नागौर से इंदौर आया, इंदौर से भोपाल जाना था
इंदौर. विनोद शर्मा ।
नागौर से बिना बिल और डॉक्यूमेंट के सिगरेट लेकर निकले महिंद्रा पिकअप को इंदौर पहुंचते डायरेक्टर जनरल आफ सेंटल एक्साइज इंटेलीजेंस (डीजीसीईआई) ने धर दबौची। गाड़ी में से 30 बोरी सिगरेट बरामद की गई जो कि भोपाल जाना थी। इसके साथ ही सिगरेट के स्थानीय थोक विक्रेता पंजवानी ग्रुप पर भी सर्वे हुआ। जब्त की गई सिगरेट मिडलैंड ब्रांड की बताई जा रही जिसकी शुरूआती कीमत 28 लाख से अधिक आंकी गई है।
नागौर से चली सिगरेट की गाड़ी राजेंद्रनगर थाने के सामने स्थित एक डिटरजेंट कंपनी में अनलोड होने के लिए पहुंची है? विस्वसनीय सूत्रों से मिली इस सूचना के आधार पर डीजीसीईआई की टीम मौके पर पहुंची। मौके की नजाकत ने सूचना की पुष्टि कर दी। इसके बाद डीजीसीईआई की टीम ने महेंद्रा पिकअप गाड़ी और उसमें रखी सिगरेट की 30 बोरियां पकडी। इनमें 60 करटन सिगरेट निकली। सिगरेटके ब्रांड को लेकर अधिकारिक घोषणा नहीं की जा रही है।
कीमत की समीक्षा हो रही है...
बताया जा रहा है कि पकड़ी गई सिगरेट के ब्रांड और सिगरेट स्टिक के आधार पर डीजीसीईआई द्वारा कीमत का आंकलन किया जा रहा है। शुरूआती आंकलन के अनुसार 1 करटन में 1200 पैकेट और 12000 सिगरेट है। करटन 60 पकड़े। 7.20 लाख सिगरेट। एक पैकेट की कीमत 40 रुपए है। मतलब कुल सिगरेट हुई 28.80 लाख की।
सुंदरम इंटरप्राइजेस
अधिकारी गाड़ी लेकर ब्रांड की सिगरेट की ट्रेडिंग करने वाली 30 सियागंज स्थित सुंदरम इंटरप्राइजेस पहुंचे। इसके साथ ही 115 जानकीनगर स्थित कंपनी के सर्वेसर्वा नीरज पंजवानी, कविता पंजवानी, हीरालाल पंजवानी और श्रीचंद पंजवानी के घर भी कार्रवाई हुई। इस समूह के खिलाफ 2002-03 से 2008-09 के असेसमेंट इअर को लेकर असेसमेंट भी हुआ। जिसका निर्णय 28 फरवरी 2013 में हुई।
ऐसे चली, ऐसे पकड़ाई...
बताया जा रहा है कि सिगरेट राजस्थान के नागौर स्थित एक कंपनी द्वारा बनाई गई। कंपनी से सिगरेट बिना बिल-बिल्टी और गेट पास के आधी रात को निकली। सुबह 5.30 बजे रतलाम पहुंची। यहां कुछ देर विश्राम के बाद गाड़ी इंदौर के लिए रवाना हुई। सुबह 8 बजे गाड़ी पहुंची राजेंद्रनगर स्थित डिटरजेंट कारखाने में। यह कारखाना भी उसी समूह का है जिसकी नागौर में सिगरेट कंपनी है। इसीलिए चोरी-छीपे माल अनलोड किया जा रहा था। बाद में गाड़ी बदलकर सिगरेट का जखिरा भोपाल स्थित एक सिगरेट कंपनी पहुंचना था।
इंदौर. विनोद शर्मा ।
नागौर से बिना बिल और डॉक्यूमेंट के सिगरेट लेकर निकले महिंद्रा पिकअप को इंदौर पहुंचते डायरेक्टर जनरल आफ सेंटल एक्साइज इंटेलीजेंस (डीजीसीईआई) ने धर दबौची। गाड़ी में से 30 बोरी सिगरेट बरामद की गई जो कि भोपाल जाना थी। इसके साथ ही सिगरेट के स्थानीय थोक विक्रेता पंजवानी ग्रुप पर भी सर्वे हुआ। जब्त की गई सिगरेट मिडलैंड ब्रांड की बताई जा रही जिसकी शुरूआती कीमत 28 लाख से अधिक आंकी गई है।
नागौर से चली सिगरेट की गाड़ी राजेंद्रनगर थाने के सामने स्थित एक डिटरजेंट कंपनी में अनलोड होने के लिए पहुंची है? विस्वसनीय सूत्रों से मिली इस सूचना के आधार पर डीजीसीईआई की टीम मौके पर पहुंची। मौके की नजाकत ने सूचना की पुष्टि कर दी। इसके बाद डीजीसीईआई की टीम ने महेंद्रा पिकअप गाड़ी और उसमें रखी सिगरेट की 30 बोरियां पकडी। इनमें 60 करटन सिगरेट निकली। सिगरेटके ब्रांड को लेकर अधिकारिक घोषणा नहीं की जा रही है।
कीमत की समीक्षा हो रही है...
बताया जा रहा है कि पकड़ी गई सिगरेट के ब्रांड और सिगरेट स्टिक के आधार पर डीजीसीईआई द्वारा कीमत का आंकलन किया जा रहा है। शुरूआती आंकलन के अनुसार 1 करटन में 1200 पैकेट और 12000 सिगरेट है। करटन 60 पकड़े। 7.20 लाख सिगरेट। एक पैकेट की कीमत 40 रुपए है। मतलब कुल सिगरेट हुई 28.80 लाख की।
सुंदरम इंटरप्राइजेस
अधिकारी गाड़ी लेकर ब्रांड की सिगरेट की ट्रेडिंग करने वाली 30 सियागंज स्थित सुंदरम इंटरप्राइजेस पहुंचे। इसके साथ ही 115 जानकीनगर स्थित कंपनी के सर्वेसर्वा नीरज पंजवानी, कविता पंजवानी, हीरालाल पंजवानी और श्रीचंद पंजवानी के घर भी कार्रवाई हुई। इस समूह के खिलाफ 2002-03 से 2008-09 के असेसमेंट इअर को लेकर असेसमेंट भी हुआ। जिसका निर्णय 28 फरवरी 2013 में हुई।
ऐसे चली, ऐसे पकड़ाई...
बताया जा रहा है कि सिगरेट राजस्थान के नागौर स्थित एक कंपनी द्वारा बनाई गई। कंपनी से सिगरेट बिना बिल-बिल्टी और गेट पास के आधी रात को निकली। सुबह 5.30 बजे रतलाम पहुंची। यहां कुछ देर विश्राम के बाद गाड़ी इंदौर के लिए रवाना हुई। सुबह 8 बजे गाड़ी पहुंची राजेंद्रनगर स्थित डिटरजेंट कारखाने में। यह कारखाना भी उसी समूह का है जिसकी नागौर में सिगरेट कंपनी है। इसीलिए चोरी-छीपे माल अनलोड किया जा रहा था। बाद में गाड़ी बदलकर सिगरेट का जखिरा भोपाल स्थित एक सिगरेट कंपनी पहुंचना था।
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