- सामने आए आधा दर्जन से अधिक नाम,
- एक असिसटेंट कमिश्नर के घर दो दिन से कार्रवाई जारी
- आधे ठिकानों पर कार्रवाई संपन्न
इंदौर. विनोद शर्मा ।
इनकम टैक्स उज्जैन की जिस श्रीजी पॉलिमर प्रा.लि. के खिलाफ छापेमार कार्रवाई कर रहा है उसमें सेंट्रल एक्साइज और वाणिज्यिक कर विभाग के अधिकारियों के अधिकारियों ने भी बेनामी निवेश कर रखा है। सबसे ज्यादा पैसा सेंट्रल एक्साइज के उन अधिकारियों का लगा है जो विभिन्न अवसरों पर श्रीजी पॉलिमर या समूह के खिलाफ छापेमार कार्रवाई कर चुके हैं। कुछ रिटायर हो चुके हैं तो कुछ का इंदौर से मुंबई ट्रांसफर हो चुका है।
आनंद बांगर और विष्णू जाजू की कंपनियों पर इनकम टैक्स की इन्वेस्टिगेशन विंग गुरुवार से छापेमार कार्रवाई कर रही है। तीसरे दिन भी कार्रवाई जारी रही। शनिवार तक अन्य प्रदेशों सहित आधे से अधिक स्थानों पर कार्रवाई संपन्न हो चुकी थी। बांगर-जाजू के मूल ठिकानों पर कार्रवाई जारी है। डिपार्टमेंट ने ज्वैलरी का वेल्यूवेशन भी शुरू कर दिया है। कार्रवाई 94/1 चंद्रलोक कॉलोनी स्थित दत्ता निवास पर भी जारी है। यह जीएसटी सेंट्रल एक्साइज के असिसटेंट कमिश्नर सुनील दत्ता और उनके बेटे व बांगर के भागीदार कोविद दत्ता का घर है। दत्ता के अलावा भी इनकम टैक्स के हाथ सेंट्रल एक्साइज के आधा दर्जन ऐसे अधिकारियों के नाम लगे हैं जो समूह में निवेश करके बैठे हैं। सभी दत्ता के साथ इंदौर, उज्जैन और पीथमपुर में भी पदस्थ रहे हैं। खास बात यह है कि निवेश करने वालों में वे अधिकारी भी शामिल हैं जिनके नेतृत्व में श्रीजी पॉलिमर पर रेड हो चुकी है या फिर जिन्होंने रेड में अहम भूमिका निभाई। इन सबकी सेटिंग दत्ता ने ही करवाई थी।
रेड हुई लेकिन केस नहीं बने
इधर, सेंट्रल एक्साइज के अधिकारिक सूत्रों की मानें तो डिपार्टमेंट ने 2003-04 में आखिरी रेड की थी बांगर की कंपनियां पर। जिसमें केस भी बना। इसके पहले और इसके बाद कई ऐसी रेड हुई जो सिर्फ हुई ही केस नहीं बने। बताया जा रहा है कि बांगर की सेंट्रल एक्साइज की अधिकारिक लॉबी में इतनी मजबूत पकड़ है कि कोई भी कमिश्नर उसके समूह के खिलाफ कार्रवाई की इजाजत नहीं देता।
हैदराबाद में भी डाली यूनिट
मक्सी रोड उज्जैन, गोविंदपुरा भोपाल, मालनपुर ग्वालियर के बाद 2006 में श्रीजी समूह ने 13 करोड़ रुपए का निवेश करके देवास में री-साइकिल पेपर प्लांट डाला था। चीनी कंपनियों की मदद से पीथमुपर में पैसा लगाया। अब कंपनी हैदराबाद में बड़ा पैकिंग प्लांट बना रही है। इस प्लांट को आनंद बांगर का भाई संभाल रहा है।
दत्ता ने बनाया नेटवर्क
2005 में प्रिवेंटिव विंग में आए सुनील दत्ता मुलत: उज्जैन के ही रहने वाले है। 23 सितंबर 1959 को जन्में दत्ता ने लोकमान्य तिलक स्कूल उज्जैन से स्कूली और माधव कॉलेज उज्जैन से उच्च शिक्षा प्राप्त की। 2005 में ही इंदौर में बंगला खरीदा। उनका बेटा है कोविद दत्ता। 22 अपै्रल 1988 को जन्मा कोविद 2011 से विभिन्न कंपनियों में डायरेक्टर है। वह बांगर की लिमिटेड कंपनियों के अलावा 101 गोल्ड स्टार बिल्डिंग 576 एमजी रोड के पते रजिस्टर्ड बेटरस्टेप ट्रेडिंग प्रा.लि. में कैलाश गर्ग के साथ पार्टनर है। वहीं अंधेरी-मुंबई के पते पर पंजीबद्ध मसाला रिपब्लिक प्रा.लि. में भी डायरेक्टर। इस कंपनी में सुमितकुमार दत्त, चिराग कनक्रेचा, रवि लुथरिया जयप्रकाश भी भागीदार है।
- एक असिसटेंट कमिश्नर के घर दो दिन से कार्रवाई जारी
- आधे ठिकानों पर कार्रवाई संपन्न
इंदौर. विनोद शर्मा ।
इनकम टैक्स उज्जैन की जिस श्रीजी पॉलिमर प्रा.लि. के खिलाफ छापेमार कार्रवाई कर रहा है उसमें सेंट्रल एक्साइज और वाणिज्यिक कर विभाग के अधिकारियों के अधिकारियों ने भी बेनामी निवेश कर रखा है। सबसे ज्यादा पैसा सेंट्रल एक्साइज के उन अधिकारियों का लगा है जो विभिन्न अवसरों पर श्रीजी पॉलिमर या समूह के खिलाफ छापेमार कार्रवाई कर चुके हैं। कुछ रिटायर हो चुके हैं तो कुछ का इंदौर से मुंबई ट्रांसफर हो चुका है।
आनंद बांगर और विष्णू जाजू की कंपनियों पर इनकम टैक्स की इन्वेस्टिगेशन विंग गुरुवार से छापेमार कार्रवाई कर रही है। तीसरे दिन भी कार्रवाई जारी रही। शनिवार तक अन्य प्रदेशों सहित आधे से अधिक स्थानों पर कार्रवाई संपन्न हो चुकी थी। बांगर-जाजू के मूल ठिकानों पर कार्रवाई जारी है। डिपार्टमेंट ने ज्वैलरी का वेल्यूवेशन भी शुरू कर दिया है। कार्रवाई 94/1 चंद्रलोक कॉलोनी स्थित दत्ता निवास पर भी जारी है। यह जीएसटी सेंट्रल एक्साइज के असिसटेंट कमिश्नर सुनील दत्ता और उनके बेटे व बांगर के भागीदार कोविद दत्ता का घर है। दत्ता के अलावा भी इनकम टैक्स के हाथ सेंट्रल एक्साइज के आधा दर्जन ऐसे अधिकारियों के नाम लगे हैं जो समूह में निवेश करके बैठे हैं। सभी दत्ता के साथ इंदौर, उज्जैन और पीथमपुर में भी पदस्थ रहे हैं। खास बात यह है कि निवेश करने वालों में वे अधिकारी भी शामिल हैं जिनके नेतृत्व में श्रीजी पॉलिमर पर रेड हो चुकी है या फिर जिन्होंने रेड में अहम भूमिका निभाई। इन सबकी सेटिंग दत्ता ने ही करवाई थी।
रेड हुई लेकिन केस नहीं बने
इधर, सेंट्रल एक्साइज के अधिकारिक सूत्रों की मानें तो डिपार्टमेंट ने 2003-04 में आखिरी रेड की थी बांगर की कंपनियां पर। जिसमें केस भी बना। इसके पहले और इसके बाद कई ऐसी रेड हुई जो सिर्फ हुई ही केस नहीं बने। बताया जा रहा है कि बांगर की सेंट्रल एक्साइज की अधिकारिक लॉबी में इतनी मजबूत पकड़ है कि कोई भी कमिश्नर उसके समूह के खिलाफ कार्रवाई की इजाजत नहीं देता।
हैदराबाद में भी डाली यूनिट
मक्सी रोड उज्जैन, गोविंदपुरा भोपाल, मालनपुर ग्वालियर के बाद 2006 में श्रीजी समूह ने 13 करोड़ रुपए का निवेश करके देवास में री-साइकिल पेपर प्लांट डाला था। चीनी कंपनियों की मदद से पीथमुपर में पैसा लगाया। अब कंपनी हैदराबाद में बड़ा पैकिंग प्लांट बना रही है। इस प्लांट को आनंद बांगर का भाई संभाल रहा है।
दत्ता ने बनाया नेटवर्क
2005 में प्रिवेंटिव विंग में आए सुनील दत्ता मुलत: उज्जैन के ही रहने वाले है। 23 सितंबर 1959 को जन्में दत्ता ने लोकमान्य तिलक स्कूल उज्जैन से स्कूली और माधव कॉलेज उज्जैन से उच्च शिक्षा प्राप्त की। 2005 में ही इंदौर में बंगला खरीदा। उनका बेटा है कोविद दत्ता। 22 अपै्रल 1988 को जन्मा कोविद 2011 से विभिन्न कंपनियों में डायरेक्टर है। वह बांगर की लिमिटेड कंपनियों के अलावा 101 गोल्ड स्टार बिल्डिंग 576 एमजी रोड के पते रजिस्टर्ड बेटरस्टेप ट्रेडिंग प्रा.लि. में कैलाश गर्ग के साथ पार्टनर है। वहीं अंधेरी-मुंबई के पते पर पंजीबद्ध मसाला रिपब्लिक प्रा.लि. में भी डायरेक्टर। इस कंपनी में सुमितकुमार दत्त, चिराग कनक्रेचा, रवि लुथरिया जयप्रकाश भी भागीदार है।
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