ड्राइवर-नौकर के नाम पर कई संपत्ति इधर-उधर की
कहीं अपनी ही प्रॉपर्टी का खरीदार बताया
इंदौर. विनोद शर्मा ।
मप्र मध्य क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी में रहते सरकारी योजनाओं में सेंधमारी कर करोड़ों रुपया हजम करने वाले प्रदीप सरैया बेनामी प्रॉपर्टी एंड ट्रांजेक्शन एक्ट में जेल भी जा सकते हैं। सरैया ने रमतानी परिवार के साथ मिलकर ड्राइवर और नौकरों के नाम पर करोड़ों रुपए की संपत्ति खरीदी-बिक्री की। जिसका काला चिट्ठा इनकम टैक्स की इन्वेस्टिगेशन विंग के हाथ लग चुका है।
62 वर्ष की उम्र में 36 साल की रौब और कमाईदार नौकरी के दम पर प्रदीप सरैया ने जो किला खड़ा किया था उसे नजदीकियोंं की तथ्य परक शिकायत ने डहा दिया। रिटायरमेंट के बाद किसी भी सरकारी कार्रवाई की आशंका से निश्चिंत सरैया और उसके सहयोगी के घर जब इनकम टैक्स ने सर्च की तो बड़ी तादाद में ऐसी संपत्तियां सामने आई जो कि नौकरों के नाम थी। बड़ी बात यह है कि जो संपत्तियां नौकरों के नाम है वह कभी सरैया और रमतानी परिवार के नाम ही थी। बाद में फर्जी बिक्री बताकर संपत्ति नौकरों के नाम कर दी। इनमें से कुछ प्रॉपर्टी कंपनियों में मर्ज कर दी गई।
रिटायरमेंट का पैसा चलता रहा
विकास रमतानी के पिता भेल भोपाल में पदस्थ रहे हैं। वीआरएस लिया। एक करोड़ रुपया मिला। बाद में विकास की रकम को अपनी रकम बताकर तीन करोड़ रुपए रोटेट करते रहे। संपत्ति खरीदी-बिक्री करते रहे।
विकास की पत्नी इंटीरियल डिजाइनर है जिन्होंने मेसर्स कॉन्क्रिट कॉन्सेप्ट के नाम से फर्म बना रखी है। फर्म भी विकास का पैसा रोटेट करने के काम आती है।
आदित्य हाउसिंग सोसायटी कनेक्शन
प्रदीप सरैया और रमतानी परिवार की आदित्य गृह निर्माण सहकारी संस्था नाम की संस्था में दखलंदाजी रही है जिसका फायदा उठाकर दोनों ने संस्था की जमीन में भारी हेरफेर की। इसमें भी नौकरों के नाम का सहारा लिया गया। संस्था के प्लॉटों को जोड़कर मौके पर मल्टी बना दी गई। रमतानी परिवार की सुरभी होम्स प्रा.लि. द्वारा बनाई गई सुरभी एवेन्यू और सुरभी होम्स भी इसी संस्था की बड़ी जमीन पर है।
नगर निगम भोपाल का अधिकारी भी साथ
आदित्य गृह निर्माण संस्था में हेरफेर करने में रमतानी और सरैया की नगर निगम के एक अधिकारी ने भी मदद की है जो कि फिलहाल इन्वेस्टिगेशन विंग की कार्रवाई से बाहर है। इस अधिकारी ने हर स्तर पर दोनों की मदद की। इस संस्था का न पंजीकृत पता मिला है। न रजिस्टर है। पूरा फर्जीवाड़ा है।
सरेंडर नहीं होगा
इनकम टैक्स ने रक्षाबंधन, 15 अगस्त और इनकम टैक्स गेजेटेड आॅफिसर्स ऐसोसिएशन (आईटीगोवा) की संभावित मीटिंग के चलते कार्रवाई को पीओ लगाकर अल्प विराम दे दिया है। लेकिन कार्रवाई में प्राप्त दस्तावेजों को बेनामी संपत्ति एक्ट के तहत देखा जा रहा है। इसके डिपार्टमेंट के पास पुख्ता प्रमाण भी है। इसीलिए यहां सरेंडर की संभावना भले कम हो लेकिन जिस तरह से बेनामी संपत्तियां सामने आई है सरैया और रमतानी जेल भी जा सकते हैं।
कहीं अपनी ही प्रॉपर्टी का खरीदार बताया
इंदौर. विनोद शर्मा ।
मप्र मध्य क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी में रहते सरकारी योजनाओं में सेंधमारी कर करोड़ों रुपया हजम करने वाले प्रदीप सरैया बेनामी प्रॉपर्टी एंड ट्रांजेक्शन एक्ट में जेल भी जा सकते हैं। सरैया ने रमतानी परिवार के साथ मिलकर ड्राइवर और नौकरों के नाम पर करोड़ों रुपए की संपत्ति खरीदी-बिक्री की। जिसका काला चिट्ठा इनकम टैक्स की इन्वेस्टिगेशन विंग के हाथ लग चुका है।
62 वर्ष की उम्र में 36 साल की रौब और कमाईदार नौकरी के दम पर प्रदीप सरैया ने जो किला खड़ा किया था उसे नजदीकियोंं की तथ्य परक शिकायत ने डहा दिया। रिटायरमेंट के बाद किसी भी सरकारी कार्रवाई की आशंका से निश्चिंत सरैया और उसके सहयोगी के घर जब इनकम टैक्स ने सर्च की तो बड़ी तादाद में ऐसी संपत्तियां सामने आई जो कि नौकरों के नाम थी। बड़ी बात यह है कि जो संपत्तियां नौकरों के नाम है वह कभी सरैया और रमतानी परिवार के नाम ही थी। बाद में फर्जी बिक्री बताकर संपत्ति नौकरों के नाम कर दी। इनमें से कुछ प्रॉपर्टी कंपनियों में मर्ज कर दी गई।
रिटायरमेंट का पैसा चलता रहा
विकास रमतानी के पिता भेल भोपाल में पदस्थ रहे हैं। वीआरएस लिया। एक करोड़ रुपया मिला। बाद में विकास की रकम को अपनी रकम बताकर तीन करोड़ रुपए रोटेट करते रहे। संपत्ति खरीदी-बिक्री करते रहे।
विकास की पत्नी इंटीरियल डिजाइनर है जिन्होंने मेसर्स कॉन्क्रिट कॉन्सेप्ट के नाम से फर्म बना रखी है। फर्म भी विकास का पैसा रोटेट करने के काम आती है।
आदित्य हाउसिंग सोसायटी कनेक्शन
प्रदीप सरैया और रमतानी परिवार की आदित्य गृह निर्माण सहकारी संस्था नाम की संस्था में दखलंदाजी रही है जिसका फायदा उठाकर दोनों ने संस्था की जमीन में भारी हेरफेर की। इसमें भी नौकरों के नाम का सहारा लिया गया। संस्था के प्लॉटों को जोड़कर मौके पर मल्टी बना दी गई। रमतानी परिवार की सुरभी होम्स प्रा.लि. द्वारा बनाई गई सुरभी एवेन्यू और सुरभी होम्स भी इसी संस्था की बड़ी जमीन पर है।
नगर निगम भोपाल का अधिकारी भी साथ
आदित्य गृह निर्माण संस्था में हेरफेर करने में रमतानी और सरैया की नगर निगम के एक अधिकारी ने भी मदद की है जो कि फिलहाल इन्वेस्टिगेशन विंग की कार्रवाई से बाहर है। इस अधिकारी ने हर स्तर पर दोनों की मदद की। इस संस्था का न पंजीकृत पता मिला है। न रजिस्टर है। पूरा फर्जीवाड़ा है।
सरेंडर नहीं होगा
इनकम टैक्स ने रक्षाबंधन, 15 अगस्त और इनकम टैक्स गेजेटेड आॅफिसर्स ऐसोसिएशन (आईटीगोवा) की संभावित मीटिंग के चलते कार्रवाई को पीओ लगाकर अल्प विराम दे दिया है। लेकिन कार्रवाई में प्राप्त दस्तावेजों को बेनामी संपत्ति एक्ट के तहत देखा जा रहा है। इसके डिपार्टमेंट के पास पुख्ता प्रमाण भी है। इसीलिए यहां सरेंडर की संभावना भले कम हो लेकिन जिस तरह से बेनामी संपत्तियां सामने आई है सरैया और रमतानी जेल भी जा सकते हैं।
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