुकी है लेकिन अब तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई।
मामला धार जिले की सरदारपुर तहसील के ग्राम अमझेरा का है। जहां सर्वे नं. 1199 (रकबा-2.592), 1200/1 (रकबा-4.233), 1201/1 (रकबा- 5.413) और 1205 (रकबा-1.630) की कुल 13.630 हेक्टेयर (147 बिघा, 12 बिसवा) जमीन का है। यह जमीन शेख चीतू और मो.मुस्तकीम की 50-50 फीसदी हिस्सेदारी के शामिल खाते की थी। इस मान से मो.मुस्तकीम के पांच लड़के हैं अब्दूल अजीज, अब्दुल रउफ, अब्दुल शकूर, अब्दुल रशीद, अब्दुल
सईद। सभी के हिस्से कुल 73.5 बिघा जमीन आना थी। इसमें से 59 मल्हार पल्टन निवासी अब्दुल सईद का इंतकाल 27 दिसंबर 1979 को हो गया था। इन्हें शेख चीतू के बेटे नजरउल्ला कुरैशी के बेटे सदाकत उल्ला ने 23 अपै्रल 2014 में जिंदा करके पूरे परिवार के फर्जी फोटो लगाकर पॉवर करवा लिया। इसी पॉवर के आधार पर 64 बीघा जमीन का सौदा कर दिया।
ऐसा था फर्जी पॉवर
23 अपै्रल 2014 को सदाकत उल्ला ने अपने फेवर में जो पॉवर बनवाया था उसमें मो.मुस्तकीम के बेटों और उनके परिजन के नाम तो लिखे गए लेकिन फोटो किन्हीं और के लगाए गए। अब्दुल सईद चूंकि उनकी मौत 22-23 वर्ष की उम्र में ही थी इसीलिए सदाकत ने इसी उम्र के बंदे का फोटो लगाया। ऐसे ही सईद की पत्नी हसीना बी और बेटे शाहीद के नाम के आगे किसी और के फोटो लगाए गए। अब्दुल सलाम, फरजराना बी पिता अब्दुल रशीद और सलीम पिता अब्दुल शकूर के नाम के आगे भी फर्जी फोटो इस्तेमाल किए गए।
बना बना इंदौर में, इस्तेमाल हुआ धार में
फर्जीवाड़ा करके पॉवर जिला पंजीयक कार्यालय इंदौर में बनाया गया है जबकि जमीन बेची गई धार जिले के अमझेरा में जो कि उप जिला पंजीयक सरदारपुर के क्षेत्राधिकार में आता है। बेचने वालों में नजरउल्ला के बेटे अमानतउल्ला, सदाकत उल्ला, रेहाना आशिकउल्ला, गजला पिता फरहातउल्ला, शकिला पति फरहतउल्ला, राहतुल्ला पिता फरहतउल्ला, वजाहतउल्ला तिपा फरहतउल्ला के नाम शामिल हैं।
दो रजिस्ट्री हुई। पहली रजिस्ट्री 9 जनवरी 2015 को  हुई। इसमें सर्वे नं. 1200/1 और 1201/1  की 9.646 हेक्टेयर जमीन का सौदा 78.07 लाख में किया। जमीन खरीदी साधना पति प्रवीण, ललीता पति गोपाल, सारिका पति मनोज निवासी अमझेरा ने।
दूसरी रजिस्ट्री 12 जनवरी 2015 को हुई। सर्वे नं. 1199 और 1200/1 की कुल 3.320 हेक्टेयर जमीन का सौदा 31.77 लाख में किया। खरीदी अश्विन पिता औंकारलाल शर्मा, वीणा पति अश्विन, कु.अवनि पिता अश्विन, आनंद पिता अश्विन  और वृशाली पिता अभय देशमुख ने।
15 बीघा जमीन की आड़ में किया सौदा
मो.मुस्तकीम के बेटे अब्दूल अजीज ने 1972 में 15 बीघा जमीन नजरउल्ला को बेची थी। इसी विक्रय पत्र में छेड़कानी करके सदाकत ने पूरी जमीन हड़पने की साजिश रची।
 कुछ भी नहीं है हाथ में
एडीजी कार्यालय में की गई शिकायत में हसीना बी और उनके बेटे शाहीद ने बताया कि मामले की शिकायत रावजीबाजार थाने से लेकर धार कलेक्टर तक को कर चुके हैं। पुलिस ने फर्जीवाड़ा माना भी लेकिन कोई कायमी नहीं की। कोर्ट में भी अपील विचाराधीन है। आज परिवार के पास जरा भी जमीन नहीं बची है। हक की लड़ाई मरते दम तक लड़ते रहेंगे।

No comments:

Post a Comment