कॉलोनी सेल का कमाल, देने जा रहे हैं
2023 में इसी सेल ने हीना पैलेस वैध कर दी थी, फिर अवैध छोड़ना पड़ा
इंदौर. विनोद शर्मा ।
नगर निगम की कॉलोनी सेल अवैध कॉलोनियों को वैध करने के नाम पर "कमाल' कर रही है। 2023-24 में कलेक्टर द्वारा सरकारी घोषित की गई जमीन पर प्रस्तावित हीना पैलेस को नियमित करने की नाकाम कोशिश की गई। अब उसी अंदाज में लसूड़िया की सबसे विवादित कॉलोनी प्रिंसेस एस्टेट काॅलोनी को बालेबाले वैध किया जा रहा है। ये कॉलोनी कुख्यात भू-माफिया महेंद्र जैन और उनके साले अरूण डागरिया की है। जिनके खिलाफ प्लॉट के नाम पर धोखाधड़ी के एक दर्जन केस लसूड़िया थाने में लम्बित है।
नगर निगम के "गांधीवादी' अफसरों ने भ्रष्टाचार को दो हिस्सों में बांट दिया है। एक सीधे-सीधे करना पड़ता है। दूसरा करना नहीं पड़ता, हो जाता है। इसका बड़ा उदाहरण है कॉलोन सेल। जब से अवैध कॉलोनियों के नियमीतिकरण की प्रक्रिया शुरू हुई है, कॉलोनी सेल ने एक के बाद एक ऐसे जादू दिखा दिए, जिससे सब हैरान हैं। इस कड़ी में 19 अगस्त 2025 को अखबारों में जाहिर सूचना प्रकाशित कराई गई। इसमें सर्वे क्रमांक 257पार्ट, 258पार्ट, 259पार्ट, 260पार्ट, 261 पार्ट, 262पार्ट, 263पार्ट, 264/1पार्ट, 268 पार्ट, 269 पार्ट, 324पार्ट, 325पार्ट, 326पार्ट, 328पार्ट, 329 पार्ट, 330 पार्ट पर कटी प्रिंसेस एस्टेट कॉलोनी का ही जिक्र है।
सूचना के माध्यम से कॉलोनी के प्लॉटधारकों को सूचित करते हुए कहा गया है कि वे विकास शुल्क की राशि अनुसार अनिवार्य रूप से जमा कराएं। इसमें नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग द्वारा 18 जुलाई 2023 को जाी पत्र (2915/1452905/2023/18-3) का हवाला देते हुए कहा गया है कि 150 रुपए/वर्गफीट की दर से विकास शुल्क जमा कराने वालों की कॉलोनी वैध की जाएगी। हालांकि नियमानुसार कॉलोनी में मकान होना भी जरूरी है लेकिन इस कॉलोनी में मकान नहीं बने हैं। न रहवासी है। न रहवासी संघ। बावजूद इसके कुख्यात भू-माफियाओं ने कॉलोनी को वैध करने का आवेदन लगा दिया। जिसे ले-देकर कॉलोनी सेल के कर्ताधर्ताओं ने स्वीकार भी कर लिया।
इससे पहले हीना पैलेस में हुआ था खेल
अगस्त 2023 में ही नगर निगम ने श्रीराम गृह निर्माण की अशरफ नगर को वैध करने की तैयारी की थी। इमसें खजराना के सर्वे नंबर 106, 1018, 1019/2, 1020, 1023/1, 1024, 1027, 1030 सहित 1028, 1437, 1015 1435, 1004, 1527 सहित अन्य खसरों की कुल 8.861 हेक्टेयर यानी 20 एकड़ से अधिक जमीन शामिल की गई है। इनमें से अधिकांश खसरे हीना पैलेस के थे। जिसकी जमीन कलेक्टर मनीष सिंह सरकारी घोषित कर चुके थे।
कॉलोनी सेल कई जादू सफलता पूर्वक दिखा चुका...
लोकायुक्त तक पहुंची एक शिकायत के अनुसार बिजलपुर की सनसाइन कॉलोनी और सिरपुर गांव की श्रीहरि विहार कॉलोनी भी वैध की गई। सनसाइन फार्म हाउस प्रोजेक्ट था जहां सिंधी समुदाय की अधिकांश हवेलियां बिना नक्शे या निगम से स्वीकृत नक्शे के विपरीत बनी है। इसी तरह श्रीहरि विहार में प्लॉटधारकों के पास न रजिस्ट्री है, न नोटरी। फिर भी कॉलोनी वैध हो गई।
अक्षरधाम भी वैध करने की तैयारी
इसी तरह 19 अगस्त 2025 को ग्राम मुसाखेड़ी के सर्वे नंबर 456/1, 456/2, 459, 460, 461, 461/1, 461/2, 463/5/4, 465/1, 465/3 की जमीन पर कटी अक्षरधाम कॉलोनी को वैध करने की तैयारी की गई। कॉलोनी से 1614 रुपए/वर्गमीटर पैसा विकास शुल्क मांगा गया। इसमें 1036 रुपए/वर्गमीटर आतंरिक विकास पर खर्च होगा और 578 रुपए/वर्गमीटर बाह्य विकास पर। तीन साल पहले कॉलोनी की शिकायतों के बाद अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेड़ेकर ने जांच कराई थी। अमृता, मेघना और गणपति तीन सहकारी समितियों को मिलाकर करीब 90 एकड़ जमीन पर कुलभूषण मित्तल, अरविंद बागड़ी, रमेश जैन, जगदीश, राम ऐरन, किशोर गोयल, जगदीश टाइगर पर हेरफेर के आरोप लगे थे।
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