Thursday, August 21, 2025

निगम की निगरानी में राऊ बना अवैध कॉलोनी का अड्‌डा


 आरोप सीईओ से लेकर अध्यक्ष तक भू-माफियाओं के मुनाफे में भागीदार
इंदौर. विनोद शर्मा ।
जिला प्रशासन की तमाम सख्ती के बावजूद नगर परिषद के संरक्षण में भू-माफियाओं ने राऊ को अवैध कॉलोनियों का अड्डा बना दिया है। इक्का-दुक्का कार्रवाई हुई भी लेकिन दिखावे की। इसीलिए कॉलोनी और कॉलोनाइजर पनपते रहे। हालांकि राऊ नगर परिषद द्वारा नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को जानकारी में बताया कि दिसंबर 2016 तक अस्तित्व में आई कॉलोनियों के मामले में 35 कॉलोनाइजरों पर एफआईआर कराई गई है। हालांकि राऊ पुलिस ऐसे आंकड़ों को नहीं स्वीकारती। बताया जा रहा है कि 8-10 कॉलोनाइजरों पर ही एफआईआर हुई है। 
 इंदौर विकास प्राधिकरण ने भले स्कीम-165 कमलनाथ सरकार में खत्म की हो और अब तक जमीनों की एनओसी भी किसानों को नहीं मिली हो लेकिन राऊ की 260.78 एकड़ जमीन पर 31 दिसंबर 2016 से पहले ही 35 कॉलोनियां कट चुकी थी। ये जानकारी राऊ नगर परिषद ने दी है। आधी-अधूरी और मनगढ़ंत कहानी की तरह दी गई जानकारी में 161.38 एकड़ जमीन पर कटी 14 कॉलोनियां ऐसी है जिनमें 2025 तक भी परिषद मकानों की संख्या नहीं बता पाई। बाकि 96.39 एकड़ जमीन पर कटी 20 कॉलोनियों में 2367 मकान बने हुए हैं। 
 अवैध कॉलोनियों को लेकर परिषद की गंभीरता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि 1 जनवरी 2017 से 31 जनवरी 2025 के बीच 8 साल में कटी नई कॉलोनियों और वहां बने मकानों की संख्या नहीं बताई। न ये बताया कि इन दौरान कॉलोनी काटने वाले कितने लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई गई।
*निगम परिषद बड़ी मेहरबान...*
क्षेत्र में विकसित हुई और हो रही अवैध कॉलोनियों के साथ ही अवैध निर्माण को लेकर निगम परिषद मेहरबान है। निगम परिषद के अध्यक्ष और सीईओ की जुगलबंदी ने जिन कॉलोनियों में एक मकान नहीं बना उन्हें बरसों पुरानी कॉलोनियां बताकर कार्रवाई के दायरे से बाहर कर दिया है। इसकी ऐवज में कॉलोनाइजर से मोटी रकम मिल रही है। 
2 एकड़ में 2 करोड़ लागत, 1 करोड़ रिश्वत,9 करोड़ कमाई 
क्षेत्र में कॉलोनियों में प्लॉट की कीमत 2000 रुपए वर्गफीट से लेकर 2500 रुपए वर्गफीट तक हैं। शुरुआत 800 से 1500 रुपए वर्गफीट में हुई थी। दो एकड़ (87120 वर्गफीट) जमीन पर प्लॉट काटकर 60000 वर्गफीट माल बेचा जा रहा है। 2000 रुपए/वर्गफीट की औसत कीमत से इसकी कुल लागत 12 करोड़ वसूलता है। वह भी बिना किसी अनुमति के। इसमें से 2 करोड़ सड़क-सीवरेज की लागत। 1 करोड़ निगम परिषद के पदाधिकारियों की फीस। सूखी कमाई 9 करोड़। 
कार्रवाई करते हैं..
आरोप बेबुनियाद हैं। अवैध कॉलोनियों पर लगातार होती है कार्रवाई। कई के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर। 
सीएस निगम, सीईओ
राऊ निगम परिषद

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