इंदौर. चीफ रिपोर्टर ।
नगर निगम के अधिकारी जिसे बचाए रखने की कसम खा ले उसे कोई नुकसान नहीं पहुंच सकता। फिर जगदीश छाबड़ा और अशोक हरियानी की एमजी रोड पर बिनी बिल्डिंग हो या फिर अशोक हरियानी और अनिल पिपले द्वारा नगर निगम रोड पर घर की मंजूरी लेकर ताना गया मार्केट हो। यही वजह है कि मुख्यालय से 10 कदम की दूरी पर बनी इमारत पर कार्रवाई करना तो दूर नगर निगम मौके पर जाकर जांच करने तक का वक्त नहीं निकाल पाया।
84 नगर निगम रोड पर सोलंकी परिवार के प्लॉट पर आवासीय मंजूरी लेकर अशोक हरियानी और अनिल पिपले ने मार्केट बना दिया है। प्लींथ सर्टिफिकेट से लेकर फिनिशिंग स्तर तक पहुंची इस बिल्डिंग को जोन-3 पर पदस्थ भवन अधिकारी विवेश जैन और उमेश पाटीदार ने मनमाफिक सहयोग दिया। सिर्फ यही बिल्डिंग नहीं इन्हीं की एमजी रोड स्थित बिल्डिंग को भी यही लोग अभयदान दिए हुए बैठे हैं।
‘देखने का वक्त ही नहीं मिला...’
भवन के खिलाफ 18 जुलाई और 19 जुलाई को लगातार सीएम हैल्पलाइन पर शिकायत हुई। जनसुनवाई और निगमायुक्त तक को कंपलेन की गई। अब तक अधिकारियों को मौके पर जाकर बिल्डिंग जांचना तो दूर, अपने एअर कंडिशन कैबिन की खिड़की से बाहर झांककर वस्तु स्थिति जानने की कोशिश नहीं की। बस व्यस्तता का हवाला देकर यही कहते नजर आए कि एक-दो दिन में कार्रवाई करते हैं।
ऐसे ही छोड़ रखी है 474 एमजी रोड
इस बिल्डिंग से दस प्लॉट छोड़कर 474 एमजी रोड पर जो आशय जैन की जो बिल्डिंग बनी है उसे भी पार्किंग के कब्जे और स्वीकृति के विपरीत निर्माण किया है लेकिन वहां भी निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की। उसके पास की बिल्डिंग भी गड़बड़ है।
कैसे बन गई दुकानें...
113.05 वर्गमीटर प्लॉट में से 0.71 वर्गमीटर के रोड सेटबेक छोड़कर 112.34 वर्गमीटर कुल 153.35 वर्गमीटर निर्माण करना था। ग्राउंड फ्लोर पर 51.12, पहली मंजिल पर 51.12 औ दूसरी मंजिल पर 51.12 वर्गमीटर निर्माण होना था।
स्वीकृत नक्शे में ग्राउंड फ्लोर पर फ्रंट में कीचन, लिविंग रूम, ड्राइंग रूम। पीछे स्टेयर और टॉयलेट। बीच में 193.22 वर्गफीट का ओपन टू स्कॉय (ओटीएस छोड़ा जाना था व रोशनी-वेंटीलेशन के लिए)। पहली मंजिल पर फ्रंट में लाउंज, दो बेडरूम और दूसरी मंजिल पर भी लाउंज, दो बेडरूम। इसके विपरीत सोलंकी और हरियानी की जोड़ी ने ग्राउंड फ्लोर पर दुकानें बना दी। ऊपर भी कमर्शियल बना दिया।
आधा दर्जन शिकायतें दर्ज.. फिर भी बिल्डिंग बरकरार
बिल्डिंग को लेकर अली असगर ने 18 जुलाई को सीएम हैल्पलाइन पर शिकायत (4257332) दर्ज कराई। हैल्पलाइन पर दूसरी शिकायत 19 जुलाई को (4261839) देवीसिंह ने दर्ज कराई। वहीं तीसरी शिकायत (4565) 56 ग्रेटर वैशाली निवासी रवि राव ने नगर निगम आयुक्त कार्यालय में जाकर दर्ज कराई। इसके अलावा जनसुनवाई में भी शिकायतें हो चुकी हैं लेकिन कार्रवाई नहीं होती।
नगर निगम के अधिकारी जिसे बचाए रखने की कसम खा ले उसे कोई नुकसान नहीं पहुंच सकता। फिर जगदीश छाबड़ा और अशोक हरियानी की एमजी रोड पर बिनी बिल्डिंग हो या फिर अशोक हरियानी और अनिल पिपले द्वारा नगर निगम रोड पर घर की मंजूरी लेकर ताना गया मार्केट हो। यही वजह है कि मुख्यालय से 10 कदम की दूरी पर बनी इमारत पर कार्रवाई करना तो दूर नगर निगम मौके पर जाकर जांच करने तक का वक्त नहीं निकाल पाया।
84 नगर निगम रोड पर सोलंकी परिवार के प्लॉट पर आवासीय मंजूरी लेकर अशोक हरियानी और अनिल पिपले ने मार्केट बना दिया है। प्लींथ सर्टिफिकेट से लेकर फिनिशिंग स्तर तक पहुंची इस बिल्डिंग को जोन-3 पर पदस्थ भवन अधिकारी विवेश जैन और उमेश पाटीदार ने मनमाफिक सहयोग दिया। सिर्फ यही बिल्डिंग नहीं इन्हीं की एमजी रोड स्थित बिल्डिंग को भी यही लोग अभयदान दिए हुए बैठे हैं।
‘देखने का वक्त ही नहीं मिला...’
भवन के खिलाफ 18 जुलाई और 19 जुलाई को लगातार सीएम हैल्पलाइन पर शिकायत हुई। जनसुनवाई और निगमायुक्त तक को कंपलेन की गई। अब तक अधिकारियों को मौके पर जाकर बिल्डिंग जांचना तो दूर, अपने एअर कंडिशन कैबिन की खिड़की से बाहर झांककर वस्तु स्थिति जानने की कोशिश नहीं की। बस व्यस्तता का हवाला देकर यही कहते नजर आए कि एक-दो दिन में कार्रवाई करते हैं।
ऐसे ही छोड़ रखी है 474 एमजी रोड
इस बिल्डिंग से दस प्लॉट छोड़कर 474 एमजी रोड पर जो आशय जैन की जो बिल्डिंग बनी है उसे भी पार्किंग के कब्जे और स्वीकृति के विपरीत निर्माण किया है लेकिन वहां भी निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की। उसके पास की बिल्डिंग भी गड़बड़ है।
कैसे बन गई दुकानें...
113.05 वर्गमीटर प्लॉट में से 0.71 वर्गमीटर के रोड सेटबेक छोड़कर 112.34 वर्गमीटर कुल 153.35 वर्गमीटर निर्माण करना था। ग्राउंड फ्लोर पर 51.12, पहली मंजिल पर 51.12 औ दूसरी मंजिल पर 51.12 वर्गमीटर निर्माण होना था।
स्वीकृत नक्शे में ग्राउंड फ्लोर पर फ्रंट में कीचन, लिविंग रूम, ड्राइंग रूम। पीछे स्टेयर और टॉयलेट। बीच में 193.22 वर्गफीट का ओपन टू स्कॉय (ओटीएस छोड़ा जाना था व रोशनी-वेंटीलेशन के लिए)। पहली मंजिल पर फ्रंट में लाउंज, दो बेडरूम और दूसरी मंजिल पर भी लाउंज, दो बेडरूम। इसके विपरीत सोलंकी और हरियानी की जोड़ी ने ग्राउंड फ्लोर पर दुकानें बना दी। ऊपर भी कमर्शियल बना दिया।
आधा दर्जन शिकायतें दर्ज.. फिर भी बिल्डिंग बरकरार
बिल्डिंग को लेकर अली असगर ने 18 जुलाई को सीएम हैल्पलाइन पर शिकायत (4257332) दर्ज कराई। हैल्पलाइन पर दूसरी शिकायत 19 जुलाई को (4261839) देवीसिंह ने दर्ज कराई। वहीं तीसरी शिकायत (4565) 56 ग्रेटर वैशाली निवासी रवि राव ने नगर निगम आयुक्त कार्यालय में जाकर दर्ज कराई। इसके अलावा जनसुनवाई में भी शिकायतें हो चुकी हैं लेकिन कार्रवाई नहीं होती।
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