Thursday, August 21, 2025

हरियाली हर, भरा अपना घर


सहायक अधीक्षक उद्यान चेतन पाटिल के चमत्कारों से निगम भी भौचक
पेड़ों की कटाई-छटाई से खूब कमाई 
इंदौर. विनोद शर्मा । 
एक तरफ महापौर से लेकर मंत्री तक इंदौर को हराभरा करने में जुटे हैं, वहीं उद्यान विभाग के अधिकारी हरियाली के नाम पर खुद ही हरेभरे हो रहे हैं। ईओडब्ल्यू ने उद्यान विभाग के जिस सहायक निरीक्षक चेतन पाटिल पर आय से अधिक संपत्ति मामले में कार्रवाई की है उसने उद्यान विभाग के कर्मचारियों को शहर की हरियाली से कमाना सीखा दिया। फिर पेड़-पौधों की बेहिसाब खरीदी का मामला हो या फिर सीमेंटेड डिवाइडर निकालकर बेची गई जालियां का हिसाब। हर जगह, चेतन की चिंता ने उनकी तिजौरी भर दी।  
 बतौर मस्टरकर्मी नियुक्त चेतन पाटिल को राजनीतिक और प्रशासनिक चिंतकों ने खूब सिंचित और पोषित किया। इसी से बेखौफ हुए चेतन ने नगर निगम के उद्यान विभाग में ऐसा जलवा दिखाया कि नगर निगम की सबसे कमाऊ विंग भवन अनुज्ञा के इंजीनियर-दरोगा भी दंग रह गए। ईओडब्ल्यू को कई बार चेतन की शिकायत मिल चुकी है। एक शिकायत की मानें तो 2015 से लेकर 2025 के बीच शहर की सड़कों के बीच लोहे के डिवाइडर-ग्रीन बेल्ट हटाकर सीमेंटेड ग्रीन बेल्ट बनाए गए। जो लोहा हटा, उसमें से बड़ा हिस्सा चेतन और उनकी टीम बेचकर कमा गई। इसमें बड़ा बेल्ट भमौरी से पाटनीपुरा के बीच का था। जहां पांच फीट ऊंचे डिवाइडर थे।  
 2018-19 में उद्यान अधिकारी बना दिया गया था। जिसकी शिकायत हुई। पाटिल को हटा दिया गया। यहां तक की लॉकडाउन में जोन पर केक काटने के मामले में निलंबित भी कर दिया गया था। बाद में पाटिल ने ऐसा चमत्कार दिखाया कि उन्हें उद्यान में ही सहायक अधीक्षक बना दिया गया। 
पेड़ काटे, लकड़ी बेच खाई 
चेतन के मार्गदर्शन में छंटाई के नाम पर पेड़ों की बेहिसाब कटाई हुई। इसके अलावा सड़कों के निर्माण के नाम पर उद्यान विभाग ने बड़ी संख्या मंें पेड़ काटे गए। इनमें से अधिकांश लकड़ी उन ठेकेदारों को बेची गई जो नगर निगम द्वारा संचालित मुक्तिधाम में ठेका लेकर बैठे हैं। चेतन से सस्ते में लकड़ी खरीदकर ठेकेदारों ने नगर निगम में महंगे बिल लगाए।  
सीएम हेल्प लाइन और इंदौर-311 पर शिकायत करने वाली टीम बनाकर रखी। जिनकी कथित शिकायतों पर पड़े काटे गए। रेडीसन के सामने भी ऐसे ही अनावश्यक पेड़ काटे गए थे। बाद में लकड़ी बिक गई। 
पेड़ों की अवैध कटाई पर 10 हजार का जुर्माना है। पश्चिम क्षेत्र में 30 पेड़ों की अवैध कटाई का मामला सामने अाया था। 3 लाख वसूले जाना थे। वसूले गए 10 हजार। प्लॉट मालिक से तो डेढ़ लाख लिए गए थे।  
पेड़ किराए पर लिए, बताए खरीदे गए हैं
नगर निगम की अपनी नर्सरी है। बावजूद इसके जीआईएस, जी-20, प्रवासी भारतीय सम्मेलन के दौरान तकरीबन 12 करोड़ के पेड़-पौधों की खरीदी हुई थी। सबसे पहले तो ऊंचे दामों पर खरीदी हुई। इसके अलावा 50 प्रतिशत पौधे किराए पर लेकर लगाए गए, जो बाद में फिर नर्सरी पहुंच गए। इन्हें भी खरीदना बताया गया।  
क्लर्क से उद्यान प्रभारी का सफर
1998 में मस्टरकर्मी पर भर्ती । 
1998-2007 तक मुख्यालय में आवक-जावक में क्लर्क के तौर पर काम किया। 
2008-10 में साकेतनगर जोन में उपयंत्री 
2010-16 में सुखलिया जोन पर उपयंत्री 
2017-21 में स्कीम-54 विजयनगर जोन 
2021 से उद्यान विभाग

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