Saturday, June 3, 2017

जनकल्याण और बसंत विहार गृह निर्माण के खिलाफ लोकायुक्त जांच

सहकारिता विभाग और टीएंडसीपी से लेकर मुख्यमंत्री तक की आंख में झौंकी धूल
इंदौर. विनोद शर्मा।
झगड़े की जमीन पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से प्लॉट बटवाने और संस्था की जमीनों की बंदरबांट करने वाले जनकल्याण गृह निर्माण और उसकी जैबी संस्था बसंत विहार गृह निर्माण सहकारी संस्था के संचालकों के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने छह महीने में दूसरी बार जांच प्रकरण (1101/16) पंजीबद्ध किया है। लोकायुक्त एक शिकायत पर अक्टूबर में ही जांच प्रकरण (303/16) दर्ज करके जांच कर रहा है। आरटीआई कार्यकर्ता दिलीप जैन की शिकायत पर दर्ज हुए जांच प्रकरण के संबंध में शिकायतकर्ताओं के साथ ही लोकायुक्त ने ज्वाइंट डायरेक्टर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग, एसडीएम, उपायुक्त कॉलोनी सेल से भी पत्र लिखकर जानकारी मांगी है।
8 अप्रैल 2017 को लोकायुक्त कार्यालय भोपाल के विधि सलाहकार द्वारा  दिलीप जैन को लिखे गए पत्र में दर्ज किए गए जांच प्रकरण की जानकारी दी गई। लोकायुक्त ने इस संबंध में जैन से दस्तावेज ई जानकारियां भी मांगी है जिनके आधार पर जैन द्वारा जन कल्याण और बसंत विहार गृह निर्माण सहकारी संस्था के खिलाफ शिकायत की गई थी। इससे पहले मैन्ने 22 मार्च 2017 को की गई शिकायत के संबंध में शपथ पत्र लोकायुक्त के समक्ष प्रस्तुत किया था।
विभाग को गुमराह कर पास करवाया नक्शा
ज्वाइंट डायरेक्टर टीएंडसीपी राजेश नागल ने 21 मार्च 2017 को उपायुक्त सहकारिता को पत्र (2245/नग्रानि/2017) लिखा और कहा कि जनकल्याण और बसंत विहार ने टीएंडसीपी और आपके विभाग को गुमराह कर नक्शा पास करवाया है। इस संबंध में 20 जनवरी 2017 को पत्र लिखकर सहकारिता विभाग से सबंधित जानकारी मांगी गई थी जो विभाग ने नहीं दी। जानकारी जल्दी दें ताकि लोकायुक्त को भी जवाब दिया जा सके। ऐसा ही नागल ने एसडीएम इंदौर और आयुक्त नगर निगम को भी पत्र (2243-2244/नग्रानि/2017) लिखकर जानकारी मांगी थी।
अक्टूबर 2016 से लोकायुक्त मांग रहा है जानकारी
टीएंडसीपी, एसडीएम आॅफिस और नगर निगम के बीच हुए पत्राचार के मुताबिक मामले लोकायुक्त ने अक्टूबर 2016 से ही छानबीन शुरू कर दी थी। इस मामले में लोकायुक्त ने 7 अक्टूबर 2016 को भी पत्र (4508/जां.प्र.303/16) के संबंध में जानकारी मांगी गई थी लेकिन विभागों से जानकारी नहीं मिली।
शिकायत
बसंत विहार गृह निर्माण सहकारी संस्था की ग्राम निपानिया में 6.533 हेक्टेयर जमीन (सर्वे नं. 78/1, 78/3, 79/2, 77/2, 79/5, 88/2, 79/3 व 80/2) है। 129 इमली बाजार के पते पर पंजीबद्ध इस संस्था द्वारा प्रस्तावित पुखराज एवेन्यू कॉलोनी के प्लॉटों को लेकर सदस्य वर्षों तक परेशान रहे। शिकवा-शिकायतों और 2009 में शुरू हुए सरकारी अभियान के बाद सहकारिता विभाग ने जांच की। विधानसभा में उठे एक सवाल के जवाब में 2011 में उपायुक्त महेंद्र दीक्षित ने बताया था कि बसंत विहार के दो सदस्यों को पुखराज ऐवेन्यू कॉलोनी में प्लॉट दिए गए हैं। एक आयोजन में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने प्रतीकस्वरूप दो लोगों को अपने हाथों से आवंटन पत्र दिये थे।
संस्था ने ले-आउट मंजूरी के लिए टाउन एंड कंट्री प्लानिंग में आवेदन किया 13 अपै्रल 2011 को। ले-आउट मंजूर (4908/एस/181/11/नग्रानि/2011) 8 जुलाई 2011 को। 65330 वर्गमीटर कुल जमीन में से टीएनसी ने 35747 वर्गमीटर प्लाट एरिया विकसित करने की अनुमति दी।  इसमें 1000 वर्गफीट के 36, 1200 वर्गफीट के 40, 1500 वर्गफीट के 128 और 2400 वर्गफीट के करीब 35 प्लॉट विकसित करना थे। 7 जुलाई 2014 तक वेलिड रहने वाले इस नक्शे पर भी संस्था ने काम नहीं किया।
अगस्त 2016 में संस्था ने मप्र नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 29(3) के तहत 2011 में स्वीकृत हुए नक्शे का रिवाइज प्लान मंजूर कराने के लिए आवेदन किया। संस्था का नक्शा रिवाइज करने से पहले 28 सितंबर 2016 को  जो विज्ञप्ति जारी की गई थी उसमें अधिकारियों ने नक्शे के रिविजन से कॉलोनी के प्लॉटधारकों के हित प्रभावित होने की आशंका जताई थी लेकिन खारिज किया शिकायत के बाद।
  

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