Friday, April 8, 2016

एक साधु के लिए उखाड़े छह के डेरे sinhastha 2016

उज्जैन से विनोद शर्मा ।
जमीन आवंटन के नाम पर मनमानी का दौर जारी है।  बुधवार को भी किसी एक साधु को जमीन देने के लिए आधा दर्जन साधुओं के डेरे उखाड़कर फेंक दिए गए। साधुओं को हर साल यह जमीन मिलती रही है और चार- आठ दिन पहले ही अखाड़े के पदाधिकारियों ने मार्किंग करके दी थी।
मामला दत्त जोन क्षेत्र का है। यहां दत्त अखाड़े के सामने जोनल कार्यालय के पास पंच दशनाम जूना अखाड़े के साधु ‘जो कि भैरव गिरी के चेले हैं’, डेरा डालकर बैठे थे। बुधवार अचानक कुछ लोग आए और यह कहते हुए डेरे उखाड़कर फेंक दिए कि यह जमीन दूसरे साधु को आवंटित है। हाथों-हांथ टिन और बल्लियां लाकर उन्होंने कैंप का काम भी शुरू कर दिया। इससे साधु नाराज हुए। उन्होंने अखाड़े के उन पदाधिकारियों के सामने नाराजगी भी जताई जिनके जमीन नापने और मार्किंग करने के बाद ही डेरे बनाए गए थे।
डेरे कैलाश गिरी, रमेश गिरी, महंत नारायणानंद गिरी, रवींद्र गिरी और वेद गिरी के अखाड़े गए। कैलाश गिरी ने बताया कि यह चौथा कुम्भ है यहां। हर साल हमें यहीं जमीन मिलती रही है। इस बार भी अखाड़े के पदाधिकारी हरिगिरी महाराज ने मार्किंग करके जमीन दी थी। फिर आज ऐसा क्या हुआ जो हमारे डेरे उखाड़ दिए गए। बाकी संतों ने भी नाराजगी जताई और कहा कि सिंहस्थ करने आए हैं या जमीन कब्जाने। एक साधु को बसाने के लिए छह साधुओं को बेघर करने वाले अधिकारी कौन होते हैं? यदि कब्जा था तो वे मौके पर आते और बताते कि हमारा दोष क्या था। 

No comments:

Post a Comment