Saturday, June 3, 2017

एप्पल हॉस्पिटल में 43 हजार वर्गफीट निर्माण अवैध

- निगम ने नपती करके निकाला था 26 हजार वर्गफीट का अंतर
- जांच की जगह कराया संपत्ति कर जमा
इंदौर. विनोद शर्मा ।
इंदौर के जिस एप्पल हॉस्पिटल की नपती करके नगर निगम के राजस्व अमले ने 26 हजार वर्गफीट से ज्यादा का अंतर निकाला था उसमें 38 हजार वर्गफीट से ज्यादा अवैध निर्माण है। आंकड़ों के लिहाज से बात करें तो अस्पताल को टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से लेकर नगर निगम तक ने करीब 30195 वर्गफीट निर्माण की अनुमति दी थी जबकि हॉस्पिटल बना है तकरीबन 73855 वर्गफीट पर। इसकी पुष्टि हॉस्टिल का संपत्तिकर खाता भी कर रहा है।
आयुक्त, प्रमुख सचिव और नगरीय प्रशासन मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक पहुंची एक शिकायत से शहर के प्रतिष्ठित सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल्स में से एक एप्पल हॉस्पिटल की हाल-ए-हकीकत उजागर हुई। भंवरकुआं मेनरोड स्थित एप्पल कस्बा इंदौर के सर्वे नं. 1618/3/1, 1618/3/2, 1619/1 और 1619/2 की 0.170 हेक्टेयर (18258 वर्गफीट) पर बना हुआ है। इसमें पार्किंग के लिए आरक्षित दो बेसमेंट के आलवा 18 मीटर (करीब 60 फीट) ऊंची इमारत मंजूर की गई जिसे सामान्यत: 6 मंजिला बिल्डिंग के रूप में देखा जाता है। इसके बाद भी हाइट में खेल करते हुए मनमाना निर्माण किया गया।
2012 में मंजूर हुआ नक्शा
राजेश पिता एमएल बंसल, बद्रीलाल बंसल, मोहनलाल बंसल, चंद्रकला बंसल, ममला बंसल और वर्षा बंसल के नाम से 26 फरवरी 2011 को टीएनसी होने के बाद नगर निगम ने 13 अपै्रल 2012 को हॉस्पिटल की बिल्डिंग पर्मिशन (0453) जारी की। पर्मिशन मेसर्स फ्रेंड्स यूनिअी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के नाम पर जारी की गई। 15/1 ट्रांसपोर्टनगर के पते पर पंजीबद्ध इस कंपनी में उमेश मित्तल, दलजीतसिंह, राजेंद्र अग्रवाल, मनोज शर्मा, हरिसिंह पटेल और हिमांशु अग्रवाल डायरेक्टर हैं।
गड़बड़ियां
पूर्व पार्षद और आरटीआई कार्यकर्ता परमानंद सिसोदिया की शिकायत के अनुसार 1.5 एफएआर और 18 मीटर हाइट के साथ कुल 30195 वर्गफीट निर्माण मंजूर किया गया था। भवन अधिकारी और भवन निरीक्षकों से लेकर मुख्यालय में बैठे आला अधिकारियों तक की शह मिलने के बाद ही इससे 38 हजार वर्गफीट ज्यादा निर्माण किया जा सकता है।
यह है मंजूरी : 18258 वर्गफीट के कुल प्लॉट एरिया पर 1.5 एफ के साथ 27450 वर्गफीट निर्माण मंजूर हुआ। इसमें 10 प्रतिशत (2745 वर्गफीट) बालकनी कवरेज मान्य किया गया। मतलब कुल अनुमति हुई 30195 वर्गफीट।
बना ऐसा :  बेसमेंट 1 (10500 वर्गफीट),  बेसमेंट 2 (10500 वर्गफीट),  बेसमेंट 3 (10500 वर्गफीट), ग्राउंड फ्लोर (9135), ग्राउंड फ्लोर-2 (5000 वर्गफीट), पहली मंजिल (9135 वर्गफीट), दूसरी मंजिल (10117 वर्गफीट), तीसरी मंजिल (10117 वर्गफीट),  चौथी मंजिल (10117 वर्गफीट), पांचवी मंजिल (10117 वर्गफीट) और छठवीं मंजिल (10117 वर्गफीट) पर कुल 73855 वर्गफीट निर्माण जो कि स्वीकृत हुए 30195 वर्गफीट से 43660 वर्गफीट ज्यादा है।
संपत्तिकर का नहीं निर्माण का अंतर
नगर निगम ने जोन 13 के वार्ड-74 स्थित पिपल्याराव के प्लॉट नं. 127-1-3 की 6 फरवरी 2017 को नपती की थी। इसमें 26333 वर्गफीट का अंतर सामने आया था। असल में अंतर 43660 वर्गफीट का है। निगम द्वारा निकाला गया अंतर संपत्तिकर का नहीं बल्कि निर्माण का था। इसीलिए जिम्मेदार अधिकारियों को चाहिए था कि वे संपत्ति कर जमा करवाने से पहले अस्पताल संचालकों से यह पूछे कि 43660 वर्गफीट अतिरिक्त निर्माण किसकी अनुमति से किया? बीओ और बीआई की भूमिका भी तय होना चाहिए थी जो नहीं हुई।

परमानंद सिसोदिया
पूर्व पार्षद

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