Saturday, June 3, 2017

बॉबी की नवभारत में सदस्यता के नाम पर जोड़े 2000 ‘दो नंबरी’

सहकारिता विभाग द्वारा नियुक्त प्रशासक ने 2017 में जारी कर दी 2007 में बनी फर्जी सूची
- आज आपत्ति पेश करने का अंतिम दिन
इंदौर. विनोद शर्मा ।
‘शिव’ सरकार की सख्ती और नौ महीने जेल में रहने के बाद भी भू-माफिया रणवीरसिंह उर्फ बॉबी छाबड़ा की अकल ठिकाने नहीं आई। इसकी बड़ी मिसाल हाल में प्रकाशित हुई विवादित नवभारत गृह निर्माण सहकारी संस्था की सदस्यता सूची है। संचालक मंडल भले भंग है। भू-माफिया बॉबी के फरमाबरदार  सहकारिता अधिकारियों ने 2017 के चुनाव के लिए सदस्यों की वही सूची फाइनल कर दी जो 2007 में बॉबी ने बनाई थी। सूची की यूएसपी विधानसभा-2 में रहने वाले दो हजार से ज्यादा ऐसे मतदाता हैं जिन्हें बॉबी के कहने पर चिराग शाह ने सदस्य बना दिया था लेकिन इनमें से एक भी आज तक सदस्यता से वाकिफ नहीं है।
नवभारत के वर्षों से भंग पड़े संचालक मंडल के लिए चुनाव  इस साल होना है। मप्र राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी प्रभात पाराशर ने सदस्यता सूची के प्रकाशन और दावे-आपत्ति से लेकर चुनाव तक की जिम्मेदारी डिप्टी कलेक्टर शालिनी श्रीवास्तव को सौंपी है। सहकारिता विभाग द्वारा नियुक्त किए गए संस्था के प्रशासक जगदीश जलौदिया ने सूची फाइनल करके दे दी है। इस पर 6 अपै्रल तक आपत्ति ली जाना है। इधर, सूची का विरोध शुरू हो चुका है। बताया जा रहा है कि 2004-2005 में बॉबी ने अपने गुर्गे चिराग शाह को सदस्यता सूची बढ़ाने को कहा था। चिराग ने आनन-फानन में विधानसभा-2 के मतदाताओं के नाम निकाले और सदस्यता सूची में जोड़ दिया।
थोकबंद दी सदस्यता
सदस्यता सूची में सिर्फ विधानसभा-2 के नंदानगर, नेहरूनगर, सर्वहारानगर,  जबरनकॉलोनी, अंबेडकरनगर, सुखलिया, विजयनगर, एमआईजी, जगजीवनरामनगर, पाटनीपुरा, बजरंगनगर जैसी कॉलोनियों के ही नहीं बल्कि खजराना, पालीवानगर, असरावद खुर्द और कदवाली मार्ग जैसे पतों पर रहने वालों के नाम भी थोकबंद जोड़े गए।
इसी सदस्यता सूची से चुना गया था संचालक मंडल
खास बात यह है कि बॉबी के कहने पर चिराग शाह ने जो सदस्यता सूची बनाई थी उसी के आधार पर चुनाव हुए और 17 नवंबर 2007 को संस्था का संचालक मंडल चुना गया। इसमें चिराग का भाई आनंद शाह अध्यक्ष चुना गया। बाकी संचालक थे रशीद पिता बशीर पटेल, हेमराज लक्ष्मणसिंह पटेल, उदयभान सुखदेव वर्मा, दिलीप हिरालाल शाह, सुधीर रविकांत तिवारी, अनिल एसएल मोदी, विक्की गुल्ली सहगल, रश्मि अशोक व्यास, राहुल कैलाशचंद सोनी।
हेमंत आनंदराव शिंदे
18 नंदानगर
सदस्यता क्रमांक 3996 (24 दिसंबर 2004)
शिंदे का कहना : सदस्यता लेना तो दूर मैंने तो संस्था का नाम ही पहली बार सूना है।
अतूल सेठ पिता चिमनलाल शाह
ई-45 एमआईजी
सदस्यता क्रमांक 4976(27 सितंबर 2005)
सेठ का कहना है: मैंने आज दिन तक किसी हाउसिंग सोसायटी की सदस्यता नहीं ली। मुझे नहीं पता मेरा नाम नवभारत में किसने, क्यों और कब जोड़ा।
राजकुमार रामावतार अखंड
118 अंबेडकरनगर
सदस्यता क्रमांक 5007 (30 सितंंबर 2005)
अखंड का कहना : संस्था के बारे में कोई जानकारी नहीं है। सदस्यता कभी नहीं ली।
(अखंड को एक बार सदस्यता देकर भी बॉबी का पेट नहीं भरा तो दो बार सदस्यता दे दी। 1 जनवरी 2005 को क्रमांक 4046 की सदस्यता दी। नौ महीने बाद उन्हें 30 सितंबर को दूसरी सदस्यता 5007 दे दी।)
अजीत अमृतलाल रघुवंशी
869/9 नेहरूनगर
सदस्यता क्र. 5005 (30 सितंबर 2005)
रघुवंशी बोले- मैंने कभी सदस्यता नहीं ली। अखबारों में ही संस्था का नाम और कारनामें पढ़ते आए हैं। कभी आॅफिस भी नहीं देखा।



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