Thursday, August 10, 2017

10 लाख बांटकर बचाया कारखाना-गोदाम

मुंडला नायता में मनमानी
इंदौर. चीफ रिपोर्टर ।
मुंडला नायता में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के ले-आउट और नगर निगम से नक्शा स्वीकृति के बिना जो कारखाना और गोदाम तना है उसे बचाने के लिए निर्माणकर्ता नगर निगम के अफसरों और क्षेत्रीय पार्षद को अच्छी खासी रकम अदा कर चुका है। पैसा प्राप्त करने वालों में भवन निरीक्षक से लेकर भवन अधिकारी तक शामिल है। हालाकि भवन निरीक्षक का ट्रांसफर हो चुका है लेकिन नए भवन निरीक्षक ने अब तक मौका नहीं देखा।
मामला मुंडलानायता का है। जहां 11 विद्यानगर निवासी पुष्पा पति आनंदराम चौथवानी के नाम दर्ज सर्वे नं.  8/1 और 8/2 की 3.498 एकड़ जमीन पर कैसे गोदाम और कारखाने आकार लेने लगे इसका खुलासा दबंग दुनिया ने बीते दिनों किया था। बावजूद इसके 19 नंबर जोन के अधिकारियों ने मौके पर जाकर निर्माण की वैधानिकता जांचने की कोशिश नहीं की। उलटा, कभी बेक डेट में नक्शा मंजूर कराने तो कभी कंपाउंडिंग का आवेदन करने तो कभी स्टे के लिए कोर्ट जाने की सलाह दी जा रही है।
शिकायतकर्ताओं से लेकर जांचकर्ताओं तक को साधा
दुग्गल पेंट्स एंड केमिकल्स के सामने इसी जमीन पर जी+2 कारखाना बना है। वहीं पास में कमल नंदवानी ‘टेस्टी पोहा’ वाले का गोदाम भी बन रहा है जिसकी भी कोई अनुमति नहीं है। बताया जा रहा है कि मामले में कभी शिकायत करते रहे पार्षद पति बसंत पारगी की बैठक नंदवानी से हो चुकी है। इसके बाद एक बैठक नंदवानी और वैभव देवलासे की भी हो चुकी है जो कि यह कहते रहे कि उनके मौके पर पहुंचने से पहले ही उनका ट्रांसफर कर दिया गया था। अब तक 10 लाख रुपए लगा चुके हैं नंदवानी अपने निर्माण को बचाने के लिए।
फर्जी है पंचायती नक्शा
कमल नंदवानी का एक कारखाना सर्वे नं. 5/3 मुंडलानायता में चल रहा है जिसकी वैधानिकता भी संदेहास्पद है। इस कारखाने को चिराग नंदवानी संभालते हैं। नगर निगम से प्राप्त जानकारी के अनुसार मौके का नक्शा पास नहीं है। चार साल पहले निगम सीमा में विलय हो गई मुंडलानायता पंचायत का नक्शा दिखाकर फर्जी तरीके से निर्माण किया जा रहा है। जबकि पंचायत राज अधिनियम की धारा-55 के तहत ग्राम पंचायत द्वारा स्वीकृत नक्शे की अवधि सिर्फ एक वर्ष रहती है। 

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