इंदौर. चीफ रिपोर्टर ।
दो या दो से अधिक प्लॉटों को जोड़कर बिल्डिंग बनाने वालों से स्कीम-103 रहवासी संघ परेशान है लेकिन तमाम नोटिस लगाए जाने और निगम को बार-बार शिकायतें करने के बाद भी क्षेत्र में मनमाने निर्माण रूक नहीं रहे हैं। इसी स्कीम के प्लॉट नं. 219 ‘बी’ पर 1300 वर्गफीट का नक्शा मंजूर कराकर प्लॉट मालिक ने करीब तीन हजार वर्गफीट की बिल्डिंग तान दी। बात यहीं खत्म नहीं हुई। स्वयं के घर का नक्शा मंजूर कराकर इस मल्टी की शक्ल देकर यहां तीन फ्लैट बेचे जा रहे हैं।
किशन पिता चेतनदास थारवानी के इस प्लॉट पर दो अलग-अलग नक्शे मंजूर हुए। 9 दिसंबर 2016 को मिली मंजूरी के अनुसार 884.86 वर्गफीट के इस प्लॉट पर कुल 996.13 वर्गफीट का जी+1 भवन मंजूर किया गय था। दूसरा नक्शा 25 मार्च 2017 को मंजूर हुआ। इस नक्शे में नगर निगम के जोन-13 के भवन अधिकारियों ने मेहरबानी दिखाई। जी+1 की मंजूरी को बढ़ाकर जी+2 की और 996.13 की जगह 1307.48 वर्गफीट निर्माण मंजूर कर दिया। नक्शे और निर्माण दोनों पर स्कीम-103 रहवासी संघ ने भी आपत्ति ली लेकिन नगर निगम के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की।
फिर हुआ मनमाना काम
-- 1307.48 वर्गफीट की कुल मंजूरी के तहत थारवानी को ग्राउंड फ्लोर पर डायनिंग-किचन, टॉयलेट, ओटीएस, बेडरूम और लिविंग रूम के साथ स्टेयरकेस मंजूर हुआ था। पहली मंजिल पर स्टरी रूम, टॉयलेट, दो बेडरूम, स्टेयरकेस। दूसरी मंजिल पर स्टरी रूम, एक बेडरूम और टॉयलेट-स्टेयर केस मंजूर हुआ। ऐसे कुल 4 बेडरूम का घर मंजूर हुआ। कुल 3 हजार वर्गफीट से ज्यादा निर्माण है। मतलब 1700 वर्गफीट अवैध।
-- सामने नौ मीटर की रोड है। फिर भी चूंकि बड़ा घर मंजूर हुआ था इसीलिए एमओएस सामने 3 मीटर और पीछे 1.50 मीटर छोड़ा जाना था जो कि शतप्रतिशत कवर कर लिया गया। अब पूरी बिल्डिंग में पार्किंग नाम की जगह नहीं बची है।
-- पार्किंग की पूर्ति करने के लिए थारवानी ने पास की सरकारी सड़क पर कब्जा कर लिया है। इसी सड़क की ओर स्टेयर निकाला है। इसका भी आसपास के लोग विरोध कर रहे हैं।
-- मौके पर थारवानी ने 311.35 वग्रफीट की जगह ग्राउंड कवरेज 800 वर्गफीट तक बढ़ा लिया। ग्राउंड फ्लोर पर तीन बेडरूम, हॉल, किचन, दो टॉयलेट और स्टेयरकेस बनाया। ओटीएस भी कवर किया। पहली और दूसरी मंजिल पर भी इसी तरह का निर्माण किया गया। यानी कुल 4 बेडरूम के घर को 3 बीएचके के तीन फ्लैट के रूप में बनाकर बेचना शुरू कर दिया।
रहवासी संघ भी परेशान है..
स्कीम-103 के जितने प्रमुख प्रवेश द्वार है उन पर नोटिस बोर्ड लगे हुए हैं। नोटिस बोर्ड पर सावधान सूचना के साथ लिखा है कि इस कॉलोनी स्कीम-103 बी में कोई भी व्यक्ति द्वारा भूखंडों पर भवनों का निर्माण कर अलग-अलग मंजिल एवं एक भूखंड को अलग-अलग भागों में अलग-अलग व्यक्तियों को विक्रय करना अवैध माना जाएगा। कोई भी क्रेता किसी भी बिल्डर्स से अलग-अलग मंजिल प्रकोष्ठों के रूप में क्रय नहीं करें। अन्यथा नगर निगम इंदौर और विकास प्राधिकरण द्वारा उन पर तोड़ने की कार्रवाई की जाएगी। इस कॉलोनी में कोई भी व्यक्ति द्वारा कोई भंूखंड क्रय किया जाता है तो स्कीम-103 बी के रहवासी संघ से एनओसी जरूर प्राप्त करें।
दो या दो से अधिक प्लॉटों को जोड़कर बिल्डिंग बनाने वालों से स्कीम-103 रहवासी संघ परेशान है लेकिन तमाम नोटिस लगाए जाने और निगम को बार-बार शिकायतें करने के बाद भी क्षेत्र में मनमाने निर्माण रूक नहीं रहे हैं। इसी स्कीम के प्लॉट नं. 219 ‘बी’ पर 1300 वर्गफीट का नक्शा मंजूर कराकर प्लॉट मालिक ने करीब तीन हजार वर्गफीट की बिल्डिंग तान दी। बात यहीं खत्म नहीं हुई। स्वयं के घर का नक्शा मंजूर कराकर इस मल्टी की शक्ल देकर यहां तीन फ्लैट बेचे जा रहे हैं।
किशन पिता चेतनदास थारवानी के इस प्लॉट पर दो अलग-अलग नक्शे मंजूर हुए। 9 दिसंबर 2016 को मिली मंजूरी के अनुसार 884.86 वर्गफीट के इस प्लॉट पर कुल 996.13 वर्गफीट का जी+1 भवन मंजूर किया गय था। दूसरा नक्शा 25 मार्च 2017 को मंजूर हुआ। इस नक्शे में नगर निगम के जोन-13 के भवन अधिकारियों ने मेहरबानी दिखाई। जी+1 की मंजूरी को बढ़ाकर जी+2 की और 996.13 की जगह 1307.48 वर्गफीट निर्माण मंजूर कर दिया। नक्शे और निर्माण दोनों पर स्कीम-103 रहवासी संघ ने भी आपत्ति ली लेकिन नगर निगम के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की।
फिर हुआ मनमाना काम
-- 1307.48 वर्गफीट की कुल मंजूरी के तहत थारवानी को ग्राउंड फ्लोर पर डायनिंग-किचन, टॉयलेट, ओटीएस, बेडरूम और लिविंग रूम के साथ स्टेयरकेस मंजूर हुआ था। पहली मंजिल पर स्टरी रूम, टॉयलेट, दो बेडरूम, स्टेयरकेस। दूसरी मंजिल पर स्टरी रूम, एक बेडरूम और टॉयलेट-स्टेयर केस मंजूर हुआ। ऐसे कुल 4 बेडरूम का घर मंजूर हुआ। कुल 3 हजार वर्गफीट से ज्यादा निर्माण है। मतलब 1700 वर्गफीट अवैध।
-- सामने नौ मीटर की रोड है। फिर भी चूंकि बड़ा घर मंजूर हुआ था इसीलिए एमओएस सामने 3 मीटर और पीछे 1.50 मीटर छोड़ा जाना था जो कि शतप्रतिशत कवर कर लिया गया। अब पूरी बिल्डिंग में पार्किंग नाम की जगह नहीं बची है।
-- पार्किंग की पूर्ति करने के लिए थारवानी ने पास की सरकारी सड़क पर कब्जा कर लिया है। इसी सड़क की ओर स्टेयर निकाला है। इसका भी आसपास के लोग विरोध कर रहे हैं।
-- मौके पर थारवानी ने 311.35 वग्रफीट की जगह ग्राउंड कवरेज 800 वर्गफीट तक बढ़ा लिया। ग्राउंड फ्लोर पर तीन बेडरूम, हॉल, किचन, दो टॉयलेट और स्टेयरकेस बनाया। ओटीएस भी कवर किया। पहली और दूसरी मंजिल पर भी इसी तरह का निर्माण किया गया। यानी कुल 4 बेडरूम के घर को 3 बीएचके के तीन फ्लैट के रूप में बनाकर बेचना शुरू कर दिया।
रहवासी संघ भी परेशान है..
स्कीम-103 के जितने प्रमुख प्रवेश द्वार है उन पर नोटिस बोर्ड लगे हुए हैं। नोटिस बोर्ड पर सावधान सूचना के साथ लिखा है कि इस कॉलोनी स्कीम-103 बी में कोई भी व्यक्ति द्वारा भूखंडों पर भवनों का निर्माण कर अलग-अलग मंजिल एवं एक भूखंड को अलग-अलग भागों में अलग-अलग व्यक्तियों को विक्रय करना अवैध माना जाएगा। कोई भी क्रेता किसी भी बिल्डर्स से अलग-अलग मंजिल प्रकोष्ठों के रूप में क्रय नहीं करें। अन्यथा नगर निगम इंदौर और विकास प्राधिकरण द्वारा उन पर तोड़ने की कार्रवाई की जाएगी। इस कॉलोनी में कोई भी व्यक्ति द्वारा कोई भंूखंड क्रय किया जाता है तो स्कीम-103 बी के रहवासी संघ से एनओसी जरूर प्राप्त करें।
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