Thursday, August 21, 2025

मेनपॉवर सप्लाई के नाम पर राजगढ़ के जिला अस्पताल में 1.58 करोड़ का घोटाला

कैप : 
सवालों में इंदौर की सिक्यूरिटी एजेंसी के सरकारी ठेके
कंपनी के संचालक-प्रबंधक जा चुके हैं जेल
 इंदौर/राजगढ़. विनोद शर्मा ।  
राजगढ़ के जिला अस्पताल में सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति और वेतन भुगतान में 1.58 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ। घोटाले को अंजाम दिया इंदौर की प्रथम नेशनल सिक्योरिटी कंपनी ने। मामले में पुलिस ने कंपनी के संचालक कुलदीप मिश्रा पर तो कानूनी कार्रवाई कर दी लेकिन जिला अस्पताल के जिम्मेदारों को बख्श दिया। कार्रवाई हुई भी तो बाबू स्तर के लोगों पर। इसीलिए मामले की शिकायत मुख्यमंत्री तक पहुंची और जिम्मेदारों पर कार्रवाई के साथ पीएनएस के अन्य सरकारी कामों की जांच की मांग की जा रही है। 
 जांच में पता चला सफाई कर्मचारियों के नाम पर फर्जी उपस्थिति दर्ज कर सरकारी खजाने में सेंध लगाने का यह खेल 2016 से चल रहा है। 2022 से 2025 तक हाउसकीपिंग और सामग्री खरीदी पर कुल 1.88 करोड़ खर्च बताया जबकि खर्च हुआ था 29.8 लाख ही। मेनपॉवर सप्लाई का ठेका कुलदीप मिश्रा की कंपनी प्रथम नेशनल सिक्योरिटी को मिला था। जिसके मैनेजर कृष्ण कुमार हैं। कंपनी ने ठेका लेकर भाजपा नेता और पेटी कॉन्ट्रैक्टर राजेश खरे को सौंप दिया। 
 जांच में पता चला 49 कर्मचारियों के नाम पर 1.43 लाख घंटे की उपस्थिति दर्ज की गई, जबकि हकीकत में केवल 5,445 घंटे की उपस्थिति सामने आई। 49 बैंक खातों में वेतन भुगतान दर्शाया गया, जिनमें से 16 खाते फर्जी निकले। 18 लाख रुपए की सामग्री आपूर्ति भी कागजों में दिखाई। उसका कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। मामला उजागर हुआ तो पुलिस ने कुलदीप मिश्रा, कृष्ण कुमार और राजेश खरे के साथ ही आरएमओ कर्मचारी संजीव शर्मा और बायोमैट्रिक ऑपरेटर रामदयाल गुर्जर को गिरफ्तार किया। कुछ दिन पहले ही कुलदीप मिश्रा जमानत पर बाहर आए हैं। 
कई जिलों में फैला है प्रथम का जाल 
शिकायतकर्ता लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी का कहना है कि पुलिस ने जिस प्रथम नेशनल सिक्यूरिटी के फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया है उसने मप्र के कई जिलों में सरकारी अस्पतालों व अन्य सरकारी संस्थानों में ठेका ले रखा है। जिस तरह का खेल राजगढ़ के जिला अस्पताल में हुआ है, वैसा वहां तो नहीं हुआ? इसकी जांच होना चाहिए। उन्होंने कहा कि घपले में बाबुओं पर कार्रवाई जबकि उन अफसरों की भी जांच होना चाहिए जिन्होंने ठेका देते वक्त प्रथम की बारीकि से जांच नहीं की। ये तक नहीं देखा कि कंपनी ने बैंक अकाउंट उपलब्ध कराए हैं वे असली है या फर्जी।  
बाद में बात करता हूं 
मामले में हिंदुस्तान मेल ने प्रथम नेशनल सिक्यूरिटी के संचालक कुलदीप मिश्रा से संपर्क किया ताकि मामले में उनका पक्ष जाना जा सके। उन्होंने फोन उठाया भी लेकिन अखबार का नाम सुनकर उन्होंने यह कहते हुए फोन काट दिया कि मैं बाद में बात करता हूं।

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