इंदौर. विनोद शर्मा ।
जिस गौरीनगर विस्तार के नाम पर भू-माफिया एक के बाद एक अवैध गौरीनगर बसाए जा रहे हैं वह 29 साल में 5 एकड़ से 70 एकड़ में फैल चुका है। बिना रजिस्ट्री के सिर्फ किसानों से एग्रीमेंट के आधार पर जमीन लेकर कॉलोनी काटने वाले भू-माफिया नगर निगम और प्लॉट होल्डरों को चकमा देने के साथ ही जिला पंजीयक कार्यालय की आंखों में धूल झौंककर स्टॉम्प शुल्क बचा रहे हैं।
खातीपुरा में गौरीनगर विस्तार के नाम पर कैसे अवैध कॉलोनियां आकार ले रही है? इसका खुलासा दबंग दुनिया ने ‘गौरीनगर विस्तार के नाम पर नकली गौरीनगर’ शीर्षक से प्रकाशित समाचार में शुक्रवार को किया था। इसके बाद जहां भू-माफिया अपने संरक्षणदाता नेताओं के चक्कर काटते नजर आए वहीं प्लॉट खरीदने वाले लोग अपने प्लॉट के पैसे वापस लेने के लिए भू-माफियाओं का कॉलोनी में इंतजार करते रहे।
किसानों से एग्रीमेंट ही किए
जिस जमीन पर भाजपा अम्बेडकर मंडल के उपाध्यक्ष पवन चौधरी कॉलोनी काट रहे हैं उसका सर्वे नं. 456/2, 457 और 458 (हिस्सा) शामिल है। यह जमीन अमृत पिता मोहन माली, मोतीलाल और विजय माली के नाम है। चौधरी ने दबंग दुनिया द्वारा किए गए कॉलोनी के खुलासे के बाद क्षेत्र के कद्दावर नेताओं के माध्यम से नगर निगम के भवन अधिकारी और निरीक्षक को फोन लगवाया ताकि कार्रवाई न हो। निगम के अधिकारियों ने भी बिना मैदान पर जाए ही फोन पर कह दिया कि अभी चार-आठ दिन काम बंद रखो। ताकि यह कहा जा सके कि काम बंद करवा दिया है।
जिस जमीन कांग्रेस-भाजपा की संयुक्त राजनीति करते आ रहे चंद्रशेखर पटेल के नजदीकी मनीष पंवार कॉलोनी काट रहे हैं उसका सर्वे नं. 458 और 461, 462 है जो कि राजस्व रिकार्ड में माली परिवार के नाम ही दर्ज है। एक मालिक का नाम दारासिंह बताया जा रहा है।
लाखों के स्टॉम्प चोरी
यदि कोई जमीन खरीदता है तो उसे चुकाई जा रही कीमत के आधार पर रजिस्ट्री कराना होती है जिसके लिए स्टॉम्प शुल्क चुकाना होता है। यहां स्टॉम्प शुल्क बचाने के लिए भू-माफियाओं ने किसानों से सिर्फ एग्रीमेंट करके जमीन के अधिकार प्राप्त किए और जमीन पर कॉलोनी प्लान करके प्लॉट काटना शुरू कर दिए हैं। बताया जा रहा है कि भू-माफियाओं ने लाखों की स्टॉम्प शुल्क चोरी की।
ऐसा था गौरीनगर और अब ऐसा हो गया
बताया जा रहा है कि खातीपुरा गांव की जमीनों पर गौरीनगर 1988 में भाजपा नेता आईपीएस यादव और उनके सहयोगियों ने बसाना शुरू किया था। शुरूआती दौर में कॉलोनी बमुश्किल 5 एकड़ जमीन पर थी और 60-70 मकान बने थे। 1998 से 1995 के बीच यहां 500 मकान बने। कुछ एरिया बढ़ा। अब 2017 में गौरीनगर नाम की यह कॉलोनी करीब 70 एकड़ में फैल चुकी है। यहां बने मकानों की संख्या ही करीब पांच हजार हो चुकी है। इस बीच गौरीनगर नया और गौरीनगर पुराने की पहचान मिली। इस बीच सूरजनगर, आदिनाथनगर, रूपनगर, भगवतीनगर, यशोदानगर, केशवनगर, भोलेनाथ धाम जैसी कॉलोनियां भी कट गई।
जिस गौरीनगर विस्तार के नाम पर भू-माफिया एक के बाद एक अवैध गौरीनगर बसाए जा रहे हैं वह 29 साल में 5 एकड़ से 70 एकड़ में फैल चुका है। बिना रजिस्ट्री के सिर्फ किसानों से एग्रीमेंट के आधार पर जमीन लेकर कॉलोनी काटने वाले भू-माफिया नगर निगम और प्लॉट होल्डरों को चकमा देने के साथ ही जिला पंजीयक कार्यालय की आंखों में धूल झौंककर स्टॉम्प शुल्क बचा रहे हैं।
खातीपुरा में गौरीनगर विस्तार के नाम पर कैसे अवैध कॉलोनियां आकार ले रही है? इसका खुलासा दबंग दुनिया ने ‘गौरीनगर विस्तार के नाम पर नकली गौरीनगर’ शीर्षक से प्रकाशित समाचार में शुक्रवार को किया था। इसके बाद जहां भू-माफिया अपने संरक्षणदाता नेताओं के चक्कर काटते नजर आए वहीं प्लॉट खरीदने वाले लोग अपने प्लॉट के पैसे वापस लेने के लिए भू-माफियाओं का कॉलोनी में इंतजार करते रहे।
किसानों से एग्रीमेंट ही किए
जिस जमीन पर भाजपा अम्बेडकर मंडल के उपाध्यक्ष पवन चौधरी कॉलोनी काट रहे हैं उसका सर्वे नं. 456/2, 457 और 458 (हिस्सा) शामिल है। यह जमीन अमृत पिता मोहन माली, मोतीलाल और विजय माली के नाम है। चौधरी ने दबंग दुनिया द्वारा किए गए कॉलोनी के खुलासे के बाद क्षेत्र के कद्दावर नेताओं के माध्यम से नगर निगम के भवन अधिकारी और निरीक्षक को फोन लगवाया ताकि कार्रवाई न हो। निगम के अधिकारियों ने भी बिना मैदान पर जाए ही फोन पर कह दिया कि अभी चार-आठ दिन काम बंद रखो। ताकि यह कहा जा सके कि काम बंद करवा दिया है।
जिस जमीन कांग्रेस-भाजपा की संयुक्त राजनीति करते आ रहे चंद्रशेखर पटेल के नजदीकी मनीष पंवार कॉलोनी काट रहे हैं उसका सर्वे नं. 458 और 461, 462 है जो कि राजस्व रिकार्ड में माली परिवार के नाम ही दर्ज है। एक मालिक का नाम दारासिंह बताया जा रहा है।
लाखों के स्टॉम्प चोरी
यदि कोई जमीन खरीदता है तो उसे चुकाई जा रही कीमत के आधार पर रजिस्ट्री कराना होती है जिसके लिए स्टॉम्प शुल्क चुकाना होता है। यहां स्टॉम्प शुल्क बचाने के लिए भू-माफियाओं ने किसानों से सिर्फ एग्रीमेंट करके जमीन के अधिकार प्राप्त किए और जमीन पर कॉलोनी प्लान करके प्लॉट काटना शुरू कर दिए हैं। बताया जा रहा है कि भू-माफियाओं ने लाखों की स्टॉम्प शुल्क चोरी की।
ऐसा था गौरीनगर और अब ऐसा हो गया
बताया जा रहा है कि खातीपुरा गांव की जमीनों पर गौरीनगर 1988 में भाजपा नेता आईपीएस यादव और उनके सहयोगियों ने बसाना शुरू किया था। शुरूआती दौर में कॉलोनी बमुश्किल 5 एकड़ जमीन पर थी और 60-70 मकान बने थे। 1998 से 1995 के बीच यहां 500 मकान बने। कुछ एरिया बढ़ा। अब 2017 में गौरीनगर नाम की यह कॉलोनी करीब 70 एकड़ में फैल चुकी है। यहां बने मकानों की संख्या ही करीब पांच हजार हो चुकी है। इस बीच गौरीनगर नया और गौरीनगर पुराने की पहचान मिली। इस बीच सूरजनगर, आदिनाथनगर, रूपनगर, भगवतीनगर, यशोदानगर, केशवनगर, भोलेनाथ धाम जैसी कॉलोनियां भी कट गई।
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