Thursday, August 10, 2017

श्रीजी में 70 करोड़ से ज्यादा की आयकर चोरी

अपनी ही कंपनियों में बताई फर्जी खरीदी-बिक्री, कमीशन देना तक भी
इंदौर. विनोद शर्मा ।
उज्जैन में आनंद बांगर-विष्णु जाजू के श्रीजी समूह ने  70 करोड़ से ज्यादा की आयकर चोरी की है। गुरुवार से समूह पर जारी छापेमारी के दौरान इनकम टैक्स इन्वेस्टिगेशन विंग के हाथ जो प्रमाण लगे हैं उससे करीब-करीब यह कहानी सामने आ रही है। हालांकि दस्तावेजों की जांच जारी है। अंतिम आंकड़ा इनकी जांच या समूह संचालकों द्वारा किए जाने वाले सरेंडर के बाद ही सामने आएगा। बहरहाल, जांच में पता चला कि समूह ने फर्जी कंपनियों में ही फर्जी लेनदेन कर रखे हैं।
बांगर-जाजू समूह पर इनकम टैक्स इन्वेस्टिगेशन विंग की छापेमार कार्रवाई अंतिम चरण में है। रविवार की रात तक करीब-करीब 80 प्रतिशत ठिकानों पर कार्रवाई संपन्न हो चुकी है। चुनिंदा ठिकानों पर ही कार्रवाई जारी है जो भी सोमवार सुबह तक संपन्न हो जाएगी। चार दिन में विंग के सामने मोटामोटा 70 करोड़ रुपए के आसपास की आयकर चोरी का फीगर आया है। हालांकि माना जा रहा है कि आंकड़ा 100 करोड़ तक भी जा सकता है।
बैंकों का किया भरपूर इस्तेमाल
आनंद बांगर ने श्रीजी पॉलिमर प्रा.लि. के नाम पर ही स्टेट बैंक आॅफ इंदौर, एचडीएफसी, बैंक आॅफ बरोदा, स्टेट बैंक आॅफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक और स्मॉल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बैंक आॅफ इंडिया जैसी बैंकों का भरपूर फायदा उठाया। 2005 से 2015 के बीच ही इन बैंकों ने मेहरबानी बताते हुए बांगर की श्रीजी को 182 करोड़, 86 लाख 50 हजार रुपए का लोन दिया। कई लोन खत्म हो चुके हैं, कई जारी है।
फर्जी कंपनियों से फर्जी लेनदेन
दस्तावेजों के अनुसार बांगर और जाजू ने कई डमी/ब्रीफकेस कंपनियां पंजीबद्ध करवा रखी है। इन कंपनियों का उपयोग फर्जी लेन-देन बताने के लिए किया जाता है ताकि उसे खर्च बताकर आय कम बताई जा सके। इससे आयकर बचाया जाता है। इसकी पुष्टि एक बार पहले भी इनकम टैक्स कर चुकी है। आईटीएटी द्वारा 13 फरवरी 2017 को सुनाए गए एक आदेश के अनुसार कंपनी ने 29 सितंबर 2011 को 6 करोड़ 52 लाख 57 हजार 590 रिटर्न दाखिल किया था। 49.75 लाख और 23.23 लाख की पॉलिसी अलग। इसमें भी घर ही घर में कमीशन दी गई। जांच अधिकारी ने पाया कि श्रीजी पॉलिमर ने अपने प्रोडक्ट बेचने के लिए बतौर कमीशन 71.02 लाख पदमा  पॉलिटेक्स इंडिया प्रा.लि. और 35.98 लाख अर्पित प्लास्टिक प्रा.लि. को दिए। वह भी तब जबकि दोनों कंपनियां समूह की है। दोनों में वही सब डायरेक्टर है जो श्रीजी पॉलिमर में है। पद्मा पॉलिटेक्स को यह राशि 12.38 करोड़ के प्रोडक्ट बेचने पर मिली जो कि लूपिन लि. को बेचना बताया गया था। इसी तरह डॉ.रेड्डी लेब लि. को 8.57 करोड़ रुपए के प्रोडक्ट बेचने पर अर्पित प्लास्टिक को 35.98 लाख दिए।

No comments:

Post a Comment