दो प्लॉट जोड़े, बेसमेंट भी मनमाना
इंदौर. विनोद शर्मा ।
जिला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस प्रशासन जिस रेडीसन चौराहे को संवारने में लगे हैं उसी चौराहे के पास लोगों ने अवैध कॉलोनी में घर बनाते-बनाते चार मंजिला होटलें बनाना शुरू कर दी है। तपेश्वरी बाग के दो प्लॉट जोड़कर तानी गई एसवीएल होटल इसका शुरुआती उदाहरण है। आॅनलाइन बुकिंग कंपनियों और ट्रेवल एजेंसियों की वेबसाइट पर छाई इस होटल के लिए न तो नगर निगम से कोई अनुमति ली गई है और न ही अन्य किसी विभाग से।
मामला जोन-8 के वार्ड-37 की तपेश्वरी बाग कॉलोनी में बनी एसवीएल होटल का है। होटल की शिकायत नंदानगर निवासी ओमप्रकाश उर्फ पप्पू मालवीय ने की है। शिकायत के अनुसार होटल भू-माफिया भरत रघुवंशी और उनके बेटों की है। इस होटल में मप्र भूमि विकास अधिनियम से लेकर मास्टर प्लान 2021 को सिरे से नकारते हुए मनमाने तरीके से बेसमेंट+जी+3 बिल्डिंग बना दी गई है। बिल्डिंग तपेश्वरी बाग के प्लॉट नं. 134 और 135 पर बनाई गई है। होटल के पास मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीपीसीबी) से भी कोई अनुमति नहीं है।
कई बार शिकायतें की, कार्रवाई नहीं हुई
शिकायकर्ता पप्पू मालवीय ने बताया कि जब संयुक्तिकरण प्रतिबंधित है तो फिर दो प्लॉटों को जोड़कर होटल बनाने की अनुमति नगर निगम कैसे दे दी? दोनों प्लॉट के संपत्ति कर के खाते जब खोले गए तब अधिकारियों ने बिल्डिंग की वैधानिकता की जांच क्यों नहीं की? रघुवंशी परिवार ने होटल को अय्याशी का गढ़ बना दिया है। आसपास के लोगों ने शिकायतें कई की लेकिन निगम के मैदानी अमले ने कार्रवाई नहीं की।
18 साल में तीन बार ही भरा संपत्तिकर
नगर निगम राजस्व विभाग के अनुसार दोनो प्लॉट से 43 रुपए/वर्गफीट के वार्षिक भाड़ा दर से संपत्ति कर तय किया गया है। दोनों प्लॉटों पर 2000-01 से 2017-18 के बीच सिर्फ तीन बार संपत्तिकर चुकाया गया है। वह भी 2012-13 के बाद से। 2012-13 में 2570, 2016-17 में इसकी नपती हुई। टैक्स चोरी पकड़ी गई। अचानक 45185-45185 रुपए जमा कराए गए। 2017-18 में 28600 -28600 रुपए का टैक्स जमा कराया गया।
ऐसे बनी है दो प्लॉटों पर होटल
प्रदीप रघुवंशी कपिल रघुवंशी
134 तपेश्वरी बाग 135 तपेश्वरी बाग
बेसमेंट 800 800
ग्राउंड 800 800
फर्स्ट फ्लोर 800 800
सेकंड फ्लोर 800 800
थर्ड फ्लोर 800 800
(आंकड़े/वर्र्गफीट)
इंदौर. विनोद शर्मा ।
जिला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस प्रशासन जिस रेडीसन चौराहे को संवारने में लगे हैं उसी चौराहे के पास लोगों ने अवैध कॉलोनी में घर बनाते-बनाते चार मंजिला होटलें बनाना शुरू कर दी है। तपेश्वरी बाग के दो प्लॉट जोड़कर तानी गई एसवीएल होटल इसका शुरुआती उदाहरण है। आॅनलाइन बुकिंग कंपनियों और ट्रेवल एजेंसियों की वेबसाइट पर छाई इस होटल के लिए न तो नगर निगम से कोई अनुमति ली गई है और न ही अन्य किसी विभाग से।
मामला जोन-8 के वार्ड-37 की तपेश्वरी बाग कॉलोनी में बनी एसवीएल होटल का है। होटल की शिकायत नंदानगर निवासी ओमप्रकाश उर्फ पप्पू मालवीय ने की है। शिकायत के अनुसार होटल भू-माफिया भरत रघुवंशी और उनके बेटों की है। इस होटल में मप्र भूमि विकास अधिनियम से लेकर मास्टर प्लान 2021 को सिरे से नकारते हुए मनमाने तरीके से बेसमेंट+जी+3 बिल्डिंग बना दी गई है। बिल्डिंग तपेश्वरी बाग के प्लॉट नं. 134 और 135 पर बनाई गई है। होटल के पास मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीपीसीबी) से भी कोई अनुमति नहीं है।
कई बार शिकायतें की, कार्रवाई नहीं हुई
शिकायकर्ता पप्पू मालवीय ने बताया कि जब संयुक्तिकरण प्रतिबंधित है तो फिर दो प्लॉटों को जोड़कर होटल बनाने की अनुमति नगर निगम कैसे दे दी? दोनों प्लॉट के संपत्ति कर के खाते जब खोले गए तब अधिकारियों ने बिल्डिंग की वैधानिकता की जांच क्यों नहीं की? रघुवंशी परिवार ने होटल को अय्याशी का गढ़ बना दिया है। आसपास के लोगों ने शिकायतें कई की लेकिन निगम के मैदानी अमले ने कार्रवाई नहीं की।
18 साल में तीन बार ही भरा संपत्तिकर
नगर निगम राजस्व विभाग के अनुसार दोनो प्लॉट से 43 रुपए/वर्गफीट के वार्षिक भाड़ा दर से संपत्ति कर तय किया गया है। दोनों प्लॉटों पर 2000-01 से 2017-18 के बीच सिर्फ तीन बार संपत्तिकर चुकाया गया है। वह भी 2012-13 के बाद से। 2012-13 में 2570, 2016-17 में इसकी नपती हुई। टैक्स चोरी पकड़ी गई। अचानक 45185-45185 रुपए जमा कराए गए। 2017-18 में 28600 -28600 रुपए का टैक्स जमा कराया गया।
ऐसे बनी है दो प्लॉटों पर होटल
प्रदीप रघुवंशी कपिल रघुवंशी
134 तपेश्वरी बाग 135 तपेश्वरी बाग
बेसमेंट 800 800
ग्राउंड 800 800
फर्स्ट फ्लोर 800 800
सेकंड फ्लोर 800 800
थर्ड फ्लोर 800 800
(आंकड़े/वर्र्गफीट)
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