- नगर निगम का पीपल्याहाना जोन मेहरबान
इंदौर. चीफ रिपोर्टर ।
पंचायत के फर्जी नक्शे लगाकर मुंडला नायता में नगर निगम की अनुमति के बिना जो कारखाने और गोदाम बने हैं उनका टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (टीएंडसीपी) से ले-आउट भी पास स्वीकृत नहीं है। उधर, 2013 तक मुंडला नायता पंचायत में पदस्थ रहे पंचायत सचिव ने भी स्पष्ट कर दिया है कि जिस सर्वे नं. 8/1 और 8/2 पर कारखाने बने हैं उनकी कोई अनुमति पंचायत से नहीं ली गई।
मामला मुंडलानायता का है। जहां 11 विद्यानगर निवासी पुष्पा पति आनंदराम चौथवानी के नाम दर्ज सर्वे नं. 8/1 और 8/2 की 3.498 एकड़ जमीन पर बिना किसी सूचना के गोदाम और कारखाने तान दिए गए हैं। मनमानी का आलम यह है कि चौथवानी, टेस्टी पोहे वाले कमल नंदवानी और उनके वित्त सहयोगी मित्रों ने न टीएंडसीपी से जमीन की टीएनसी कराई है। न ही नगर निगम से भवन अनुज्ञा ली है। बावजूद इसके निर्माण धड़ल्ले से जारी है।
जब यहां ले-आउट है तो यहां क्यों नहीं
पंचायत से अनुमति तभी मिलती है जब टीएंडसीपी से ले-आउट मंजूर होता है। टीएंडसीपी से प्राप्त सूचना के आधार पर मुंडला नायता में 1997 से 2014 तक 48 ले-आउट मंजूर हुए हैं। इनमें कारखाने, गोदाम, कॉलोनी, टाउनशिप, मल्टी शामिल है। इसी तरह 2014 से 2017 के बीच 18 ले-आउट मंजूर हुए। इनमें कहीं भी सर्वे नं. 8/1 और 8/2 की जमीन पर तने गोदाम-कारखाने का जिक्र नहीं है।
इनके भी तो नक्शे पास हुए..
1- विजयादेवी पति सुरेशचंद्र अग्रवाल को सर्वे नं.4/1/1ख/1 और 4/1/1ग/1 की 0.947 हेक्टेयर जमीन पर अनाज तिलहन गोदाम का ले-आउट (4423/नग्रानि/एसएसटी/2004) 27 अगस्त 2004 को मंजूर हुआ था।
2- सर्वे नं.1, 2/1 से 2/4 और 3/1 से 3/6 की 1.235 हेक्टेयर जमीन पर राजेश्वरी पिता शिवनारायण गुप्ता के नाम मंडी गोदाम का ले-आउट (502/नग्रानि/एसपी758/07) 6 फरवरी 2008 को मंजूर हुआ।
3- ऐसे ही 5 अगस्त 1998 को सर्वे नं. 9/1 व 11/1 , 24 मई 2007 को सर्वे नं. 9/2, 9/3, 9/4, 9/5, 9/6, 4/1/4/1/1, 29 दिसंबर 2006 को सर्वे नं. 19/2, 24, 26/2, 27/2, 22 मई 1998 को 19/1, 26/1 व 27/1 के भी ले-आउट मंजूर हुए हैं। सभी गोदाम और कारखाने हैं।
फर्जी है पंचायती नक्शा
कमल नंदवानी का एक कारखाना सर्वे नं. 5/3 मुंडलानायता में चल रहा है। टीएंडसीपी से अप्रूव ले-आउट की सूची में इस सर्वे नंबर का जिक्र भी नहीं है। मतलब यह भी बिना मंजूरी के बनाया गया है। यदि नंदवानी और उनके वित्तीय सहयोगियों की मान भी लें कि पंचायत ने नक्शा पास किया है तो पंचायत का नक्शा एक साल के लिए वेलिड रहता है जबकि काम शुरू हुआ तीन साल बाद। यदि टीएनसी के आधार पर पंचायत ने नक्शा पास किया था तो भी टीएनसी की वेलिडिटी भी तीन साल है जो कि खत्म हो चुकी थी।
इंदौर. चीफ रिपोर्टर ।
पंचायत के फर्जी नक्शे लगाकर मुंडला नायता में नगर निगम की अनुमति के बिना जो कारखाने और गोदाम बने हैं उनका टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (टीएंडसीपी) से ले-आउट भी पास स्वीकृत नहीं है। उधर, 2013 तक मुंडला नायता पंचायत में पदस्थ रहे पंचायत सचिव ने भी स्पष्ट कर दिया है कि जिस सर्वे नं. 8/1 और 8/2 पर कारखाने बने हैं उनकी कोई अनुमति पंचायत से नहीं ली गई।
मामला मुंडलानायता का है। जहां 11 विद्यानगर निवासी पुष्पा पति आनंदराम चौथवानी के नाम दर्ज सर्वे नं. 8/1 और 8/2 की 3.498 एकड़ जमीन पर बिना किसी सूचना के गोदाम और कारखाने तान दिए गए हैं। मनमानी का आलम यह है कि चौथवानी, टेस्टी पोहे वाले कमल नंदवानी और उनके वित्त सहयोगी मित्रों ने न टीएंडसीपी से जमीन की टीएनसी कराई है। न ही नगर निगम से भवन अनुज्ञा ली है। बावजूद इसके निर्माण धड़ल्ले से जारी है।
जब यहां ले-आउट है तो यहां क्यों नहीं
पंचायत से अनुमति तभी मिलती है जब टीएंडसीपी से ले-आउट मंजूर होता है। टीएंडसीपी से प्राप्त सूचना के आधार पर मुंडला नायता में 1997 से 2014 तक 48 ले-आउट मंजूर हुए हैं। इनमें कारखाने, गोदाम, कॉलोनी, टाउनशिप, मल्टी शामिल है। इसी तरह 2014 से 2017 के बीच 18 ले-आउट मंजूर हुए। इनमें कहीं भी सर्वे नं. 8/1 और 8/2 की जमीन पर तने गोदाम-कारखाने का जिक्र नहीं है।
इनके भी तो नक्शे पास हुए..
1- विजयादेवी पति सुरेशचंद्र अग्रवाल को सर्वे नं.4/1/1ख/1 और 4/1/1ग/1 की 0.947 हेक्टेयर जमीन पर अनाज तिलहन गोदाम का ले-आउट (4423/नग्रानि/एसएसटी/2004) 27 अगस्त 2004 को मंजूर हुआ था।
2- सर्वे नं.1, 2/1 से 2/4 और 3/1 से 3/6 की 1.235 हेक्टेयर जमीन पर राजेश्वरी पिता शिवनारायण गुप्ता के नाम मंडी गोदाम का ले-आउट (502/नग्रानि/एसपी758/07) 6 फरवरी 2008 को मंजूर हुआ।
3- ऐसे ही 5 अगस्त 1998 को सर्वे नं. 9/1 व 11/1 , 24 मई 2007 को सर्वे नं. 9/2, 9/3, 9/4, 9/5, 9/6, 4/1/4/1/1, 29 दिसंबर 2006 को सर्वे नं. 19/2, 24, 26/2, 27/2, 22 मई 1998 को 19/1, 26/1 व 27/1 के भी ले-आउट मंजूर हुए हैं। सभी गोदाम और कारखाने हैं।
फर्जी है पंचायती नक्शा
कमल नंदवानी का एक कारखाना सर्वे नं. 5/3 मुंडलानायता में चल रहा है। टीएंडसीपी से अप्रूव ले-आउट की सूची में इस सर्वे नंबर का जिक्र भी नहीं है। मतलब यह भी बिना मंजूरी के बनाया गया है। यदि नंदवानी और उनके वित्तीय सहयोगियों की मान भी लें कि पंचायत ने नक्शा पास किया है तो पंचायत का नक्शा एक साल के लिए वेलिड रहता है जबकि काम शुरू हुआ तीन साल बाद। यदि टीएनसी के आधार पर पंचायत ने नक्शा पास किया था तो भी टीएनसी की वेलिडिटी भी तीन साल है जो कि खत्म हो चुकी थी।
No comments:
Post a Comment