Thursday, August 21, 2025

*व्यापमं के "विशेषज्ञ' भंडारी की अब जमीन में "डॉक्टरी'*_

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```रियल एस्टेट के अपने पहले ही ड्रिम प्रोजेक्ट में लगे 29 हजार वर्गफीट जमीन कब्जाने के आरोप 
राजस्व अधिकारियों ने की जांच, रिपोर्ट जल्द``` 
इंदौर. विनोद शर्मा । 
व्यापमं घोटाले में जेल की हवा खा चुके डॉ. विनोद भंडारी पिछले कुछ दिनों से "हाईलाइन' नाम के अपने पहले ड्रीम रियल एस्टेट प्रोजेक्ट को लेकर विवादों में हैं। डॉ.भंडारी, उनकी पत्नी और सहयोगियों पर आरोप है कि उन्होंने राजेश तिवारी नाम के व्यक्ति 29 हजार वर्गफीट जमीन "हाईलाइन' में दबा दी। जिसकी मौजूदा कीमत 29 करोड़ से ज्यादा है। बहरहाल तिवारी की शिकायत पर प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है। 
 मामला डॉ. भंडारी के अरविंदो मेडिकल कॉलेज के ठीक सामने उज्जैन रोड से लगी ग्राम भवरासला की जमीन का है, जहां कुछ सालों से हाईलाइन फाच्र्यून और हाईलाइन हेरिटेज के नाम से दो रियल एस्टेट प्रोजेक्ट आकार ले रहे हैं। शनिवार को सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप माटा और शिकायतकर्ता राजेश तिवारी के साथ तहसीलदार और राजस्व विभाग का दस्ता मौके पर पहुंचा।
 तिवारी ने बताया कि सर्वे नंबर 158 के भाग की तकरीबन 28884 वर्गफीट जमीन की रजिस्ट्री मेरे पास है। ये जमीन उज्जैन रोड और हाइलाइन के बीच है। डॉ.भंडारी ने इसे भी सर्वे नंबर 159 के हिस्से की जमीन बताकर टीएनसी करा ली थी। बाद में अपने प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए पतरे की चार दिवारी खड़ी करके हमारा जमीन पर जाना प्रतिबंधित कर दिया। मैं मामले में लगातान दो साल से शिकायत कर रहा हूं। तब जाकर पतरे की दीवार हटी है। 
निष्पक्ष जांच हो...  
समाजसेवी दिलीप माटा ने बताया कि तिवारीजी के पास सर्वे नं.158 से जुड़े मालिकाना हक के दस्तावेज है। हाईलाइन की टीएनसी खसरों की अफरा-तफरी करके की गई है। मुझे उम्मीद है कि अधिकारी निश्पक्ष जांच करके नियमानुसार कार्रवाई करे।  
सरकारी जमीन को अपनी बता रहा है तिवारी 
हाईलाइन मैनेजमेंट की और से राजेश तिवारी के आरोपों को नकारते हुए ज्ञानेंद्रसिंह जादौन ने बताया कि असल में कब्जेदार हम नहीं, राजेश तिवारी स्वयं है। जिस सर्वे नंबर 158 की जमीन के मालिकाना हक की तिवारी दावा कर रहे हैं वह असल में सरकारी जमीन है। प्रोेजेक्ट 159 के बटांकन की भूमि पर है। जिसका टाइटल पूरी तरह क्लीयर है।  
```(ज्ञानेंद्रसिंह जादौन को शहर जी.एस.जादौन के नाम से जानता है। जादौन नगर निगम इंदौर में प्रतिनियुक्ति पर सालों सेवाएं दे चुके हैं। 2015 में मनीष सिंह ने आयुक्त बनते ही सबसे पहले उनको रवानगी दी थी। उज्जैन नगर निगम में सेवाएं देने के बाद वे इंदौर विकास प्राधिकरण में भी अहम पद पर रह चुके हैं)```
 इन जमीनों पर है हाईलाइन
159/2 डॉ. विनोद भंडारी 1.754
159/1/2/1/1 डॉ.विनोद भंडारी 0.335
159/1/2/2/1 डॉ.मंजू भंडारी 0.473
159/1/2/3/1 अनिल पोखरना 0.353
159/1/1/1 अभय पोखरना 0.363 
कुल 3.278 
इसके अलावा सर्वे नंबर 
159/1/1/2 की 0.042, 159/1/2/1/2 की 0.070, 159/1/2/2/2 की 0.066 और 159/1/2/3/2 की 0.52 हेक्टेयर जमीन मप्र सड़क विकास निगम के नाम दर्ज है। जो निगम के द्वारा अधिग्रहित की जा चुकी है।

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