बाकि की सड़क तो यथावत ही रहेगी
इंदौर. विनोद शर्मा ।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बीआरटीएस हटाने की जो घोषणा की थी उस पर हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने भी फैसले से मुहर लगा दी है। जल्द ही 19 बस स्टॉप और 9.25 किलोमीटर लम्बे हिस्से में लगी रैलिंग हटाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। जिनकी कुल लागत 21 करोड़ है। चूंकि भविष्य में चौराहों पर फ्लाईओवर बनना है इसीलिए स्थाई डिवाइड बनाने के बजाय जो रैलिंग निकलेगी उसी का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसीलिए बीआरटीएस हटाने से जनता की कमाई का उतना नुकसान नहीं होगा, जितना की बताया जाता है।
राजीव गांधी चौराहे से निरंजनपुर चौराहे तक 11.5 किलोमीटर लंबे हिस्से में 2005-06 बीआरटीएस को जवाहरलाल नेहरू नेशनल अर्बन रिनुअल मिशन(जेएनएनयूआरएम) के तहत मंजूरी दी गई थी। ये पायलेट प्रोजेक्ट था। बीआरटीएस बनाने में आईडीए ने सात साल लगाए। कॉरिडोन बनने के बावजूद निजी वाहनों की खरीदी कम नहीं हुई। उलटा, बढ़ गई। जिसका असर सड़कों पर वाहनों की कतार के रूप में नजर आने लगा। इसीलिए बीआरटीएस का विरोध शुरू हुआ। कोर्ट में केस लगे। प्रशासन कॉरिडोर की पेरवी करता रहा।
21 नवंबर 2024 को मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा था बीआरटीएस हटेगा। तीन महीने बीते, कॉरिडोर नहीं हटा। क्योंकि हाईकोर्ट में केस चल रहा था। अब अदालत ने हाईकोर्ट ने भी कह दिया है बीआरटीएस को हटाना ही होगा। इस आदेश से कॉरिडोर हटाने का रास्ता साफ कर दिया।
300 करोड़ में बना था
बीआरटीएस तकरीबन 300 करोड़ की लागत से बना था इसमें निरंजनपुर से एलआईजी और नवलखा से राजीवगांधी चौराहे के बीच 200 फीट चौड़ी कांक्रीट सड़क बनाई गई थी। नवलखा से एलआईजी के बीच 100 फीट चौड़ाई मिली थी जो बॉटलनेक बन गई थी। इसीलिए यहां दिक्कत ज्यादा थी। ये हिस्सा डामर का था।
कॉरिडोर नहीं, रैलिंग-स्टेशन हटेंगे
यहां यह समझना होगा कि कॉरिडोर हटाने का मकसद सड़क उखाड़कर फेंकना नहीं है बल्कि सड़क के बीच उस कॉरिडोर को हटाना है जहां बस चलती है। बसों के निर्बाध संचालन के लिए दो बसों के निकलने की जगह को दोनों तरफ से जिस रैलिंग से कवर किया गया है, वह रैलिंग हटाई जाएगी। इसके बाद डिवाइडर बनेंगे, जैसे दूसरी सड़कों पर बने हैं।
ये थे स्टेशन
निरंजनपुर, स्कीम-114, शालीमार, सत्यसाईं, रसोमा, एमआर-9, भास्कर, एलआईजी, सीएचएल, इंडस्ट्री हाउस, पलासिया, गीताभवन, आईएसबीटी, शिवाजी प्रतिमा, जीपीओ, चिड़ियाघर, नवलखा, होलकर, भंवरकुआं, भोलाराम उस्ताद मार्ग, माता गुजरी और राजीवगांधी प्रतिमा।
20.78 करोड़ का नुकसान
कुल 22 थे स्टेशन थे। एमपीआरडीसी को प्राधिकरण ने एक इस्टिमेट दिया था जिसके अनुसार एक स्टेशन की कीमत 80 लाख थी। मतलब करीब 17.60 करोड़ के 22 स्टेशन। फ्लाईओवर के लिए निरंजनपुर और सत्यसाईं स्टेशन टूट गए। पलासिया स्टेशन पहले ही अन्य स्टेशनों से अलग था। बचे 19 स्टेशन। जिनकी लागत 15.20 करोड़ है।
11.5 किमी कॉरिडोर पर कुल 10.80 किमी लम्बी रैलिंग लगाई गई थी। देवासनाका, सत्यसाईं, होलकर और भंवरकुआं के लिए 1.5 किमी लम्बी रैलिंग हट चुकी है। अब बची है 9.30 किमी लम्बी। दोनों तरफ की कुल लम्बाई 18.60 किमी है। एक किलोमीटर की लागत 30 लाख रुपए है। 5.58 करोड़ की रैलिंग हैं।
नए डिवाइडर न बनाएं, रैलिंग ही काम में लें
स्टेशन और रैलिंग की मौजूदा कीमत 21 करोड़ के आसपास है। फ्लाईओवर बनना है इसीलिए जो रैलिंग निकलेगी उसमें से आधी करीब 2.5 करोड़ की रैलिंग बीच में इस्तेमाल हो जाएगी तो भी काम चल जाएगा। ताकि फ्यूचर में पक्के डिवाइडर न तोड़ना पड़े।
अतुल सेठ, इंजीनियर
सिग्नल दुरुस्त करना होंगे
विशेषज्ञों की मानें तो चौराहों पर सिग्नल बदलना पड़ेंगे। क्योंकि अभी सिग्नलों में बीआरटीएस भी आता है। नए सिग्नल की लागत 15 लाख रुपए/चौराहा है। मतलब 3 करोड़ में सिग्नल भी नए लग जाएंगे।
रैलिंग जो लगी है...
निरंजनपुर से स्कीम-114 150 मीटर
स्कीम-114 से सत्यसाईं 800 मीटर
सत्यसाईं से विजयनगर 310 मीटर
विजयनगर-रसोमा 164 मीटर
रसोमा-एआर-9 685 मीटर
एमआर-9 से एलआईजी 977 मीटर
एलआईजी-इंडस्ट्री हाउस 666 मीटर
इंडस्ट्री हाउस से पलासिया 198 मीटर
पलासिया-गीताभवन 590 मीटर
गीताभवन-शिवाजी प्रतिमा 730 मीटर
शिवाजी प्रतिमा-जीपीओ 620 मीटर
जीपीओ-इंदिरागांधी 460 मीटर
इंदिरा गांधी-नवलखा 587 मीटर
नवलखा-होलकर 543 मीटर
भंवरकुंआ से राजीवगांधी 800 मीटर
जल्द शुरू करेंगे हटाने का काम
शहर के हित में दोनों पक्ष बीआरटीएस हटाने पर सहमत रहे, जिसके कारण कानूनी अड़चन नहीं हुई। बीआरटीएस के हटने से सड़क की चौड़ी हो जाएगी हटाने का काम जल्द शुरू करेंगे।
पुष्यमित्र भार्गव, महापौर
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