जहां दुकानें मंजूर की वहां बनने लगे शोरूम
इंदौर.चीफ रिपोर्टर ।
मप्र भूमि विकास अधिनियम और मास्टर प्लान-2021 के साथ ही जारी भवन अनुज्ञा को ठेंगा दिखाकर मनमाना निर्माण करने वालों को निगम प्रशासन लूट की छूट दे चुका है। फिर वह स्मार्ट सिटी के लिए चुना गया शहर का मध्यक्षेत्र ही क्यों न हो। इसका ताजा उदाहरण पंढरीनाथ थाने के सामने बन रही तीन मंजिला इमारत है जिसके खिलाफ लगातार दो जनसुनवाई से एक के बाद एक शिकायतें मिल रही है। शिकायतकर्ताओं की मानें तो बिल्डिंग की हाइट स्वीकृति से ज्यादा कर दी गई। इसके अलावा निर्माण भी मंजूरी से ज्यादा है।
मामला 76 (पुराना 67) पंढरीनाथ रोड का है। 1847.28 वर्गफीट के इस प्लॉट में 216.41 वर्गफीट सड़क सेटबेक काटकर नगर निगम ने 1634.62 वर्गफीट पर कुल 2757.38 वर्गफीट की जी+2 बिल्डिंग मंजूर की थी। सतरामदास पिता सोभामल वाधवानी, राजेश कुमार पिता सतरामदास वाधवानी और विनोद पिता सतरामदास वाधवानी के नाम निगम ने मंजूरी (3801/आईएमसी/जेड12/डब्ल्यू59/2016) 12 अक्टूबर 2016 को जारी की थी। 42 विनयनगर निवासी वाधवानी परिवार के खिलाफ जो शिकायत निगमायुक्त से लेकर मुख्यमंत्री तक को की गई है उसके अनुसार बिल्डिंग पर्मिशन के तहत कुल 365.05 वर्गफीट की दो दुकानें बनाई जा सकती थी। कमर्शियल अनुमति इतनी ही है। वहीं 2392.33 वर्गफीट अनुमति आवासीय है। इसके विपरीत वाधवानी परिवार ने मौके ग्राउंड फ्लोर पर 365.05 वर्गफीट दुकानें बनाने के साथ ही उस हिस्से पर व्यावसायिक उपयोग की मंशा से निर्माण कर दिया है जो कि आवासीय के लिए मंजूर हुआ था। पार्किंग के लिए तय हुई जमीन पर भी बिल्डर ने कैची चला दी है। इसी में लिफ्ट डक्ट बना दिया है।
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हरसिद्धि जोन के अधिकारियों ने लिया पैसा
शिकायतकर्ता का आरोप है कि पंढरीनाथ पर यह जो बिल्डिंग बन रही है उससे पंढरीनाथ थाना 10 कदम की दूरी पर है और तकरीबन 100 कदम की दूरी पर नगर निगम का हरसिद्धि जोन है। यहां पदस्थ जोनल अधिकारी, भवन अधिकारी और भवन निरीक्षक के आने-जाने का रूट ही यही है। फिर भी उन्हें निर्माण में मनमानी नहीं दिखी, यह किसी चुटकुले कम नहीं है। सीधी सी बात है कि निगम अफसर वाधवानी से उपकृत है। उन्हें मनामनी की छूट दे चुके हैं।
ऐसा होना था ग्राउंड कवरेज
दुकान-1 - 142.5 वर्गफीट
दुकान-2 - 192.3 वर्गफीट
लिविंग रूम - 208.08 वर्गफीट
कीचन - 111.6 वर्गफीट
इसके अलावा टॉयलेट और स्टेयर केस के साथ पार्किंग भी।
यह है मंजूरी
मंजूरी - 12 अक्टूबर 2016
कुल प्लॉट - 1847.28 वर्गफीट
सेटबेक - 216.41 वर्गफीट
शेष प्लॉट एरिया - 1634.62 वर्गफीट
ग्राउंड कवरेज - 970.359 वर्गफीट
पार्किंग - 268.5 वर्गफीट
प्रस्तावित निर्माण - 2757.38 वर्गफीट
व्यावसायिक - 365.05 वर्गफीट
आवसीय - 2392 वर्गफीट
स्टेयर - 137.14 वर्गफीट
लिफ्ट - मंजूरी नहीं है।
फ्लोरवाइज स्वीकृत निर्माण
व्यावसायिक आवासीय स्टेयर बालकनी
ग्राउंड फ्लोर 365.05 451.68 45 00
पहली मंजिल 000 970.31 45 435
दूसरी मंजिल 000 970.31 45 435
कुल 365.05 2392.3 135 870
मेरे साइन नहीं है।
इंदौर.चीफ रिपोर्टर ।
मप्र भूमि विकास अधिनियम और मास्टर प्लान-2021 के साथ ही जारी भवन अनुज्ञा को ठेंगा दिखाकर मनमाना निर्माण करने वालों को निगम प्रशासन लूट की छूट दे चुका है। फिर वह स्मार्ट सिटी के लिए चुना गया शहर का मध्यक्षेत्र ही क्यों न हो। इसका ताजा उदाहरण पंढरीनाथ थाने के सामने बन रही तीन मंजिला इमारत है जिसके खिलाफ लगातार दो जनसुनवाई से एक के बाद एक शिकायतें मिल रही है। शिकायतकर्ताओं की मानें तो बिल्डिंग की हाइट स्वीकृति से ज्यादा कर दी गई। इसके अलावा निर्माण भी मंजूरी से ज्यादा है।
मामला 76 (पुराना 67) पंढरीनाथ रोड का है। 1847.28 वर्गफीट के इस प्लॉट में 216.41 वर्गफीट सड़क सेटबेक काटकर नगर निगम ने 1634.62 वर्गफीट पर कुल 2757.38 वर्गफीट की जी+2 बिल्डिंग मंजूर की थी। सतरामदास पिता सोभामल वाधवानी, राजेश कुमार पिता सतरामदास वाधवानी और विनोद पिता सतरामदास वाधवानी के नाम निगम ने मंजूरी (3801/आईएमसी/जेड12/डब्ल्यू59/2016) 12 अक्टूबर 2016 को जारी की थी। 42 विनयनगर निवासी वाधवानी परिवार के खिलाफ जो शिकायत निगमायुक्त से लेकर मुख्यमंत्री तक को की गई है उसके अनुसार बिल्डिंग पर्मिशन के तहत कुल 365.05 वर्गफीट की दो दुकानें बनाई जा सकती थी। कमर्शियल अनुमति इतनी ही है। वहीं 2392.33 वर्गफीट अनुमति आवासीय है। इसके विपरीत वाधवानी परिवार ने मौके ग्राउंड फ्लोर पर 365.05 वर्गफीट दुकानें बनाने के साथ ही उस हिस्से पर व्यावसायिक उपयोग की मंशा से निर्माण कर दिया है जो कि आवासीय के लिए मंजूर हुआ था। पार्किंग के लिए तय हुई जमीन पर भी बिल्डर ने कैची चला दी है। इसी में लिफ्ट डक्ट बना दिया है।
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हरसिद्धि जोन के अधिकारियों ने लिया पैसा
शिकायतकर्ता का आरोप है कि पंढरीनाथ पर यह जो बिल्डिंग बन रही है उससे पंढरीनाथ थाना 10 कदम की दूरी पर है और तकरीबन 100 कदम की दूरी पर नगर निगम का हरसिद्धि जोन है। यहां पदस्थ जोनल अधिकारी, भवन अधिकारी और भवन निरीक्षक के आने-जाने का रूट ही यही है। फिर भी उन्हें निर्माण में मनमानी नहीं दिखी, यह किसी चुटकुले कम नहीं है। सीधी सी बात है कि निगम अफसर वाधवानी से उपकृत है। उन्हें मनामनी की छूट दे चुके हैं।
ऐसा होना था ग्राउंड कवरेज
दुकान-1 - 142.5 वर्गफीट
दुकान-2 - 192.3 वर्गफीट
लिविंग रूम - 208.08 वर्गफीट
कीचन - 111.6 वर्गफीट
इसके अलावा टॉयलेट और स्टेयर केस के साथ पार्किंग भी।
यह है मंजूरी
मंजूरी - 12 अक्टूबर 2016
कुल प्लॉट - 1847.28 वर्गफीट
सेटबेक - 216.41 वर्गफीट
शेष प्लॉट एरिया - 1634.62 वर्गफीट
ग्राउंड कवरेज - 970.359 वर्गफीट
पार्किंग - 268.5 वर्गफीट
प्रस्तावित निर्माण - 2757.38 वर्गफीट
व्यावसायिक - 365.05 वर्गफीट
आवसीय - 2392 वर्गफीट
स्टेयर - 137.14 वर्गफीट
लिफ्ट - मंजूरी नहीं है।
फ्लोरवाइज स्वीकृत निर्माण
व्यावसायिक आवासीय स्टेयर बालकनी
ग्राउंड फ्लोर 365.05 451.68 45 00
पहली मंजिल 000 970.31 45 435
दूसरी मंजिल 000 970.31 45 435
कुल 365.05 2392.3 135 870
मेरे साइन नहीं है।
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