- भीड़ में अपराधियों को भी पहचानेंगे कैमरे
- नंबर प्लेट की स्केनिंग और लोगों की गिनती भी बताएंगे
- ट्रायल और प्रशिक्षण का दौर जारी
इंदौर. विनोद शर्मा ।
जैसे-जैसे सिंहस्थ पास आ रहा है वैसे-वैसे उज्जैन की सुरक्षा पुख्ता होती जा रही है। शुक्रवार से जहां शहर सीमा पर बने 6 नाकों पर वाहनों की सघन चेकिंग शुरू हो चुकी है वहीं पुलिस कंट्रोल रूम में शहर में लगाए गए वीडियो कैमरों की ट्रायल के साथ ही पुलिसकर्मियों को आॅपरेटिंग का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। अब तक का यह पहला कुम्भ है जिसमें अत्याधुनिक वीडियो कैमरे से मेला क्षेत्र और उज्जैन शहर का चप्पा-चप्पा कवर किया गया है।
उज्जैन में इन दिनों पुलिस के दो कंट्रोल रूम है। फ्रीगंज (एसपी आॅफिस) और रणछोड़ जी की छतरी रामघाट। इन दिनों दोनों का नजारा ठीक वैसा है जैसे वार जोन के कंट्रोल रूम का रहता है। दोनों जगह वॉल स्क्रीन लगी है। 134 स्थानों पर लगे कुल 690 कैमरों ने पूरे शहर को इस स्क्रीन पर उतार दिया है। यहां 60 पुलिसकर्मियों को सिखाया जा रहा है कि वे स्क्रीन पर कैसे मॉनिटरिंग करें। एक स्क्रीन पर यदि कुछ गड़बड़ है तो उसे जूम करके कैसे देखे और आगे किसे क्या सूचना देना है यह समझे।
कैमरे जो कमाल कर दे...
उज्जैन में चार तरह के कैमरे लगाए जा रहे हैं। इसमें दो तरह के (हेड काउंटर और एएनपीआर) मेला क्षेत्र में लगेंगे जबकि दो (पीटीजेड और फिक्स) कैमरे मेला क्षेत्र और शहर में लग रहे हैं।
हेड काउंटर : मेला क्षेत्र के 11 प्रवेश द्वार पर लगेंगे ऐसे कैमरे। इन कैमरों में जितना एरिया नजर आएगा उस एरिया में जितने लोग होंगे कैमरा उनके सिर गिनकर बता देगा कि वहां एक वक्त में कुल कितने लोग थे।
एएनपीआर :इसे आॅटोमेटिक नंबर प्लेट रिकगनाइजेशन कहते हैं। 14 स्थानों पर लगने वाले इन कैमरों की जद में जो भी गाड़ी आएगी उसकी नंबर प्लेट को आॅटोमेटिकली स्कैनिंग होकर उसकी डिटेल कंट्रोल तक पहुंच जाएगी।
फेस रिकगनाइजेशन : 14 सेंसेटिव स्थानों को चुनकर वहां ऐसे कैमरे लगाए गए हैं जो आदमी का चेहरा देखकर आॅटोमेटिकली उसका आपराधिक रिकार्ड कंट्रोल रूम पहुंचा देंगे। इन कैमरों का इस्तेमाल सिंहस्थ के बाद भी उज्जैन की सुरक्षा के लिए होगा।
(ये कैमरे सिंहस्थ के बाद उज्जैन शहर में लगेंगे। अधिकारियों ने बताया कि कैमरे महाकाल मंदिर में भी लगेंगे।)
्रपीटीजेड : इसे पेन टिल्ट जूम कैमरा या ड्रोन कैमरा भी कहते हैं। जिन 134 स्थानों पर 650 फिक्स्ड सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं वहीं 134 पीटीजेड कैमरे भी लगाए हैं। यह कैमरा 360 डिग्री व्यू देगा। मसलन किसी एक चौराहे के एक रास्ते से निकलकर कोई आदमी दूसरे रास्ते पर कैसे पहुंचा यह इससे पता चलेगा।
सीसीटीवी वेन : ऐसी 5 वेन बनी है। इन वेन पर 4-4 सीसीटीवी कैमरों के साथ पीटीजेड भी लगाए जा रहे हैें। इससे वेन भी अलग दिखती है। इन वेन का इस्तेमाल वहां होगा जहां कैमरे नहीं लगे हैं। गलियों को कवर किया जााएगा।
पुख्ता सुरक्षा के लिए इंतजाम और भी...
- 51 अस्थाई पुलिस थाने।
- 25 क्वीक रिएक्शन टीम और काउंटर टेरेरिज्म स्कवाडॅ बनेगी जो आपातकालीन परिस्थितियों (आतंकी हमले, बंधक बनाए जाने की स्थिति में या बम की सूचना पर) से निपटेगी।
- 20 बम डिटेक्शन और बम डिस्पोजल टीम बनेगी।
- 60 स्नाइफर डॉग तैनात होंगे।
- माइन डिटेक्टर की व्यवस्था की गई है।
- बेग स्केनर, डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर (डीएफएमडी) और हैंड हैल्ड मेटल डिटेक्टर (एचएचएमडी) से स्कैनिंग भी होगी।
- 23 चेकिंग वे भी बनाए है जहां गाड़ियों की आकस्मिक चैकिंग होगी।
- मेला क्षेत्र में चौतरफा पुलिस कैंप बनाए गए हैं। अब तक तकरीबन 25 फीसदी पुलिस फोर्स पहुंच चुकी है।
- जितने भी पार्किंग एरिया है वह भी स्मार्ट और चेकिंग मशीनों से लैस होंगे।
- एंटी टेरर आॅपरेशन के तहत जीआईएस और थ्रीडी इमेज की व्यवस्था भी होगी।
हमारा सिस्टम चालू रहेगा...
सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों ने अपना नेटवर्क बढ़ाने के लिए सेल आॅन व्हील (काऊ) लगाए हैं। उपभोक्ताओं की अधिकता के कारण उनका सिस्टम गड़बड़ा सकता है लेकिन हमारा नहीं गड़बड़ाएगा। हमने टेटरा नाम का वायरलेस नेटवर्क खड़ा किया है जो हर परिस्थिति में चालू रहेगा।
मनीष खत्री, एएसपी
- नंबर प्लेट की स्केनिंग और लोगों की गिनती भी बताएंगे
- ट्रायल और प्रशिक्षण का दौर जारी
इंदौर. विनोद शर्मा ।
जैसे-जैसे सिंहस्थ पास आ रहा है वैसे-वैसे उज्जैन की सुरक्षा पुख्ता होती जा रही है। शुक्रवार से जहां शहर सीमा पर बने 6 नाकों पर वाहनों की सघन चेकिंग शुरू हो चुकी है वहीं पुलिस कंट्रोल रूम में शहर में लगाए गए वीडियो कैमरों की ट्रायल के साथ ही पुलिसकर्मियों को आॅपरेटिंग का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। अब तक का यह पहला कुम्भ है जिसमें अत्याधुनिक वीडियो कैमरे से मेला क्षेत्र और उज्जैन शहर का चप्पा-चप्पा कवर किया गया है।
उज्जैन में इन दिनों पुलिस के दो कंट्रोल रूम है। फ्रीगंज (एसपी आॅफिस) और रणछोड़ जी की छतरी रामघाट। इन दिनों दोनों का नजारा ठीक वैसा है जैसे वार जोन के कंट्रोल रूम का रहता है। दोनों जगह वॉल स्क्रीन लगी है। 134 स्थानों पर लगे कुल 690 कैमरों ने पूरे शहर को इस स्क्रीन पर उतार दिया है। यहां 60 पुलिसकर्मियों को सिखाया जा रहा है कि वे स्क्रीन पर कैसे मॉनिटरिंग करें। एक स्क्रीन पर यदि कुछ गड़बड़ है तो उसे जूम करके कैसे देखे और आगे किसे क्या सूचना देना है यह समझे।
कैमरे जो कमाल कर दे...
उज्जैन में चार तरह के कैमरे लगाए जा रहे हैं। इसमें दो तरह के (हेड काउंटर और एएनपीआर) मेला क्षेत्र में लगेंगे जबकि दो (पीटीजेड और फिक्स) कैमरे मेला क्षेत्र और शहर में लग रहे हैं।
हेड काउंटर : मेला क्षेत्र के 11 प्रवेश द्वार पर लगेंगे ऐसे कैमरे। इन कैमरों में जितना एरिया नजर आएगा उस एरिया में जितने लोग होंगे कैमरा उनके सिर गिनकर बता देगा कि वहां एक वक्त में कुल कितने लोग थे।
एएनपीआर :इसे आॅटोमेटिक नंबर प्लेट रिकगनाइजेशन कहते हैं। 14 स्थानों पर लगने वाले इन कैमरों की जद में जो भी गाड़ी आएगी उसकी नंबर प्लेट को आॅटोमेटिकली स्कैनिंग होकर उसकी डिटेल कंट्रोल तक पहुंच जाएगी।
फेस रिकगनाइजेशन : 14 सेंसेटिव स्थानों को चुनकर वहां ऐसे कैमरे लगाए गए हैं जो आदमी का चेहरा देखकर आॅटोमेटिकली उसका आपराधिक रिकार्ड कंट्रोल रूम पहुंचा देंगे। इन कैमरों का इस्तेमाल सिंहस्थ के बाद भी उज्जैन की सुरक्षा के लिए होगा।
(ये कैमरे सिंहस्थ के बाद उज्जैन शहर में लगेंगे। अधिकारियों ने बताया कि कैमरे महाकाल मंदिर में भी लगेंगे।)
्रपीटीजेड : इसे पेन टिल्ट जूम कैमरा या ड्रोन कैमरा भी कहते हैं। जिन 134 स्थानों पर 650 फिक्स्ड सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं वहीं 134 पीटीजेड कैमरे भी लगाए हैं। यह कैमरा 360 डिग्री व्यू देगा। मसलन किसी एक चौराहे के एक रास्ते से निकलकर कोई आदमी दूसरे रास्ते पर कैसे पहुंचा यह इससे पता चलेगा।
सीसीटीवी वेन : ऐसी 5 वेन बनी है। इन वेन पर 4-4 सीसीटीवी कैमरों के साथ पीटीजेड भी लगाए जा रहे हैें। इससे वेन भी अलग दिखती है। इन वेन का इस्तेमाल वहां होगा जहां कैमरे नहीं लगे हैं। गलियों को कवर किया जााएगा।
पुख्ता सुरक्षा के लिए इंतजाम और भी...
- 51 अस्थाई पुलिस थाने।
- 25 क्वीक रिएक्शन टीम और काउंटर टेरेरिज्म स्कवाडॅ बनेगी जो आपातकालीन परिस्थितियों (आतंकी हमले, बंधक बनाए जाने की स्थिति में या बम की सूचना पर) से निपटेगी।
- 20 बम डिटेक्शन और बम डिस्पोजल टीम बनेगी।
- 60 स्नाइफर डॉग तैनात होंगे।
- माइन डिटेक्टर की व्यवस्था की गई है।
- बेग स्केनर, डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर (डीएफएमडी) और हैंड हैल्ड मेटल डिटेक्टर (एचएचएमडी) से स्कैनिंग भी होगी।
- 23 चेकिंग वे भी बनाए है जहां गाड़ियों की आकस्मिक चैकिंग होगी।
- मेला क्षेत्र में चौतरफा पुलिस कैंप बनाए गए हैं। अब तक तकरीबन 25 फीसदी पुलिस फोर्स पहुंच चुकी है।
- जितने भी पार्किंग एरिया है वह भी स्मार्ट और चेकिंग मशीनों से लैस होंगे।
- एंटी टेरर आॅपरेशन के तहत जीआईएस और थ्रीडी इमेज की व्यवस्था भी होगी।
हमारा सिस्टम चालू रहेगा...
सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों ने अपना नेटवर्क बढ़ाने के लिए सेल आॅन व्हील (काऊ) लगाए हैं। उपभोक्ताओं की अधिकता के कारण उनका सिस्टम गड़बड़ा सकता है लेकिन हमारा नहीं गड़बड़ाएगा। हमने टेटरा नाम का वायरलेस नेटवर्क खड़ा किया है जो हर परिस्थिति में चालू रहेगा।
मनीष खत्री, एएसपी
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