साधुओं के प्लॉटों पर साधुओं का कब्जा
- मेला अधिकारी से लेकर थाने तक पहुंची शिकायतें
उज्जैन से विनोद शर्मा ।
सुंदरधाम आश्रम के महामंडलेश्वर बृजबिहारी दास को मंगलनाथ क्षेत्र में प्लॉट नंं. 203/5 और 203/9 आवंटित हुआ था। टिन शेड उखाड़कर इन प्लॉटों पर तेरह भाई त्यागी नामक गुट के साधुओं ने कब्जा कर लिया है। इतना ही नहीं, साधुओं ने ठेकेदार को भी धमका दिया है। ठेकेदार ने भी यह कहते हुए काम बंद कर दिया कि आप किसी और से काम करवा लो। महीनेभर से भटक रहे हैं लेकिन कब्जा हटाकर उन्हें प्लॉट दिलाने की हिम्मत न प्रशासनिक अधिकारियों ने की। न ही पुलिस ने।
सिर्फ बृजबिहारी दास ही नहीं ऐसे 22 अपै्रल से 21 मई के बीच उज्जैन सिहंस्थ के साक्षी बनने आए दर्जनों साधु हैं जो अर्से तक प्लॉट आवंटन के लिए परेशान रहे। अब प्लॉट पर हुए अवैधानिक कब्जे और कब्जेदारों से जुझ रहे हैं। मंगलनाथ जोन में ऐसे संतापित संतों को अधिकारियों के आगे-पीछे चक्कर काटते देखा जा सकता है। हालांकि अधिकारी यह कहते हुए उन्हें झिड़की दे रहे हैं कि प्लॉट की सुरक्षा की जिम्मेदारी आपकी है, हमारी नहीं।
साधुओं में हो रहा है झगड़ा..
सांदीपनि आश्रम के पास रामानंदी निर्मोही अखाड़े की जमीन और मंदिर है जो मेला कार्यालय से भी आवंटित है। बीते दिनों कुछ संत मौके पर पहुंचे और सामान फेंक कब्जा शुरू कर दिया। दोनों गुट के बीच मारपीट हुई। वाहनों में तोड़फोड़ हुई। बंदुकें तक निकली। बाद में जीवाजीगंज पुलिस ने राजेंद्रदास, रामजीदास और उनके साथियों के खिलाफ धारा 427, 451 ,32, 506 और 34 के तहत केस दर्ज किया। बंदूकें कब्जे में ली।
एक का प्लॉट दूसरे को...
काम से जल्दी मुक्त होने के लिए पिछले सिंहस्थ की सूची को आधार बना कर उन साधु संतों को वहीं जमीन आवंटित कर दी है, जहां पिछले सिंहस्थ में जमीन दी गई थी। नंबरिंग उट पटांग है। महंत सुखरामदास महाराज ने बताया कि जो प्लॉट आवंटित किया था वहां पहले किसी संत का आश्रम बन रहा था। बीते सिंहस्थ हमें जिस नंबर की जमीन दी थी वह भी बदल गया जबकि बाकी का वही नंबर है।
बुनियादी सुविधा का भी संकट
मंगलनाथ में जमीन पाने के बाद भी कई संत सुविधाओं के लिए खड़े नजर आ रहे हैं। कहीं जमीन आवंटन के बावजूद जमीन बराबर नहीं है। कहीं न नल के पते हैं, न ही बिजली के। न सुविधाघर के। महंत रामस्वरू ने बताया कि जमीन मिल गई है लेकिन पानी-बिजली नहीं है। पड़ौस में खेत है और किसान भला आदमी है जो पानी दे रहा है।
प्लॉट तो हम लेकर रहेंगे...
जो प्लॉट अलॉट हुआ है वही 2004 के सिंहस्थ में भी मिला था। इतने सिंहस्थ किए हैं लेकिन इतनी अव्यवस्था और अराजकता कहीं नहीं दिखी। फरवरी में ही उज्जैन आ गए थे सोचा था जल्दी जल्दी आश्रम बना लेंगे लेकिन महीनाभर जमीन कब्जामुक्त होने के इंतजार में ही बीत गया। अधिकारी कहते हैं करते हैं देखते हैं। जमीन हम लेकर रहेंगे। अखाड़े से हैं। महामंडलेश्वर की उपाधि प्राप्त हैं।
महामंडलेश्वर बृजबिहारी दास
आसपास वाले ही जीम गए प्लॉट
मुझे प्लॉट नं. 269 दिया गया है। आवंटन के बाद जब मौके पर पहुंचे तो देखा कि एक तरफ से प्लॉट नं. 268 वाले संतों ने कब्जा कर लिया है तो दूसरी तरफ प्लॉट नं. 270 वाले कब्जा किए बैठे हैं। 269 के नाम पर अब कुछ नहीं बचा। पांच दिन से अधिकारियों को शिकायत कर रहे हैं लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं।
देवेंद्र राज, अयोध्या
एक का प्लॉट दूसरे को...
काम से जल्दी मुक्ति के लिए बीते सिंहस्थ के आधार पर संतों को प्लॉट दे दिए। कुछ को वही नंबर मिला। नंबरिंग उट पटांग है। जो प्लॉट आवंटित किया था वहां पहले किसी संत का आश्रम बन रहा था। बीते सिंहस्थ हमें जिस नंबर की जमीन दी थी वह भी बदल गया।
महंत सुखरामदास महाराज, अयोध्या
ऐसे साधुओं को बाहर करें ताकि शांति से मने सिंहस्थ
अखिल भारतीय श्री पंच दिगम्बर अनी अखाड़ा ने मेला अधिकारी को पत्र लिखकर प्लॉटों पर कब्जा करने और अशांति फैलाने वाले शंतों को बाहर करने की मांग की है। कहा कि अखाड़े के सभी नागा/अतीत पंच की सहमति से अखाड़े की सदस्यता खत्म करके भक्तिदास गुरु गंगादास (पंचवटी नासिक), रामशरणदास गुरु (अयोध्यादास शांति आश्रम उज्जैन), रामजन्मदास शास्त्री और गुुरु प्रभुदास जम्बू (वृंदावन) को नासिक कुम्भ से बाहर कर दिया गया था। ये अखाड़े के नियम-परम्परा नहीं मान रहे थे। अब ये उज्जैन में भी अशांति फैला रहे हैं। कोई घटना होती है तो जिम्मेदार यही होंगे। अखाड़े के पदाधिकारी व पंच नहीं। इन्हें मेला क्षेत्र से बाहर करें।
- मेला अधिकारी से लेकर थाने तक पहुंची शिकायतें
उज्जैन से विनोद शर्मा ।
सुंदरधाम आश्रम के महामंडलेश्वर बृजबिहारी दास को मंगलनाथ क्षेत्र में प्लॉट नंं. 203/5 और 203/9 आवंटित हुआ था। टिन शेड उखाड़कर इन प्लॉटों पर तेरह भाई त्यागी नामक गुट के साधुओं ने कब्जा कर लिया है। इतना ही नहीं, साधुओं ने ठेकेदार को भी धमका दिया है। ठेकेदार ने भी यह कहते हुए काम बंद कर दिया कि आप किसी और से काम करवा लो। महीनेभर से भटक रहे हैं लेकिन कब्जा हटाकर उन्हें प्लॉट दिलाने की हिम्मत न प्रशासनिक अधिकारियों ने की। न ही पुलिस ने।
सिर्फ बृजबिहारी दास ही नहीं ऐसे 22 अपै्रल से 21 मई के बीच उज्जैन सिहंस्थ के साक्षी बनने आए दर्जनों साधु हैं जो अर्से तक प्लॉट आवंटन के लिए परेशान रहे। अब प्लॉट पर हुए अवैधानिक कब्जे और कब्जेदारों से जुझ रहे हैं। मंगलनाथ जोन में ऐसे संतापित संतों को अधिकारियों के आगे-पीछे चक्कर काटते देखा जा सकता है। हालांकि अधिकारी यह कहते हुए उन्हें झिड़की दे रहे हैं कि प्लॉट की सुरक्षा की जिम्मेदारी आपकी है, हमारी नहीं।
साधुओं में हो रहा है झगड़ा..
सांदीपनि आश्रम के पास रामानंदी निर्मोही अखाड़े की जमीन और मंदिर है जो मेला कार्यालय से भी आवंटित है। बीते दिनों कुछ संत मौके पर पहुंचे और सामान फेंक कब्जा शुरू कर दिया। दोनों गुट के बीच मारपीट हुई। वाहनों में तोड़फोड़ हुई। बंदुकें तक निकली। बाद में जीवाजीगंज पुलिस ने राजेंद्रदास, रामजीदास और उनके साथियों के खिलाफ धारा 427, 451 ,32, 506 और 34 के तहत केस दर्ज किया। बंदूकें कब्जे में ली।
एक का प्लॉट दूसरे को...
काम से जल्दी मुक्त होने के लिए पिछले सिंहस्थ की सूची को आधार बना कर उन साधु संतों को वहीं जमीन आवंटित कर दी है, जहां पिछले सिंहस्थ में जमीन दी गई थी। नंबरिंग उट पटांग है। महंत सुखरामदास महाराज ने बताया कि जो प्लॉट आवंटित किया था वहां पहले किसी संत का आश्रम बन रहा था। बीते सिंहस्थ हमें जिस नंबर की जमीन दी थी वह भी बदल गया जबकि बाकी का वही नंबर है।
बुनियादी सुविधा का भी संकट
मंगलनाथ में जमीन पाने के बाद भी कई संत सुविधाओं के लिए खड़े नजर आ रहे हैं। कहीं जमीन आवंटन के बावजूद जमीन बराबर नहीं है। कहीं न नल के पते हैं, न ही बिजली के। न सुविधाघर के। महंत रामस्वरू ने बताया कि जमीन मिल गई है लेकिन पानी-बिजली नहीं है। पड़ौस में खेत है और किसान भला आदमी है जो पानी दे रहा है।
प्लॉट तो हम लेकर रहेंगे...
जो प्लॉट अलॉट हुआ है वही 2004 के सिंहस्थ में भी मिला था। इतने सिंहस्थ किए हैं लेकिन इतनी अव्यवस्था और अराजकता कहीं नहीं दिखी। फरवरी में ही उज्जैन आ गए थे सोचा था जल्दी जल्दी आश्रम बना लेंगे लेकिन महीनाभर जमीन कब्जामुक्त होने के इंतजार में ही बीत गया। अधिकारी कहते हैं करते हैं देखते हैं। जमीन हम लेकर रहेंगे। अखाड़े से हैं। महामंडलेश्वर की उपाधि प्राप्त हैं।
महामंडलेश्वर बृजबिहारी दास
आसपास वाले ही जीम गए प्लॉट
मुझे प्लॉट नं. 269 दिया गया है। आवंटन के बाद जब मौके पर पहुंचे तो देखा कि एक तरफ से प्लॉट नं. 268 वाले संतों ने कब्जा कर लिया है तो दूसरी तरफ प्लॉट नं. 270 वाले कब्जा किए बैठे हैं। 269 के नाम पर अब कुछ नहीं बचा। पांच दिन से अधिकारियों को शिकायत कर रहे हैं लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं।
देवेंद्र राज, अयोध्या
एक का प्लॉट दूसरे को...
काम से जल्दी मुक्ति के लिए बीते सिंहस्थ के आधार पर संतों को प्लॉट दे दिए। कुछ को वही नंबर मिला। नंबरिंग उट पटांग है। जो प्लॉट आवंटित किया था वहां पहले किसी संत का आश्रम बन रहा था। बीते सिंहस्थ हमें जिस नंबर की जमीन दी थी वह भी बदल गया।
महंत सुखरामदास महाराज, अयोध्या
ऐसे साधुओं को बाहर करें ताकि शांति से मने सिंहस्थ
अखिल भारतीय श्री पंच दिगम्बर अनी अखाड़ा ने मेला अधिकारी को पत्र लिखकर प्लॉटों पर कब्जा करने और अशांति फैलाने वाले शंतों को बाहर करने की मांग की है। कहा कि अखाड़े के सभी नागा/अतीत पंच की सहमति से अखाड़े की सदस्यता खत्म करके भक्तिदास गुरु गंगादास (पंचवटी नासिक), रामशरणदास गुरु (अयोध्यादास शांति आश्रम उज्जैन), रामजन्मदास शास्त्री और गुुरु प्रभुदास जम्बू (वृंदावन) को नासिक कुम्भ से बाहर कर दिया गया था। ये अखाड़े के नियम-परम्परा नहीं मान रहे थे। अब ये उज्जैन में भी अशांति फैला रहे हैं। कोई घटना होती है तो जिम्मेदार यही होंगे। अखाड़े के पदाधिकारी व पंच नहीं। इन्हें मेला क्षेत्र से बाहर करें।
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