रिनोवेशन की आड़ में पर्दा डालकर कोठारी ने बना दी मनमानी बिल्डिंग
इंदौर. विनोद शर्मा ।
नक्शा मंजूर कराना और मनमाना मकान बनाना तो इंदौर में अब चलन हो चुका है लेकिन अब लोग अब पुरानी बिल्डिंगों के रिनोवेशन के नाम पर नगर निगम की आंखों में धूल झौंक रहे हैं। रिनोवेशन की आड़ लेकर बिना नक्शे के आवासीय बिल्डिंग को कॉर्पोरेट बिल्डिंग बनाकर बेचा व किराये पर दिया जा रहा है। लोकेश कोठारी उर्फ लोकू द्वारा 199 जवाहरमार्ग की पुरानी बिल्डिंग का किया गया कायाकल्प इसका बड़ा उदाहरण है। कायाकल्प के नाम पर ‘घुंघट’ की आड़ में पुरी बिल्डिंग को कॉम्पलेक्स बना दिया।
जोन 2 और वार्ड 69 के तहत मालगंज चौराहे के पास है यह बिल्डिंग। पता 199 जवाहरमार्ग जो कि नगर निगम के राजस्व रिकार्ड में मालती पति महादेव जोशी के नाम दर्ज है। उधर, सूत्रों के अनुसार जी+1 मकान को सेठी परिवार से कुख्यात भू-माफिया रणवीरसिंह उर्फ बॉबी छाबड़ा के खासमखास लोकेश कोठारी ने 2015-16 में खरीदा था। मकान खरीदने के बाद कुछ लोगों की भागीदारी से कोठारी ने 2016 में ही भवन का कायापलट शुरू किया। काम अब भी जारी है लेकिन अब भवन कॉम्पलेक्स का रूप अख्तियार कर चुका है। बिल्डिंग का रिनोवेशन नीले रंग की तिरपाल डालकर किया गया ताकि सड़क चलतों को समझ न आए कि अंदर बन क्या रहा है।
बड़ा फायदा है रिनोवेशन का...
चूंकि कोठारी द्वारा खरीदी गई बिल्डिंग आवासीय थी इसीलिए उसे नए सिरे से बनाने के लिए नक्शा मंजूर कराना जरूरी था। इसीलिए कोठारी ने रिनोवेशन की प्लानिंग की। रिनोवेशन के नाम पर ही एक घर को कॉर्पोरेट बिल्डिंग बनाया। नीचे जवाहरमार्ग की ओर तीन दुकानें और गली में एक दुकान बना दी। पूरी ग्राउंड फ्लोर दुकानों की है। पहली मंजिल पर करीब तीन हजार वर्गफीट का हॉल बना दिया। दूसरी पर भी हॉल है। ऊपर टॉवर भी बना दिए।
बेच भी दी दुकानें...
जवाहरमार्ग की ओर जो तीन दुकानें बनाई है उनमें से एक सत्कार टेंट हाउस को बेची है जो कि बिल्डिंग के पुराने स्वरूप से ही वहीं है। दो दुकानों में से एक अशोक नॉवेल्टी स्टोर्स और एक पर रेडीमेड दुकान है। ऊपर का हॉल किराए से दिया जाना है। जरूरत पड़ी तो बेचा जा सकता है। अभी सौदा हुआ नहीं है। बिल्डिंग में प्रॉपर्टी लेने देने की बात सत्कार टेंट हाउस वाले भी अच्छे से बताते हैं। उनकी मानें तो ऊपर दोनों मंजिल पर हॉल बने हैं जिन्हें किसी बैंक या कोचिंग इंस्टिट्यूट को किराए पर दिया जाना है।
कहते रहे रहने के लिए बनाई..फिर बेच दी
इस पूरे मामले में लोकेश उर्फ लोकू कोठारी का मार्च में कहना था कि वह कॉर्पोरेट बिल्डिंग नहीं बना रहा है। पुराना घर खरीदा था। दीवारें जर्जर हो गई थी इसीलिए नए सिरे से बनाई है। ऊपर आवासीय उपयोग ही होगा।
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आप मिलो, मिलकर बात करते हैं
बिल्डिंग की पर्मिशन और रिनोवेशन के नाम पर हुए निर्माण के संबंध में जब दबंग दुनिया ने कोठारी से बात की तो उसका कहना था कि आप मिल लो। मिलकर बात करते हैं। सारी अनुमतियां है मेरे पास।
(जोन-2 पर पदस्थ अधिकारियों के अनुसार कोई अनुमति नहीं है कोठारी के पास।)
इंदौर. विनोद शर्मा ।
नक्शा मंजूर कराना और मनमाना मकान बनाना तो इंदौर में अब चलन हो चुका है लेकिन अब लोग अब पुरानी बिल्डिंगों के रिनोवेशन के नाम पर नगर निगम की आंखों में धूल झौंक रहे हैं। रिनोवेशन की आड़ लेकर बिना नक्शे के आवासीय बिल्डिंग को कॉर्पोरेट बिल्डिंग बनाकर बेचा व किराये पर दिया जा रहा है। लोकेश कोठारी उर्फ लोकू द्वारा 199 जवाहरमार्ग की पुरानी बिल्डिंग का किया गया कायाकल्प इसका बड़ा उदाहरण है। कायाकल्प के नाम पर ‘घुंघट’ की आड़ में पुरी बिल्डिंग को कॉम्पलेक्स बना दिया।
जोन 2 और वार्ड 69 के तहत मालगंज चौराहे के पास है यह बिल्डिंग। पता 199 जवाहरमार्ग जो कि नगर निगम के राजस्व रिकार्ड में मालती पति महादेव जोशी के नाम दर्ज है। उधर, सूत्रों के अनुसार जी+1 मकान को सेठी परिवार से कुख्यात भू-माफिया रणवीरसिंह उर्फ बॉबी छाबड़ा के खासमखास लोकेश कोठारी ने 2015-16 में खरीदा था। मकान खरीदने के बाद कुछ लोगों की भागीदारी से कोठारी ने 2016 में ही भवन का कायापलट शुरू किया। काम अब भी जारी है लेकिन अब भवन कॉम्पलेक्स का रूप अख्तियार कर चुका है। बिल्डिंग का रिनोवेशन नीले रंग की तिरपाल डालकर किया गया ताकि सड़क चलतों को समझ न आए कि अंदर बन क्या रहा है।
बड़ा फायदा है रिनोवेशन का...
चूंकि कोठारी द्वारा खरीदी गई बिल्डिंग आवासीय थी इसीलिए उसे नए सिरे से बनाने के लिए नक्शा मंजूर कराना जरूरी था। इसीलिए कोठारी ने रिनोवेशन की प्लानिंग की। रिनोवेशन के नाम पर ही एक घर को कॉर्पोरेट बिल्डिंग बनाया। नीचे जवाहरमार्ग की ओर तीन दुकानें और गली में एक दुकान बना दी। पूरी ग्राउंड फ्लोर दुकानों की है। पहली मंजिल पर करीब तीन हजार वर्गफीट का हॉल बना दिया। दूसरी पर भी हॉल है। ऊपर टॉवर भी बना दिए।
बेच भी दी दुकानें...
जवाहरमार्ग की ओर जो तीन दुकानें बनाई है उनमें से एक सत्कार टेंट हाउस को बेची है जो कि बिल्डिंग के पुराने स्वरूप से ही वहीं है। दो दुकानों में से एक अशोक नॉवेल्टी स्टोर्स और एक पर रेडीमेड दुकान है। ऊपर का हॉल किराए से दिया जाना है। जरूरत पड़ी तो बेचा जा सकता है। अभी सौदा हुआ नहीं है। बिल्डिंग में प्रॉपर्टी लेने देने की बात सत्कार टेंट हाउस वाले भी अच्छे से बताते हैं। उनकी मानें तो ऊपर दोनों मंजिल पर हॉल बने हैं जिन्हें किसी बैंक या कोचिंग इंस्टिट्यूट को किराए पर दिया जाना है।
कहते रहे रहने के लिए बनाई..फिर बेच दी
इस पूरे मामले में लोकेश उर्फ लोकू कोठारी का मार्च में कहना था कि वह कॉर्पोरेट बिल्डिंग नहीं बना रहा है। पुराना घर खरीदा था। दीवारें जर्जर हो गई थी इसीलिए नए सिरे से बनाई है। ऊपर आवासीय उपयोग ही होगा।
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आप मिलो, मिलकर बात करते हैं
बिल्डिंग की पर्मिशन और रिनोवेशन के नाम पर हुए निर्माण के संबंध में जब दबंग दुनिया ने कोठारी से बात की तो उसका कहना था कि आप मिल लो। मिलकर बात करते हैं। सारी अनुमतियां है मेरे पास।
(जोन-2 पर पदस्थ अधिकारियों के अनुसार कोई अनुमति नहीं है कोठारी के पास।)
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