Friday, April 8, 2016

40% ‘सिंहस्थ’ को संत और सुविधा का इंतजार sinhastha 2016

- कहीं बिजली के खम्बे खड़े हो रहे हैं, कहीं खींच रहे हैं तार, कहीं बन रहे हैं सुविधाघर
उज्जैन से विनोद शर्मा । 
3 अपै्रल हो चुका है। सिंहस्थ शुरू होने में 19 दिन बाकी है जबकि सिंहस्थ की तैयारियां नजर आ रही है 60 फीसदी मेला क्षेत्र में। 40 फीसदी मेला क्षेत्र अब भी उजाड़ है। न साधु-संत है। न ही उनके लिए की जाने वाली सुविधाएं। यहां तक की बिजली के खम्बे अब खड़े हो रहे हैं। कुछ क्षेत्रों में जेसीबी जल-मल की लाइन के लिए लंबी-लंबी खुदाई ही चल रही है।
2004 में सिंहस्थ के लिए 2154. 42 हेक्टेयर जमीन आरक्षित की थी। मतलब यह है कि 2004 के मुकाबले 2016 का सिंहस्थ 1259 हेक्टेयर ज्यादा जमीन पर होगा। सिंहस्थ मेला क्षेत्र को सरकार ने जिस उम्मीद के साथ 2004 के मुकाबले दोगुना किया था उस उम्मीद से साधु-संतों का जमावड़ा अब तक उज्जैन में नहीं लगा है। तकरीबन सभी मेला क्षेत्रों में साधु-संतों के लिए आरेक्षित छोड़े गए प्लॉट खाली पड़े हैं वहीं सेटेलाइट टाउन का कंसेप्ट भी सिर्फ कागजों में दिखता है। मौके पर कुछ नहीं है। खासकर नए नागदा बायपास के पास, उन्हेल रोड, काल भैरव जोन, मंगलनाथ और महाकाल जोन में।
मंगलनाथ
खिलचीपुर  (418 हेक्टेयर) : यह मंगलनाथ जोन का प्लॉट के हिसाब से सबसे बड़ा एरिया है। इस क्षेत्र में 20 फीसदी प्लॉटों पर साधु-संतों के डेरे नजर आते हैं। इस सेक्टर में हक्कानिपुरा, कमेड़, इंस्टिट्यूट आॅफ पेरामेडिक्ल साइंस के पास।
मंगलनाथ (178 हेक्टेयर) : यहां नेपाली बाबा के कैंप से उन्हेल रोड के बीच सिर्फ पुलिस का ही कैंप बड़ा है। ज्यादातर प्लॉट खाली है। इसके अलावा कार्मेल कॉन्वेंट स्कूल के पास वाले प्लॉट भी खाली हैं। यहां भी बिजली के खम्बे खड़े हो रहे हैं। सुविधाघर बन रहे हैं।
काल भैरव
काल भैरव (348 हेक्टेयर) :  यह सेक्टर बायपास से भैरवगढ़ जेल वाली रोड तक है। यहां संतों के प्लॉट पहले ही कम है लेकिन अब तक भरे नहीं है। बायपास पर खम्बे लग रहे हैं।
सिद्धवट  (173 हेक्टेयर) : यहां  करीब 200 प्लॉट है। यहां कालियादेह पैलेस और श्री सिद्धि विनायक गण्ोश मंदिर की ओर तकरीबन सभी प्लॉट खाली पड़े हैं। बिजली के खम्बे खड़े हो रहे हैं। आधे में सुविधाघर बन चुके हैं। नल लग रहे हैं।
गढ़ कालिका (194 हेक्टेयर) : इस सेक्टर में भी संतों की बसाहट अपेक्षा से कम है। मां गढ़कालिका मंदिर और भर्तहरि गुफा के आसपास का हिस्सा ही खाली है।
दत्त अखाड़ा
दत्त अखाड़ा, उजड़खेड़ा-1 और मुल्लापुरा में सबसे तेजी से भरे हैं प्लॉट। यहां साधु-संतों की आदम अच्छी है। तकरीबन 70 फीसदी प्लॉट भर चुके हैं।
रणजीत हनुमान  (335 हेक्टेयर) :  इस सेक्टर में प्लॉटों की मार्किंग बाद में की गई। ट्रीटमेंट प्लांट के सामने, रणजीतनगर, गोनसा रोड और बायपास के पार बिजली के खम्बे खड़े हो रहे हैं।
उजड़खेड़ा-2 (353 हेक्टेयर) :  इस सेक्टर में उजड़खेड़ा-1 से बायपास के बीच प्लॉटों पर संतों व संस्थाओं के कैंप हैं। इसके बाद एक तरफ मंगरोला तक और दूसी तरफ बड़नगर रोड पर मंगरोला तिराहे तक कैंप कम नजर आते हैं।
महाकाल जोन
चितामण गण्ोश  (45  हेक्टेयर) : इस सेक्टर में आस्था गार्डन तक प्लॉट आरक्षित हैं। बायपास के समानांतर, ओशो समाधी के पास से शिप्रा के किनारे तक प्लॉट है। यहां भी भरे प्लॉटों की संख्या कम है।
लाल पुल  (114 हेक्टेयर)  : शिप्रा घाट, भगतसिंह मार्ग और नर्सिंग घाट तक है। यहां शिप्रा किनारे प्लॉट पर कैंप है।  वॉटर ट्रिटमेंट प्लांट, ज्ञानसागर अकेडमी और गऊ घाट की ओर कैंप कम हैं।
हरसिद्धि  (70 हेक्टेयर) : इस सेक्टर में रूद्रसागर के आधे हिस्से में कैंप बन रहे हैं। विक्रमादित्य मंदिर के सामने वाले कैंप में पार्किंग नजर आती है। इंटरप्रिटिसन सेंटर के पास भी प्लॉट खाली हैं। रूद्रसागर से भावसिंगपुरा के बीच का हिस्सा भी खाली है।
महाकाल जोन (34 हेक्टेयर) :  इस जोन में भी कैंप कम है।
नृसिंह घाट (22 हेक्टेयर) : यहां भी डेरे लग रहे हैं। अब तक आधी जमीन खाली है।
त्रिवेणी जोन
क्षेत्रफल की दृष्टि से यह बड़ा जोन है। इसमें 1774 हेक्टेयर जमीन है। इसमें काफी हिस्सा कॉलोनाइज्ड है। सवार खेड़ी, धेंडिया, नदी से चिंतामण रोड के बीच भी है यह जोन।
ऐसा है जोन और सेक्टर सिस्टम
झोन क्रमांक सेक्टर
मंगलनाथ झोन मंगलनाथ, खाकचौक व आगर रोड
काल भैरव गढ़कालिका, सिद्धवट तथा काल भैरव सेटर
महाकाल लाल पुल, रामघाट, महाकाल, हरसिद्धी, नरसिंह घाट, गोपाल मंदिर, चिंतामण
दत्त अखाड़ा भखी माता,  मुल्लापुरा, उजड़खेड़ा-1, उजड़खेड़ा-2,
रणजीत हनुमान तथा दत्त अखाड़ा
चामुण्डा फ्रीगंज
त्रिवेणी त्रिवेणी और यंत्र महल
ऐसे अधिग्रहित की गई जमीन
सिंहस्थ-2016 के लिए उज्जैन कस्बा और आसपास के गांवों  की 3061 हेक्टेयर जमीन पड़ाव क्षेत्र के लिए और 352 हेक्टेयर जमीन सेटेलाइट टाउन के लिए अधिसूचित किया है।
कस्बा उज्जैन में 1346.29 हेक्टेयर, घटिया तहसील के गोन्सा की 178.76, मोहनपुरा में 362.26,  कोलूखेड़ी में 24.11, भदेड़चक में 184.56, भैरवगढ़ में 78.29, मोजमखेड़ी में 99.60, खिलचीपुर में 223.44, चकभितरी में 22.76, भीतरी में 366.75, कमेड़ भीतरी में 174.74 हेक्टेयर।
छह सेटेलाइट टाउन बनेंगे।
दाऊखेड़ी सेटेलाइट  के लिए कस्बा उज्जैन की 148.67 हेक्टेयर, इंजीनियरिंग कॉलेज सेटेलाइट के लिए मालनवासा की 24.98 हेक्टेयर, सोयाबीन प्लांट सेटेलाइट के लिए लालपुर की 36.76, मक्सी रोड सेटेलाइट के लिए पंवासा में 14 व शंकरपुर में 24.81 हेक्टेयर, सोडंग सेटेलाइट के लिए सोडंग की 29.58, जोगीखेड़ी की 7.3 और आगर रोड सेटेलाइट के लिए कमेड की 27.79 और सुरासा की 38.98 हेक्टेयर जमीन ली गई है। हालांकि यह सभी सेटेलाइट टाउन भी अभी कागज में ही है।

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