Thursday, August 10, 2017

रिपल्स की एडवाइज से सैकड़ों निवेशक औंधे

- फेक कॉल्स और एसएमएस से दी फर्जी टिप्स
- न पुलिस कुछ कर रही है, न सेबी
इंदौर. विनोद शर्मा ।
मैसेज, वॉट्सऐप, ट्विटर, फेसबुक जैसे अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिये निवेशकों को सलाह देने वालों के खिलाफ सेबी सख्त है। बावजूद इसके संजीव कुमार, राखी राजपूत और सूचित्रा तौमर की रिपल्स एडवायजरी प्रा.लि. जैसी कंपनियां इन्वेस्टमेंट एडवाइज के नाम पर लोगों की जेब काट रही है। कंपलेंट बोर्ड और कन्ज्यूमर कंपलेंट जैसी वेबसाइट पर कंपनी के खिलाफ ढेरो शिकायतें दर्ज है वहीं कंपनी के हाथों लुटाए लोग शिकायतें लेकर पुलिस के चक्कर काट रहे हैं। कोई सुनवाई नहीं होती।
इनवेस्टमेंट एडवायजरी कंपनी के रूप में रिपल्स एडवायजरी प्रा.लि. 30 मई 1989 से पंजीबद्ध है।  2015 से सक्रियता चरम पर। सेबी से पंजीकृत (आईएनए000003049) कंपनी एनएसई, बीएसई स्टॉक केश, एफएंडओ, एमसीएक्स, एनसीडीईएक्स, ग्लोबल कमोडिटी के साथ ही एग्रो कमोडिटी में इन्वेस्टमेंट के लिए कंपनी हाईस्पीड एसएमएस गेटवे के माध्यम से लाइव इन्वेस्टमेंट टिप्स देती है। ताकि निवेशकों को नुकसान न हो। ज्यादा से ज्यादा फायदा हो। हालांकि कंपनी के ऐसे दावे सिर्फ लोगों को लुभाने के लिए ही हैं। असल में कंपनी की टिप्स ने कई के घर उजाड़ दिए हैं। कई की जमा पूंजी डूबो दी।
फायदे का वादा, नुकसान ज्यादा
कंपनी की लुभावाने वादों का शिकार हुए कुछ लोगों ने दबंग दुनिया के समक्ष अपनी बात रखी। प्रदीप गुप्ता ने बताया कि मुझे कंपनी की ओर से धनंजय का फोन आया था। मैंने भी रजिस्ट्रेशन करवाया। एक लाख रुपए लगाए लेकिन आखिर में हाथ आए दो-चार हजार। बाद में कंपनी के कारिंदे फोन तक नहीं उठाते। 11 मार्च 2017 को की गई विशाल गीते की शिकायत के अनुसार कंपनी रजिस्टेÑशन के लिए बहुत फोन लगाते हैं। मीठी बाते करते हैं। फिर कहते हैं आपकी प्रोफाइल सिलेक्ट हो गई। फिर पैसे मांगते हैं। प्रोफिट तो छोड़ो फर्जी टीप्स देकर मुझे 50 हजार का नुकसान करवाया।
कंपनी को प्रतिबंधित करने की जरूरत
एक अन्य शिकायकर्ता विजय पंडिया का कहना है कि कंपनी को प्रतिबंधित करने की जरूरत है ताकि आगे से किसी को धोखा न दे पाए। यह कंपनी कम गरीबों के पैसे हजम करने वाली गैंग ज्यादा है। सेबी इन पर कार्रवाई भी नहीं करता। कंपनी का पुराना पता 267 बी संगमनगर है जबकि नया कॉर्पोरेट पता है 601-602 शगुन आर्केड विजयनगर दर्ज है। मुझे कंपनी के पीयूष और कृष्णा ने मेम्बर बनाया था।
फेक कॉल्स और एसएमएस भी करती है कंपनी
भोपाल निवासी बसंत ताम्रकर ने भी शिकायत की थी। शिकायत के अनुसार शुरुआत में जो टिप्स दी जाती है वह सटिक बैठती है। ताकि व्यक्ति को मुनाफा दिखे। वह लालच में आए। ज्यादा पैसा लगाए। मैंने भी पैसा लगाया। कंपनी लो एक्यूरेसी, स्लो रिस्पॉन्स, फेक कॉल्स और खराब टिप्स के कारण मुझे 7 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। कंपनी टिप्स के लिए पैकेज भी देती है। किसी एक पैकेज से फायदा मिला। आप ललचाए तो आगे महंगा पैकेज। ऐसे ही आगे बड़ी रकम ली जाती है।
लुटाए निवेशकों की पीड़ा
इनकी इन्वेस्टमेंट क्या है। पैसा तो आप लगा रहे हो। यह तो कहते हैं आप पैसा लगाओ, प्रोफिट हो जाएगा। 10 हजार का प्रॉफिट करवाया तो 20 हजार का पेक पकड़ा देंगे। 20 का प्रोफिट दिया तो 40 हजार का पेक। ऐसे आप तक पूंजी वापस आने देते नहीं लेकिन आपसे पूंजी लगवाते जरूर रहते हैं।
नुकसान हुआ और आप घबराए तो कहेंगे कि यह टिप्स मिस हो गई।  पैसा आपका है। रिस्क आॅपकी है। सर्विस चार्ज लेते हैं। फोन पर सर्विस देते हैं। आपका इन्वेस्टमेंट रिफंडेबल तो है नहीं। वह तो कह देंगे अगली कॉल दे देता हूं। स्योर शॉट प्रोफिट होगा। फेल हो गई तो आप क्या करोगे।
इसीलिए निवेशक कुछ बोल नहीं पाते...
पुलिस कंपलेन में दिक्कत : निवेशकों को कंपनी कहीं लिखकर नहीं देती है कि वह आपको प्रॉफिट कराकर देगी ही। मार्केट टू सब्जेक्ट रिस्क है...। यह सभी जानते हैं। पुलिस के पास जाएंगे वह कहेंगे तुम पागल या अनपढ़ हो क्या जो कि खूली चेतावनी नजर नहीं आती।
सेबी में दिक्कत : सेबी इन कंपनियों का पंजीयन करती है लेकिन यह कहीं नहीं कहती कि आप इनके माध्यम से पैसा लगाओ। 

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