Thursday, August 10, 2017

डॉ. बारोड का अस्पताल 33109 वर्गफीट अवैध

निगम की मेहरबानी, 11599 वर्गफीट की मंजूरी, 44708 वर्गफीट बिल्डिंग तानी
क्लीनिक की जमीन पर अस्पताल, एमओएस हजम, बेसमेंट 100 प्रतिशत अवैध
इंदौर. विनोद शर्मा ।
क्लीनिक और घर की मंजूरी लेकर अस्पताल ताानने वाले डॉ. सुनील बारोड पर नगर निगम के जोनल अधिकारी से लेकर निगम मुख्यालय में बैठे अफसरान तक मेहरबान है। शायद यही वजह है कि डॉ. बारोड ने नगर निगम से मिली मंजूरी से तीन गुना ज्यादा निर्माण कर दिया। आंकड़ों के लिहाज से बात करें तो दोनों प्लॉटों पर कुल 11599.2 वर्गफीट निर्माण मंजूर हुआ जबकि 44708.2 ने वर्गफीट का हॉस्पिटल तान दिया। मतलब 33109 वर्गफीट निर्माण अवैध।
डॉ.बारोड ने कैसे पंडित दिनदयाल उपाध्यायनगर(सुखलिया) के प्लॉट नं. 28 एएच और 29 एएच पर मनमाने तरीके से बारोड हॉस्पिटल तान दिया है? इसका खुलासा दबंग दुनिया ने सोमवार के अंक में ‘दो प्लॉट+दो नक्शे=बारोड हॉस्पिटल’ शीर्षक से प्रकाशित समाचार में किया था। मामले में जब दबंग दुनिया ने गहराई से तफ्तीश की तो पता चला कि अस्पताल में बेसमेंट से लेकर टॉप तक झोलझाल है। तीन तरफा एमओएस हजम करके ग्राउंड कवरेज बढ़ाया। बिना किसी अनुमति के बेसमेंट बना डाला। ऊपर टीन शेड अलग ठोक दिए।
क्या करते रहे नगर निगम अधिकारी
सामान्यत: किसी भी प्लॉट पर दी गई मंजूरी का प्लींथ लेवल पर नगर निगम सर्टिफिकेट जारी करता है। यदि 35 की जगह 70 प्रतिशत ग्राउंड कवरेज किया तो फिर प्लींथ सर्टिफिकेट कैसे मंजूर हुआ? या दूसरे शब्दों में कहें तो प्लींथ सर्टिफिकेट मंजूर ही नहीं किया गया। ऐसे में उन अधिकारियों की भूमिका जांची जाना चाहिए जिनके जोन पर बतौर भवन अधिकारी और भवन निरीक्षक रहते सुखलिया चौराहे जैसे व्यस्ततम चौराहे पर इतना बड़ा अस्पताल तन गया।
प्लॉट नं. एएच-28
शालीग्राम व सुमित्रादेवी बारोड
नक्शा : आईएमसी/0634/जेड5/डब्ल्यू35/2012
स्वीकृत दिनांक : 12 अक्टूबर 2012
हाईट :  जी+3
प्लॉट एरिया : 360 वर्गमीटर
ग्राउंड कवरेज : 35.00 वर्गमीटर
कुल बिल्टअप एरिया : 540 वर्गमीटर
प्लॉट नं. एएच-29
शालीग्राम व सुमित्रादेवी बारोड
नक्शा : आईएमसी/0635/जेड5/डब्ल्यू35/2012
स्वीकृत दिनांक : 12 अक्टूबर 2012
हाईट :  जी+3
प्लॉट एरिया : 360 वर्गमीटर
ग्राउंड कवरेज : 35.00 वर्गमीटर
कुल बिल्टअप एरिया : 540 वर्गमीटर
कैसा हो कंस्ट्रक्शन
कमर्शियल- 42.30 वर्गमीटर
आवासीय- 420.72 वर्गमीटर
स्टेयर-34.24 वर्गमीटर
लिफ्ट- 21.60 वर्गमीटर
ऐसे जी+3 (आंकड़े, वर्गमीटर में)
फ्लोर कमर्शियल रेसीडेंसी स्टेयर लिफ्ट
ग्राउंड 42.30 57.59 8.56 5.40
फर्स्ट 00 121.04 8.56 5.40
सेकंड 00 121.04 8.56 5.40
थर्ड 00 121.04 8.56 5.40
कुल 42.30 420.72 34.24 12.60
मार्जिनल ओपन स्पेस(एमओएस)
सामने - 6 मीटर
पीछे - 3 मीटर
एक तरफ - 3 मीटर
दूसरी तरफ - 3 मीटर
हुआ यह है-
- चूंकि दो अलग-अलग प्लॉट थे इसीलिए दोनों के नक्शों में एमओएस का गणित अलग था। मसलन एक प्लॉट में दोनों तरफ 3-3 मीटर छोड़ना था। अब डॉ. बारोड ने यदि दोनों प्लॉटों को जोड़ा है इसका मतलब दोनों प्लॉटों के बीच का 6 मीटर (19 फीट) एमओएस हजम कर गए। प्लॉट की लंबाई 85 फीट है। इसमें 19 फीट फ्रंट एमओएस छोड़ा। लंबाई बची 66 फीट और 19 फीट पर कब्जा है तो ग्राउंड फ्लोर पर 1254 वर्गफीट निर्माण हुआ। इसी निर्माण को तीन मंजिला बनाया गया है मतलब कुल 5016 वर्गफीट निर्माण सेंटर एमओएस हजम करके किया।
- ऐसे ही दोनों प्लॉटों के दोनों ओर भी 3-3 मीटर एमओएस छोड़ा जाना चाहिए था जो न छोड़ते हुए यहां भी 5016 वर्गफीट निर्माण किया।
- ऐसे ही दोनों प्लॉटों पर पिछला एमओएस भी 3-3 मीटर छोड़ना था। यहां दोनों  प्लॉटों की चौड़ाई 45 फीट है। मतलब एक फ्लोर पर 1710 वर्गफीट निर्माण हुआ। जी+3 पर कुल 6840 वर्गफीट निर्माण किया।
- एमओएस पर ही कुल निर्माण हुआ है 16872 वर्गफीट। इसके बाद 35 प्रतिशत की जगह 70 प्रतिशत ग्राउंड कवरेज किया। दोनों प्लॉटों को जोड़कर कुल प्लॉट एरिया हुआ 7732.8 वर्गफीट। इसमें 70 प्रतिशत पर ग्राउंड कवरेज के साथ 5412.96 वर्गफीट का अवैध बेसमेंट बना डाला।
- कुल 2706.48 वर्गफीट ग्राउंड कवरेज मंजूर था। जिसकी जगह 5412.96 वर्गमीटर ग्राउंड कवरेज किया। अंतर 2706.48 वर्गफीट का जो कि पूरे जी+3 तक लागू है। 10825.92 वर्गफीट अवैध निर्माण।

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