Friday, April 8, 2016

ऊर्जा बजत का संदेश और भटकों को राह बताएंगे बिजली के खम्बे sinhastha 2016

सिंहस्थ के लिए बिजली कंपनी तैयार, पूरे मेला क्षेत्र में आई खम्बों की बाड़
उज्जैन से विनोद शर्मा ।
सिंहस्थ 2016 के दौरान मेला क्षेत्र और उज्जैन को रोशन रखने के साथ ही बिजली के खम्बे भटके लोगों को राह भी दिखाएंगे। बिजली आपूर्ति के लिए पूरी तरह कमर कसके मैदान में उतरी मप्र पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी ने बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था करने के साथ ही खम्बों की मार्किंग भी शुरू कर दी है जिससे कि कोई भी व्यक्ति भटके नहीं।
अभी उज्जैन में बिजली की खपत 110 एमवीए हैं जबकि मेला क्षेत्र में ही 100 एमवीए खपत का अनुमान है। इसीलिए 500 एमवीए (26 नए सब स्टेशन 33/11 केवीए के हैं।) की क्षमता के सब स्टेशन विकसित कर मेला क्षेत्र में 11000 वोल्ट की 28 किलोमीटर लाइन डाली जा रही है। यहां 12 हजार 800 खम्बे लगाये गये हैं जिन्हें मिलाकर पूरे उज्जैन शहर में खम्बों की संख्या  33800 हो रही है।  इन खम्बों की मार्किंग की जा रही है। हर खम्बे की लोकेशन उसके नम्बर के साथ जीआईएस मेप पर अपलोड कर दी गयी है। यदि कोई राह भटकता है तो वह अपने परिचित को खम्बा नंबर बता सकता है। मोबाइल ऐप पर उस विशेष नम्बर द्वारा जीआईएस मेप के जरिये अपने परिचित की लोकेशन प्राप्त कर आसानी से मिल जाएगी
न सिर्फ दुधिया रोशनी, ऊर्जा बजत भी
मेला क्षेत्र के  इन खम्बों पर स्ट्रीट लाइट में एलईडी लाइट फिटिंग की गई है जिससे मेला क्षेत्र कम बिजली में ज्यादा दुधिया रोधन होगा। कुल 400 ट्रांसफार्मर्स लगना है जिसमें से 250 के करीब तैयार हो चुके हैं।
साधुओं को फ्री बिजली
मेला क्षेत्र के 13 अखाड़ों को 50 किलोवॉट तक बिजली नि:शुल्क दी जायेगी। इन अखाड़ों से कनेक्शन चार्ज भी नहीं लिया जायेगा। इसी तरह साधु-संतों को 30 किलोवॉट तक बिजली नि:शुल्क प्रदान की जायेगी। कनेक्शन के लिये मात्र 200 रुपये प्रति किलोवॉट का चार्ज लिया जायेगा।
ताकि न गुल हो बिजली
किसी कारण से बिजली जाती है तो उसका विकल्प भी तैयार हो रहा है।  यदि अति 33 केवी की सप्लाई बंद होती है, तो 3 मिनट बाद चार्ज कर दिया जाएगा। अन्यथा 33 केवी लाइन पर चलने वाले सब स्टेशंस को 2 मिनट में दूसरे 33 केवी फीडर से चालू कर दिया जाएगा। 33 केवी पॉवर ट्रांसफार्मर में खराबी आती है तो सब स्टेशन के 11 केवी फीडर को अन्य सब स्टेशन के 11 केवी फीडर से चेंज ओवर कर सप्लाई चालू कर दी जाएगी।
33 केवी सब स्टेशन से 11 केवी सप्लाई बंद होती है, तो लाइन 3 मिनट में चालू होगी। ट्रांसफार्मर में खराबी की स्थिति में सभी 6 जोन में चार-चार वितरण ट्रांसफार्मर ट्रॉली सहित मय केबल कट-आउट जुड़े हुए रखे रहेंगे। उन्हें तुरंत भेजकर 10 मिनट में बिजली सप्लाई चालू कर दी जाएगी।
जनरेट भी तैयार रहेंगे
मेला क्षेत्र में 50 स्थान पर आॅटो स्टार्ट जनरेटर रखे जाएंगे। यदि अति-उच्च-दाब 33 केवी, 11 केवी लाइन उप-केंद्र या वितरण ट्रांसफार्मर में कहीं भी खराबी आती है, तो मात्र 3 सेकंड में जनरेटर तथा आॅटो चेन से बिजली सप्लाई तुरंत चालू हो जाएगी।
1703 का मैदानी अमला रहेगा तैयार
सिंहस्थ को देखते हुए सिंहस्थ संभाग अलग बना है। मेला अवधि के दौरान अधिकारियों, कर्मचारियों सहित विभाग का कुल अमला 1 हजार 703 है। विद्युत विभाग का यह अमला सुरक्षा के लिये विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है।
कहां  कितना पैसा खर्च
भैरवगढ़  एचटी सब स्टेशन : 22.85 करोड़
ज्योतिनगर-रातड़िया विस्तार : 12.65 करोड़
मंगलनाथ सब स्टेशन : 3.47 करोड़
महाकाल उपकेंद्र : 1.25 कोड़
150 करोड़ में रोशन रहेगा उज्जैन
सिंहस्थ में हिजलि की दिक्कत नहीं रहेगी। न सिर्फ आवश्यकता से ज्यादा बिजली की व्यवस्था की बल्कि आपूर्ति बरकरार रखने के लिए भारी भरकम मैदानी अमला और बिजली का विकल्प भी तैयार है। करीब करीब 150 करोड़ रुपये खर्च होंगे रौशनी पर।
राजेंद्र शुक्ल ऊर्जा एवम् खनीज मंत्री

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