Thursday, August 10, 2017

मेट्रो की मल्टी पर चला बुलडोजर

दबंग इम्पैक्ट
चार घंटे चली कार्रवाई, बड़ा अवैध निर्माण ध्वस्त
इंदौर.  चीफ रिपोर्टर ।
शहर के रसूखदार बिल्डरों में से एक रमेश मेट्रो ने मप्र भूमि विकास अधिनियम और मास्टर प्लान 2021 के प्रावधानों को नजरअंदाज करके जो अवैध मल्टी बनाई है उस पर गुरुवार को नगर निगम ने रिमूवल कार्रवाई की। सुबह 9 से लेकर दोपहर 1 बजे तक बिल्डिंग पर हथौड़े बरसाए गए। बुलडोजर से अवैध हिस्सा डहाया गया। नेताओं और रसूखदारों की रिकमेंड निगम दस्ते के आगे बिल्कुल नहीं चली। आखिरकार बिल्डर द्वारा 15 दिन में अवैध निर्माण स्वयं द्वारा तोड़े जाने का लिखित आश्वासन मिलने के बाद 15 जून तक का वक्त दिया गया।
नगर निगम का दस्ता 22/1 पागनीसपागा पहुंचा। यहां रमेश, विष्णु और बाला पिता अमरसिंह कछवाह द्वारा मनमाने ढंग से कैसे बी+जी+4 बिल्डिंग बनाई है? इसका खुलासा दबंग दुनिया द्वारा बीते दिनों में लगातार किया जाता रहा। दबंग दुनिया की खबरों का ही असर था कि हरसिद्धि जोन के अधिकारियों ने 27 मई 2017 को कछवाह परिवार को रिमूवल नोटिस जारी कर दिया था। इसी नोटिस में दी गई समयसीमा के अनुसार निगम टीम मौके पर पहुंची और कार्रवाई शुरू कर दी जो कि दोपहर बजे तक चली। इस दौरान मार्जिनल ओपन स्पेस (एमओएस) में किया गया अवैध निर्माण तोड़ा।
नहीं चली नेतागिरी
इस दौरान मेट्रो और उसके भागीदारों ने पूर्व सांसद सज्जनसिंह वर्मा के भतीजे अभय वर्मा से लेकर सत्तापक्ष के एक पार्षद जो कि एमआईसी सदस्य है उनकी भी मदद ली लेकिन बात नहीं बनी। मामले में लगातार निगमायुक्त मनीष सिंह अपडेट लेते रहे।
दो गुना है अवैध निर्माण
दस्तावेजों के अनुसार बात की जाए तो 22/1 पागनीसपागा पर रमेश, विष्णु और बाला पिता  अमरसिंह कछवाह के 13901 के वर्गफीट के प्लॉट पर 30 प्रतिशत ग्राउंड कवरेज के साथ 950 वर्गमीटर (9988 वर्गफीट) बिल्डिंग निर्माण की मंजूरी दी गई थी। जांच अधिकारियों के अनुसार इसके विपरीत कछवाहा परिवार ने तकरीबन 22 हजार वर्गफीट निर्माण किया है।
न एमओएस छोड़ा, न पार्किंग
26 जुलाई 2016 को नगर निगम द्वारा थमाए गए नोटिस ( 846) के अनुसार प्लॉट पर 27 जून 2015 को बिल्डिंग पर्मिशन (1861) जारी हुई थी। इसमें कुल 950 वर्गमीटर निर्माण की अनुमति दी गई थी। नोटिस में अवैध निर्माण का उल्लेख करते हुए बताया कि आगे पार्किंग के स्थान पर दुकानें बढ़ाकर बना दी गई है। साईड में एमओएस में रैंप बनाया गया जो कि मास्टर प्लान 2021 के नियम-76 का उल्लंघन है। इसके अलावा चारों तरफ हेंगिंग करके बिल्डिंग का कवरेज एरिया बढ़ाया गया है। इतना ही नहीं स्वीकृत फ्लोर एरिया रेशो (एफएआर) से अधिक निर्माण किया गया है।
तोड़ लेते हैं तो ठीक, वरना 15 दिन बाद फिर कार्रवाई
मौके पर मौजूद नगर निगम के भवन निरीक्षक जे.पी.सिंह ने बताया कि नगर निगम द्वारा लगातार दिए गए नोटिसों के बाद भी कछवाह परिवार लगातार बिल्डिंग बनाते रहा। मामले की शिकायत आर्थिक अपराध अन्वेशण ब्यूरो (ईओडब्लयू) में भी हुई है जिसके बाद कार्रवाई को अंजाम दिया गया।

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