Thursday, August 10, 2017

रमतानी-शिंदे के धंधों में सरैया के 50 करोड़!

- नई बिजली योजनाओं ने किया एमपीईबी के मैनेजर को पोषित
- इनकम टैक्स ने लगाया पीओ, एन्यूअल रिटर्न और वाजिब संपत्ति में भारी अंतर
इंदौर. विनोद शर्मा ।
भोपाल में गुरुवार से जारी इनकम टैक्स  इन्वेस्टिगेशन विंग की छापेमार कार्रवाई एमपीईबी के सेवानिवृत अधिकारी प्रदीप सरैया के ईर्द-गिर्द रह गई है। सरैया ही है जिसने सुरभी होम्स और डर्बी होम्स प्रा.लि. को वित्त पोषित किया है। दस्तावेजी आंकलन के अनुसार इन कंपनियों में सरैया का 50 करोड़ से ज्यादा निवेश है जबकि यही सरैया 2014 तक अपनी एन्युअल रिटर्न में स्वयं को कमतर बताता रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि आयकर सरैया मामला प्रवर्तन निदेशालय को भी सौंप सकता है।
भोपाल में रमतानी परिवार की सुरभी होम्स, संजय विजय सिंह शिंदे और प्रदीप सरैया के ठिकानों पर शुक्रवार से जारी छापेमार कार्रवाई को रक्षाबंधन के मद्द्ेनजर पीओ (प्रोबेशरी आॅर्डर) लगाकर विराम दे दिया गया। हालांकि इस दौरान प्रदीप सरैया बड़ा नाम बनकर उभरे। जांच के दौरान जितने भी दस्तावेज प्राप्त हुए हैं उनके अनुसार एमपीईबी से 2015-16 में रिटायर हुए प्रदीप सरैया ने 50 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम रमतानी-शिंदे के प्रोजेक्ट में निवेश कर रखी है। इसमें 20 करोड़ का लेनदेन शिंदे के साथ है। सरैया ने मई 2013 में डर्बी होम्स प्रा.लि. नाम की कंपनी बनाकर उसमें 21 जनवरी 1990 को जन्में अपने बेटे सिद्धार्थ सरैया को डायरेक्टर (06572032) बना दिया।
बड़ा खिलाड़ी
प्रदीप सरैया और रमतानी परिवार का अच्छा ताल्लुक है। विकास रमतानी के चाचा से अच्छी पटती है। रीयल एस्टेट में पैसा लगाना रमतानी चाचा ने ही सरैया को सिखाया है। वहीं विनस बे आॅफशोर लि. के शेयरहोल्डर के रूप में पनामा लिक की सूची में आए गोवा निवासी संजय विजय सिंह शिंदे के साथ कारोबारा शुरू किया। बाद में बेटे को आगे किया।
संपत्ति थी तो फिर एन्यूअल रिटर्न में क्यों नहीं...
नाम-प्रदीप सरैया
पद- जीएम
जन्म-13 मार्च 1956
सेवा में- 1979-80 में
सेवानिवृत- 2015-16
एम्पलॉय कोड- 93325999
जीपीएफ नं.- 22770408
संपत्ति विवरण (2012-13)
- 29 आकांक्षा एनक्लेव भोपाल में 1500 वर्गफीट डुप्लैक्स 2002 में खरीदा। कीमत 40 लाख। स्वयं के नाम। अनुपम बिल्डर से खरीदा। स्टेट बैंक आॅफ इंडिया में गिरवी।
- तालपर (विदिशा) में नौ एकड़ जमीन। कीमत 15 लाख। पत्नी के नाम। पैतृृक संपत्ति। शादी से पहले उपहार मिला था। सालाना कमाई 1 लाख।
- हुजुर में करीब 6403 वर्गफीट आवासीय जमीन। पति-पत्नी के नाम। अलका गौतम और रेणु मिश्रा से सितंबर 2011 में ली।
(इससे पहले 2010-11 में ई-3/111 अरेरा कॉलोनी में 2162 वर्गफीट कमर्शियल फ्लोर भी थी। जो ससुराल पक्ष से देना बताया। यहां जिम चलता है। जिससे 1.5 लाख रुपए साल की कमाई होती है। यह 2012-13 में गायब कर दी।)
संपत्ति विवरण (2013-14)
- ए-2 देवस्थल फेस-2 में 7000 वग्रफीट का घर। कीमत 1.20 करोड़। पति-पत्नी के नाम। जनवरी 2011 में खरीदी। आईडीबीआई में गिरवी।
- तालपर (विदिशा) में नौ एकड़ जमीन। कीमत 20 लाख। पत्नी के नाम। पैतृृक संपत्ति। शादी से पहले उपहार मिला था। सालाना कमाई 1 लाख।
- हीरे और सोने की ज्वैलरी। वजन 90 तोला। कीमत 20 लाख।
कमाई के मिले काम...
नियुक्ति 1979-1980 की है। रिटायर्ड हुए 2015-16 में। इस दौरान रिस्ट्रक्टर्ड एक्सेलरेटेड पॉवर डेवलपमेंट एंड रिफार्म प्रोग्राम (आरएपीडीआरपी) और राजीव गांधी ग्रामीण विद्युत योजना (आरजीजीवीवाय) का दायित्व संभाला जिनमें एक दशक में केंद्र और राज्य सरकार ने भरपूर पैसा दिया।
इसके अलावा सीसीडी सेक्शन में एक्जीक्यूटिव इंजीनियर रहे। डीजीएम रहे। 14 नवंबर 2011 को उन्हें मप्र मध्य क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी में कंस्ट्रक्शन डिविजन का एसीई सिटी भी बनाया गया।
17 जुलाई 2014 को उन्हें भारत सरकार के रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आरईसीएल) में भी जगह मिली। 

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