Thursday, August 10, 2017

सीएम के स्वास्थ्य मिशन पर शैलबी का पलीता

की मालवा-निमाड़ में 150 से ज्यादा बच्चों की जांच, उपचार/सर्जरी एक भी नहीं
तीन महीने से ईलाज के इंतजार में बढ़ता जा रहा है रोग
इंदौर. विनोद शर्मा ।
ईलाज के नाम पर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ करते आ रहे शैलबी हॉस्पिटल ने मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना के नाम पर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और उनकी सरकार आंखों में भी धूल झौंकी है। नेशनल एक्रिडिएशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स एंड हैल्थकेअर (एनएबीएच) से एक्रिडिएशन के बिना ही शैलबी इंदौर खंडवा, खरगोन, बड़वानी, देवास, शाजापुर, उज्जैन और धार जैसे जिलों में कार्डियक और आॅर्थोपेडिक पेशेंट्स की जांच की। गंभीर रोगियों को इंदौर में सर्जरी का झांसा देकर अब तक झुलाया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो ऐसे डेढ़ सौ से ज्यादा बाल ह्दय रोगी हैं जिनका सर्जरी/उपचार के इंतजार में रोग जानलेवा होता जा रहा है।
आरबीएसके के तहत मप्र सरकार ने मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना शुरू की थी। योजना के तहत गांव, कस्बों और शहरों में शिविर लगाकर बाल हृदय रोगियों को चिह्नित किया जाना था ताकि बाद में उनका ईलाज एनएबीएच से एक्रिडेटेड किसी अस्पताल में कराया जा सके। शैलबी ने इंदौर और जबलपुर दोनों  हॉस्पिटल के एनएबीएच एक्रिडेशन का आवेदन किया लेकिन एक्रिडेशन हुआ सिर्फ जबलपुर हॉस्पिटल का। इस एक्रिडेशन के आधार पर दिसंबर से फरवरी के बीच शैलबी ने इंदौर, धार, खंडवा, खरगोन, मंदसौर, नीमच, रतलाम, झाबुआ सहित आसपास के शहर में कैंप लगाए। मरीजों की जांच की। उन्हें इंदौर में सर्जरी का वादा किया गया।
सिर्फ खंडवा में ही हुआ 36 पेशेंट का ईको
दो तरह के अभियान का हिस्सा बना था शैलबी। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य सुरक्षा योजना और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत।  राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत बच्चों की जांच की गई। वहीं राष्ट्रीय सुरक्षा प्रोग्राम के तहत गरीबों की। खरगोन में जो कैंप लगा था उसकी जिम्मेदारी डॉ. सुधाशु अग्निहोत्रि और डॉ. आशीष सप्रे को दी गई थी। उनके साथ एक बीएमएस डॉक्टर भी था। 20 फरवरी 2017 को खरगोन में डॉ.अग्निहोत्री और डॉ. सप्रे ने जांच की थी।  36 बड़े और बच्चों का शारदा हॉस्पिटल में ईको हुआ। इनमें 7 वर्षीय विशाल, 2 वर्षीय विशाल, 6 वर्षीय काजल, 5 वर्षीय सपना, 15 वर्षीय राहुल के नाम शामिल हैं। ईको के 36 हजार रुपए का भुगतान किया गया था। झाबुआ में 7 पेशेंट की राशि मंजूर हुई थी।
-- सूत्रों की मानें तो हरदा, बड़वानी, रतलाम, अलीराजपुर, शाजापुर, आगर,  खंडवा, मंदसौर, नीमच, उज्जेैन में चिह्नित किए गए बच्चों की संख्या सौ से अधिक है। ऐसे तकरीबन डेढ़ सौ बच्चे चिह्नित किए गए थे उपचार/सर्जरी के लिए।
किसे कहां की दी गई थी जिम्मेदारी
जिला डॉक्टर तारीख
हरदा डॉ.ए.सप्रे और डॉ.ए.जैन 27 फरवरी
बड़वानी डॉ. एस.अग्निहोत्री 27 फरवरी
रतलाम डॉ. ए.सप्रे 7 फरवरी
इंदौर डॉ. ए.सप्रे/डॉ.ए.जैन 1 फरवरी
मंदसौर डॉ. एस.अग्निहोत्री 1 फरवरी
शाजापुर डॉ. ए.जैन 27 जनवरी
खरगोन डॉ.ए.सप्रे और डॉ.ए.जैन 20 फरवरी
खंडवा डॉ. ए.जैन 15 जनवरी
झाबुआ डॉ.ए.सप्रे 21 जनवरी
उज्जैन डॉ.एस.अग्निहोत्री 21 जनवरी
यहां-यहां हुई जांच
देवास महात्मागांधी जिला हॉस्पिटल
खरगोन शारदा हॉस्पिटल
बड़वानी जिला अस्पताल
कहां कितने पेशेंट किए चिह्नित
जिला मरीज
उज्जैन 43
बड़वानी 17
शाजापुर 07
खरगोन 36
झाबुआ 07
इंदौर 40
देवास 18
खंडवा 13
धार 18
मामा शैलबी ले रहा है जान
गरीब और गरीब बच्चों के लिए राज्य से लेकर केंद्र सरकार तक अलग-अलग स्वास्थ्य योजनाएं चला रही है ताकि उन्हें पर्याप्त चिकित्सा लाभ मिल सके। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले की कमीशनबाजी के कारण इन योजनाओं का लाभ गरीब और गरीब बच्चों को मिलने के बजाय अस्पतालों को मिल रहा है। शैलबी इंदौर ने 5 अपै्रल 2016 में एनएबीएच एक्रिडेशन के लिए आवेदन(एच-2016-1062) किया था लेकिन दस्तावेज उपलब्ध न करा पाने के कारण एक्रिडेशन हुआ नहीं। बावजूद इसके शैलबी जबलपुर के एक्रिडेशन के आधार पर मरीज जांचे गए। उपचार/सर्जरी के लिए चिह्नित किए गए लेकिन अब तक किसी की सर्जरी नहीं हो पाई शैलबी इंदौर में। जिन बच्चों की ज्यादा स्थिति बिगड़ी उन्हें आरबीएसके के दल को दूसरे अस्पताल में पहुंचाना पड़ा। ऐसे पेशेंट भी अंगुलियों पर गिने जा सकते हैं।
सरकार की आंखों पर शैलबी प्रेम का पर्दा
एनएबीएच के तहत मप्र में कुल 14 और इंदौर में पांच हॉस्पिटल एक्रिडेटेड हैं। बॉम्बे हॉस्पिटल, ग्रेटर कैलाश, सीएचएल हॉस्पिटल, मेदांता और चोइथराम हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के नाम सूची में हैं। सभी अस्पताल आरबीएसके के अभियान में शामिल हैं। बावजूद इसके शैलबी जबलपुर के लिए सीएमएचओ लिख रहे हैं।
किस शहर से कितना दूर है जबलपुर शैलबी
जिले से दूरी (किलोमीटर में) इंदौर
झाबुआ 708 150
अलीराजपुर 767 242
उज्जैन 521 54
खंडवा 546 180
खरगोन 634 170
बड़वानी 704 156
मंदसौर 649 208


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