- निगम ने थमाया रिमूवल नोटिस
- एमआईसी सदस्य और महापौर निवास के फोन बड़ा अडंगा
- मार्च में भी रूकवाई थी कार्रवाई
इंदौर. चीफ रिपोर्टर ।
एमआईसी सदस्य के फोन पर जिस 76 पंढरीनाथ स्थित सतराम वाधवानी के मनमाने निर्माण को नजरअंदाज करना पड़ा था उसे आखिरकार निगम प्रशासन को रिमूवल नोटिस थमाना पड़ा। यदि दोबारा एमआईसी सदस्य का या महापौर निवास से दबाव नहीं आया तो नोटिस के अनुसार निर्माण पर गुरुवार को रिमूवल कार्रवाई जरूर होगी। उधर, निर्माण के खिलाफ बुधवार को भी शिकायत दर्ज की गई।
42 विनयनगर निवासी सतरामदास पिता सोभामल वाधवानी, राजेश कुमार पिता सतरामदास वाधवानी और विनोद पिता सतरामदास वाधवानी ने कैसे मनमाना निर्माण किया है? इसका खुलासा दबंग दुनिया ने 8 जुलाई के अंक में ‘जहां दुकानें मंजूर की वहां बनने लगे शोरूम’ शीर्षक से प्रकाशित समाचार में किया था। मामले पर दबंग दुनिया ने नजर बनाए रखी। हालांकि इस दौरान नगर निगम के हरसिद्धि जोन पर पदस्थ अधिकारियों और निर्माणकर्ता ने मामले को रफा-दफा करने की हर संभव कोशिश की। बावजूद इसके दबंग का अभियान जारी रहा। परिणाम स्वरूप हरसिद्धि जोन पर पदस्थ भवन अधिकारी महेश शर्मा ने 27 जुलाई 2017 को रिमूवल नोटिस (914) जारी कर दिया। इसके तहत निर्माणकर्ता को अपना अवैध निर्माण हटाने के लिए जो समय दिया था वह बुधवार को खत्म हो चुका है। रिमूवल के लिए गुरुवार को दिन मुकरर्र है।
मार्च में ही बराबर हो जाता निर्माण...
निर्माणकर्ताओं को जारी किए गए नोटिस के अनुसार उक्त प्लॉट पर स्वीकृत नक्शे के विपरीत किए जा रहे निर्माण को चिह्नित करके हरसिद्धि जोन द्वारा 23 मार्च 2017 को भी नोटिस (1406) जारी किया गया था। कार्रवाई होना थी लेकिन एन वक्त पर एमआईसी सदस्य सुधीर देड़गे ने फोन करके कार्रवाई टलवा दी।
बुधवार को भी हुई शिकायत
मामले में बुधवार को भी सुदामानगर निवासी सूर्यप्रकाश वर्मा ने निगमायुक्त मनीष सिंह को शिकायत की। शिकायत के अनुसार 12 अक्टूबर 2016 को नक्शा पास करते हुए 1847.28 वर्गफीट के इस प्लॉट में 216.41 वर्गफीट सड़क सेटबेक काटकर नगर निगम ने 1634.62 वर्गफीट पर कुल 2757.38 वर्गफीट की जी+2 बिल्डिंग मंजूर की थी। 365.05 वर्गफीट की दो दुकानें बनाई जा सकती थी। कमर्शियल अनुमति इतनी ही है। वहीं 2392.33 वर्गफीट अनुमति आवासीय है। इसके विपरीत वाधवानी परिवार ने मौके ग्राउंड फ्लोर पर 365.05 वर्गफीट दुकानें बनाने के साथ ही उस हिस्से पर व्यावसायिक उपयोग की मंशा से निर्माण कर दिया है जो कि आवासीय के लिए मंजूर हुआ था। पार्किंग के लिए तय हुई जमीन पर भी बिल्डर ने कैची चला दी है। इसी में लिफ्ट डक्ट बना दिया है।
राजनीतिक प्रेशर कितना है...
जोन पर पदस्थ अधिकारियों का कहना है कि हमने नोटिस तो दे दिया है लेकिन एमआईसी सदस्य, महापौर के परिवार या अन्य किसी बड़े राजनीतिक दखलंदाजी से हम कैसे निपटे। हम भी नहीं चाहते अवैध निर्माण हो लेकिन हमारे कार्रवाई करने से पहले बचाने वाले सामने आ जाते हैं।
कब-कब किया खुलासा
8 जुलाई : जहां दुकानें मंजूर की वहां बनने लगे शोरूम...
14 जुलाई : एमआईसी सदस्य ने फोन करके दी अवैध निर्माण की छूट
18 जुलाई : 76 पंढरीनाथ के खिलाफ सीएम तक पहुंची शिकायत
21 जुलाई : 76 पंढरीनाथ, शिकायतकर्ताओं को धमकाना शुरू
- एमआईसी सदस्य और महापौर निवास के फोन बड़ा अडंगा
- मार्च में भी रूकवाई थी कार्रवाई
इंदौर. चीफ रिपोर्टर ।
एमआईसी सदस्य के फोन पर जिस 76 पंढरीनाथ स्थित सतराम वाधवानी के मनमाने निर्माण को नजरअंदाज करना पड़ा था उसे आखिरकार निगम प्रशासन को रिमूवल नोटिस थमाना पड़ा। यदि दोबारा एमआईसी सदस्य का या महापौर निवास से दबाव नहीं आया तो नोटिस के अनुसार निर्माण पर गुरुवार को रिमूवल कार्रवाई जरूर होगी। उधर, निर्माण के खिलाफ बुधवार को भी शिकायत दर्ज की गई।
42 विनयनगर निवासी सतरामदास पिता सोभामल वाधवानी, राजेश कुमार पिता सतरामदास वाधवानी और विनोद पिता सतरामदास वाधवानी ने कैसे मनमाना निर्माण किया है? इसका खुलासा दबंग दुनिया ने 8 जुलाई के अंक में ‘जहां दुकानें मंजूर की वहां बनने लगे शोरूम’ शीर्षक से प्रकाशित समाचार में किया था। मामले पर दबंग दुनिया ने नजर बनाए रखी। हालांकि इस दौरान नगर निगम के हरसिद्धि जोन पर पदस्थ अधिकारियों और निर्माणकर्ता ने मामले को रफा-दफा करने की हर संभव कोशिश की। बावजूद इसके दबंग का अभियान जारी रहा। परिणाम स्वरूप हरसिद्धि जोन पर पदस्थ भवन अधिकारी महेश शर्मा ने 27 जुलाई 2017 को रिमूवल नोटिस (914) जारी कर दिया। इसके तहत निर्माणकर्ता को अपना अवैध निर्माण हटाने के लिए जो समय दिया था वह बुधवार को खत्म हो चुका है। रिमूवल के लिए गुरुवार को दिन मुकरर्र है।
मार्च में ही बराबर हो जाता निर्माण...
निर्माणकर्ताओं को जारी किए गए नोटिस के अनुसार उक्त प्लॉट पर स्वीकृत नक्शे के विपरीत किए जा रहे निर्माण को चिह्नित करके हरसिद्धि जोन द्वारा 23 मार्च 2017 को भी नोटिस (1406) जारी किया गया था। कार्रवाई होना थी लेकिन एन वक्त पर एमआईसी सदस्य सुधीर देड़गे ने फोन करके कार्रवाई टलवा दी।
बुधवार को भी हुई शिकायत
मामले में बुधवार को भी सुदामानगर निवासी सूर्यप्रकाश वर्मा ने निगमायुक्त मनीष सिंह को शिकायत की। शिकायत के अनुसार 12 अक्टूबर 2016 को नक्शा पास करते हुए 1847.28 वर्गफीट के इस प्लॉट में 216.41 वर्गफीट सड़क सेटबेक काटकर नगर निगम ने 1634.62 वर्गफीट पर कुल 2757.38 वर्गफीट की जी+2 बिल्डिंग मंजूर की थी। 365.05 वर्गफीट की दो दुकानें बनाई जा सकती थी। कमर्शियल अनुमति इतनी ही है। वहीं 2392.33 वर्गफीट अनुमति आवासीय है। इसके विपरीत वाधवानी परिवार ने मौके ग्राउंड फ्लोर पर 365.05 वर्गफीट दुकानें बनाने के साथ ही उस हिस्से पर व्यावसायिक उपयोग की मंशा से निर्माण कर दिया है जो कि आवासीय के लिए मंजूर हुआ था। पार्किंग के लिए तय हुई जमीन पर भी बिल्डर ने कैची चला दी है। इसी में लिफ्ट डक्ट बना दिया है।
राजनीतिक प्रेशर कितना है...
जोन पर पदस्थ अधिकारियों का कहना है कि हमने नोटिस तो दे दिया है लेकिन एमआईसी सदस्य, महापौर के परिवार या अन्य किसी बड़े राजनीतिक दखलंदाजी से हम कैसे निपटे। हम भी नहीं चाहते अवैध निर्माण हो लेकिन हमारे कार्रवाई करने से पहले बचाने वाले सामने आ जाते हैं।
कब-कब किया खुलासा
8 जुलाई : जहां दुकानें मंजूर की वहां बनने लगे शोरूम...
14 जुलाई : एमआईसी सदस्य ने फोन करके दी अवैध निर्माण की छूट
18 जुलाई : 76 पंढरीनाथ के खिलाफ सीएम तक पहुंची शिकायत
21 जुलाई : 76 पंढरीनाथ, शिकायतकर्ताओं को धमकाना शुरू
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