उज्जैन से इंदौर तक फैला है जोड़ी का रीयल कारोबार
इंदौर. विनोद शर्मा ।
उज्जैन के जिन आनंद बांगर और विष्णु जाजू की कंपनियों पर इनकम टैक्स की इन्वेस्टिगेशन विंग गुरुवार से छापेमार कार्रवाई कर रही है उनकी जमीन सुशील जैन ‘गिरिया’ और मुकेश रांका के भरौसे टिकी है। सुशील-मुकेश वैसे तो उज्जैन के रहने वाले हैं लेकिन इंदौर में भी इनका कामकाज अच्छा जमा हुआ है। दोनों बांगर की कंपनियों में डायरेक्टर है। यह भी सामने आया कि बांगर ने स्क्रैप बताकर पेपर खरीदा। बंद बताकर मिल खरीदी।
श्रीजी पॉलिमर इंडिया प्रा.लि. समूह पर इनकम टैक्स ने गुरुवार को छापेमार कार्रवाई की थी तो जो कि लगातार दूसरे दिन भी जारी रही। दूसरे दिन प्रॉपर्टीज के पेपर्स में 4 नयापुरा उज्जैन निवासी सुशील जैन और 18 नयापुरा निवासी मुकेश कुमार रांका का नाम भी सामने आया। सुशील-राका र्पाश्व वीर बिल्डर्स एंड डेवलपर्स प्रा.लि., आरएम विनो एस्टेट डेवलपर्स प्रा.लि. और सिक्योर प्रॉपर्टीज प्रा.लि. जैसी कंपनियों में 2010 से डायरेक्टर है। जमीनी सौंदो में दोनों का नाम इंदौर-उज्जैन तक चर्चा में रहता है। आर्यन वेअर आउस के नाम से दोनों का आॅफिस 102 वरूण टॉवर मीरापथ इंदौर में भी है। दोनों फर्जीवाड़े के डॉक्टर है इसीलिए बच्चों को सीए भी बनाया ताकि वह कागजी मामले संभाल सके।
2003 और 2013 में हो चुका है सर्वे
मुकेश रांका पर इनकम टैक्स की सर्च 25 सितंबर 2003 को हो चुकी है। भारी अनियमितता मिली। मुकेश रांका ने 1.1 करोड़ सरेंडर किए। सुशील जैन ने 14 लाख सरेंडर किए। मामला 2007 में अपील कमिश्नर और 2011 में आईटीएटी पहुंचा। 20 फरवरी 2017 को उज्जैन में जो सरकारी शादी हुई उसमें दोनों ने पायल सेट वितरित किए थे।
प्रॉपर्टी कारोबारी सुशील-मुकेश के ठिकानों पर दिसंबर 2013 में इनकम टैक्स सर्वे की कार्रवाई भी कर चुका है। बिल्डरों ने लाखों रुपए के ट्रांजेक्शन करने के बाद भी टीडीएस जमा नहीं किया था। जांच में यह भी पता चला है कि इन दोनों बिल्डर्स के नाम से कई फर्मों का संचालन किया जा रहा है।
‘अर्थ’ ही नहीं ‘करंट’ भी दिया बांगर को...
नीमच बायोमास एनर्जी प्रा.लि. भी दोनों की है। इसीलिए दोनों ने बांगर और जाजू को न सिर्फ अर्थ (जमीन) के धंधे की बारीकियां सिखाई। वहीं बांगर को करंट (एनर्जी) के क्षेत्र में आगे बढ़ाया। समूह ने विंड एनर्जी में निवेश किया। विंड प्लांट मंदसौर की दलोदा तहसील के नंदवेल गांव में है। बांगर समूह के डायरेक्टर्स भी नीमच बायोमास एनर्जी प्रा.लि. से जुड़े हैं जिनमें प्रमुख अनुराग सोमानी है। दोनों समूह के बीच आजादनगर उज्जैन निवासी कामिनी अग्रवाल भी डायरेक्टर है।
घरेलू रिश्ता..
मुकेश की जेपीजे एक्जिम प्रा.लि. में सूमन रांका भी डायरेक्टर है जो कि श्रीजी उज्जैन पॉवर लि. की डायरेक्टर भी है। इस कंपनी में उनके साथ कामिनी अग्रवाल और मंगला बांगर भी डायरेक्टर है। मंगला क्वालिटी इंडस्ट्री भोपाल लि. सुशेन रेमेडीज प्रा.लि., श्रीजी उज्जैन पॉवर और व्यंकटेश कोरोगेर्ट्स प्रा.लि. में भी आनंद बांगर के साथ भागीदार है।
बंद बताकर कंपनियां खरीदी...
जांच में यह भी सामने आया है कि बांगर 2005 से फार्म में है। उसने सरकारी अधिकारियों द्वारा समूह में लगाई गई अपनी ऊपरी कमाई से 12 वर्षों में जबरदस्त तरक्की की। कई पेपर और कोरेगेट्ड बॉक्स बनाने वाली कंपनियां खरीदी। इन कंपनियों को खरीदने के लिए बंद और मशीनों को स्कै्रप बताकर खरीदता है बांगर ताकि कम कीमत बताई जा सके। टैक्स बचाया जा सके। उधर, कार्रवाई के दौरान बड़ी केश रकम मिली है। ज्वैलरी सामने आई है जिसका वेल्यूवेशन जारी है।
इंदौर. विनोद शर्मा ।
उज्जैन के जिन आनंद बांगर और विष्णु जाजू की कंपनियों पर इनकम टैक्स की इन्वेस्टिगेशन विंग गुरुवार से छापेमार कार्रवाई कर रही है उनकी जमीन सुशील जैन ‘गिरिया’ और मुकेश रांका के भरौसे टिकी है। सुशील-मुकेश वैसे तो उज्जैन के रहने वाले हैं लेकिन इंदौर में भी इनका कामकाज अच्छा जमा हुआ है। दोनों बांगर की कंपनियों में डायरेक्टर है। यह भी सामने आया कि बांगर ने स्क्रैप बताकर पेपर खरीदा। बंद बताकर मिल खरीदी।
श्रीजी पॉलिमर इंडिया प्रा.लि. समूह पर इनकम टैक्स ने गुरुवार को छापेमार कार्रवाई की थी तो जो कि लगातार दूसरे दिन भी जारी रही। दूसरे दिन प्रॉपर्टीज के पेपर्स में 4 नयापुरा उज्जैन निवासी सुशील जैन और 18 नयापुरा निवासी मुकेश कुमार रांका का नाम भी सामने आया। सुशील-राका र्पाश्व वीर बिल्डर्स एंड डेवलपर्स प्रा.लि., आरएम विनो एस्टेट डेवलपर्स प्रा.लि. और सिक्योर प्रॉपर्टीज प्रा.लि. जैसी कंपनियों में 2010 से डायरेक्टर है। जमीनी सौंदो में दोनों का नाम इंदौर-उज्जैन तक चर्चा में रहता है। आर्यन वेअर आउस के नाम से दोनों का आॅफिस 102 वरूण टॉवर मीरापथ इंदौर में भी है। दोनों फर्जीवाड़े के डॉक्टर है इसीलिए बच्चों को सीए भी बनाया ताकि वह कागजी मामले संभाल सके।
2003 और 2013 में हो चुका है सर्वे
मुकेश रांका पर इनकम टैक्स की सर्च 25 सितंबर 2003 को हो चुकी है। भारी अनियमितता मिली। मुकेश रांका ने 1.1 करोड़ सरेंडर किए। सुशील जैन ने 14 लाख सरेंडर किए। मामला 2007 में अपील कमिश्नर और 2011 में आईटीएटी पहुंचा। 20 फरवरी 2017 को उज्जैन में जो सरकारी शादी हुई उसमें दोनों ने पायल सेट वितरित किए थे।
प्रॉपर्टी कारोबारी सुशील-मुकेश के ठिकानों पर दिसंबर 2013 में इनकम टैक्स सर्वे की कार्रवाई भी कर चुका है। बिल्डरों ने लाखों रुपए के ट्रांजेक्शन करने के बाद भी टीडीएस जमा नहीं किया था। जांच में यह भी पता चला है कि इन दोनों बिल्डर्स के नाम से कई फर्मों का संचालन किया जा रहा है।
‘अर्थ’ ही नहीं ‘करंट’ भी दिया बांगर को...
नीमच बायोमास एनर्जी प्रा.लि. भी दोनों की है। इसीलिए दोनों ने बांगर और जाजू को न सिर्फ अर्थ (जमीन) के धंधे की बारीकियां सिखाई। वहीं बांगर को करंट (एनर्जी) के क्षेत्र में आगे बढ़ाया। समूह ने विंड एनर्जी में निवेश किया। विंड प्लांट मंदसौर की दलोदा तहसील के नंदवेल गांव में है। बांगर समूह के डायरेक्टर्स भी नीमच बायोमास एनर्जी प्रा.लि. से जुड़े हैं जिनमें प्रमुख अनुराग सोमानी है। दोनों समूह के बीच आजादनगर उज्जैन निवासी कामिनी अग्रवाल भी डायरेक्टर है।
घरेलू रिश्ता..
मुकेश की जेपीजे एक्जिम प्रा.लि. में सूमन रांका भी डायरेक्टर है जो कि श्रीजी उज्जैन पॉवर लि. की डायरेक्टर भी है। इस कंपनी में उनके साथ कामिनी अग्रवाल और मंगला बांगर भी डायरेक्टर है। मंगला क्वालिटी इंडस्ट्री भोपाल लि. सुशेन रेमेडीज प्रा.लि., श्रीजी उज्जैन पॉवर और व्यंकटेश कोरोगेर्ट्स प्रा.लि. में भी आनंद बांगर के साथ भागीदार है।
बंद बताकर कंपनियां खरीदी...
जांच में यह भी सामने आया है कि बांगर 2005 से फार्म में है। उसने सरकारी अधिकारियों द्वारा समूह में लगाई गई अपनी ऊपरी कमाई से 12 वर्षों में जबरदस्त तरक्की की। कई पेपर और कोरेगेट्ड बॉक्स बनाने वाली कंपनियां खरीदी। इन कंपनियों को खरीदने के लिए बंद और मशीनों को स्कै्रप बताकर खरीदता है बांगर ताकि कम कीमत बताई जा सके। टैक्स बचाया जा सके। उधर, कार्रवाई के दौरान बड़ी केश रकम मिली है। ज्वैलरी सामने आई है जिसका वेल्यूवेशन जारी है।
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