चोइथराम चेरेटेबल ट्रस्ट के साथ चोइथराम इंटरनेशन फाउंडेशन ने किया धोखा
फाउंडर के परिवार की नीयत में ही खोट
इंदौर. विनोद शर्मा ।
1971 में ठाकुरदास चोइथराम पागारानी ने टी चोइथराम फाउंडेशन की स्थापना की थी। उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि 54 साल बाद उनके बच्चों की नीयत बदल जाएगी। वे विदेशों में ग्रीनक्लीफ नाम फाउंडेशन बनाकर अपने बच्चों को उत्तराधिकारी बनाकर इंदौर के ट्रस्ट का पैसा हजम कर जाएंगे। उन्होंने न सोचा हो लेकिन ऐसा हुआ। इसीलिए चोइथराम ट्रस्ट को दिल्ली हाईकोर्ट में टी चोइथराम के बच्चों की मनमानी को चुनौती देना पड़ी। बताया जा रहा है कि इंदौर चोइथराम चेरेटेबल ट्रस्ट(सीसीटी) को ग्रीनक्लीफ से छोटी-मोटी रकम नहीं बल्कि 21250 करोड़ रुपए लेना है।
टी चोइथराम फाउंडेशन तर्फे आईटीएस चोइथराम एंड मैनेजिंग ट्रस्टी सतीश मोतियानी व अन्य ने लेखराज ठाकुरदास पागारानी व अन्य के खिलाफ दिल्ली की हाईकोर्ट में केस (सीएस(ओएस)790/2023, आईए 23772/2023 व आईए 23773/2023) लगा रखा है। उनके द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार सीसीटी चोइथराम इंटरनेशनल फाउंडेशन (सीआईएफ) की कुल कमाई में 25 प्रतिशत की हकदार संस्था है। सीआईएफ जनसेवा के लिए बना था। सीसीटी सीआईएफ की आय व संपत्तियों के लाभार्थियों में से एक है। सीआईएफ की आय व संपत्ति 85000 करोड़ है। उसमें से 21250 करोड़ पर ट्रस्ट का हक है।
लेखराज पगरानी, किशोर पगरानी और रमेश थनवानी अब तक सीसीटी और सीआईएफ के जर्सी-यूके हिस्से को देखते आए हें। तीनों विवादित पदाधिकारी हैं जो भारत से बाहर बैठकर सीसीटी पर नियंत्रण रखते हैं। तीनों ने जानबुझकर कागजों में हेरफेर करके ट्रस्ट को 20 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान पहुंचाया। न तो ये सीसीटी की संपत्तियां बता रहे हैं। न ही हिसाब दे रहे हैं। जो ट्रस्टी की जिम्मेदारियों के खिलाफ है। तीनों ने 25 प्रतिशत के लाभार्थी के नाम से सीसीटी को हटाकर अपने बच्चों के नाम जोड़ दिए।
इन्होंने 'चोइथराम' नाम के पेटेंट को एक विदेशी निजी संस्था ग्रीनक्लीफ फांउडेशन में मिलाने में जुटे हैं ताकि सीसीटी जैसी संस्थाओं का पैसा हजम किया जा सके।
ये हैं ग्रीनक्लिफ फाउंडेशन के ट्रस्टी
लयूक पिता लेखराज पगारानी
दविंदर पिता लेखराज पगारानी
चांदनी पिता लेखराज पगारानी
नताशा पिता लेखराज पगारानी
दिनेश पिता किशोर पगारानी
मनोज पिता रमेश थनवानी
विजय पिता रमेश थनवानी
कोर्ट में पेश नहीं होते, ई-मेल करते हैं
एक तरफ सीसीटी ने दिल्ली कोर्ट में पूरी ताकत से पगरानी परिवार की मनमानी को चुनौती दी है तो दूसरी तरफ पगरानी परिवार के लोग कोर्ट में भी पेश नहीं हुए। वे सिर्फ ई-मेल करके अपनी बात रखते हैं। अब जब कानूनी शिकंजा कसा तो कानूनी करवाई से घबराते हुए ग्रीन क्लिफ फाउंडेशन के 3 ट्रस्टियों ने इस्तीफा दे दिया है।
इन्होंने दिया सीसीटी से इस्तीफा
दिनेश पिता किशोर पगारानी
मनोज रमेश थनवानी
विजय रमेश थनवानी
No comments:
Post a Comment