- सुबह-शाम पीता 5-5 लीटर दूध ताकि चमक रहे बरकरार
इंदौर. विनोद शर्मा ।
सिंहस्थ 2016 को लेकर जहां सरकार और साधुओं की 2015 की सुपरहिट फिल्मों में से एक ‘सिंह इस ब्लिंग’ के गाना ‘टुंग-टुंग बजे’ जिसे याद है उसे खटिया पर नाचते हुए घोड़े के नीचे बेफिक्र लेटे अक्षय कुमार भी याद होंगे। ‘सिंह इस ब्लिंग’ के इस किंग ने भी इंदौर पहुंचकर सिंहस्थ की तैयारियां शुरू कर दी है। वहां उसका साथ देंगी रजिया और कैटिरिना भी।
4 अपै्रल को सिंहस्थ के लिए इंदौर से रवाना होने वाले हाथी, घोड़े और ऊंट के लबाजमे में किंग भी होगा। मुलत: राजस्थान में टेंÑड हुए इस घोड़े को ‘सिंह इस ब्लिंग’ को मिली सफलता के बाद ही लड्डू सेठ ने खरीद लिया था। अब इस घोड़े को राजेंद्रनगर के बालाजी स्टेट फार्म पर सिंहस्थ के लिए टेÑंड किया जा रहा है। यह घोड़ा न सिर्फ ढोल और मंजिरे की थाप पर ठुमके लगाए बल्कि अपने मुंह से साधु-महात्मओं और महामंडेलश्वरों को गले में फूलों की माला भी डालेगा। ऐसे करतब भी सीखे और सीखाए जा रहे हैं जो देखने वालों के होश उड़ा दे।
ताकि चमक रहे बरकरार
पेशवाई के दौरान घोड़ों की चमक फिकी न पड़े इसके लिए उन्हें रोजाना 5-5 लीटर दूध पिलाया जा रहा है। चना, जौ और चापड़ खिलाया जा रहा है। उनके आराम का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। इसी तरह ऊंटों को 3-3 लीटर दूध पिलाया जा रहा है। पत्ती और चापड़ खा रहे हैं।
लंबा होगा लबाजमा
4 अपै्रल की उज्जैन जाने वाले लबाजमे में 11 घोड़े, 10 ऊंट और 4 हाथी शामिल है। इसी बेड़े में 4 ऊंट और 4 घोड़े ऐसे हैं जो डोल-मंजिरे की थाप पर बिना बोले ही थिरकना शुरू कर देते हैं। पेशवाई के दौरान सबसे आगे दो फाइबर के हाथी रहेंगे जो पुष्प वर्षा करते चलेंगे।
ताकि न लगे संतों को न लगे गर्मी
अपै्रल और मई में उज्जैन का तापमान 42 डिग्री सेल्सियस के ऊपर-नीचे ही रहेगा। इसमें निकलेगी पेशवाई। इसीलिए संतों के लिए दो वातानुकुलित बग्गियां भी तैयार की गई है। ये बग्गियां चौतरफा कांच से कवर है। इनमें बैठने के बाद संतों को गर्मी का अहसास नहीं होगा। बाहर 16 कुलर का लबाजमा भी होगा जो बग्गियों के साथ चलने वालों को हवा देंगे।
बिना घोड़े-ऊंट के फिकी है पेशवाई
कुम्भ में तीन शाही स्नान होंगे और तकरीबन सभी अखाड़ों ने पेशवाई की तैयारी कर ली है। जैसे साधुओं के बिना पेशवाई की कल्पना नहीं कर सकते वैसे ही हाथी-घोड़े और ऊंट के बिना पेशवाई का रंग भी नहीं जम सकता। 5 से 22 अपै्रल तक पेशवाई करीब-करीब सभी अखाड़ों की पेशवाई निकलेगी।
किसकी पेशवाई कब...
पंचायती आह्वान अखाड़ा 10 अपै्रल
तपोनिधि निरंजनी अखाड़ा 11 अपै्रल
पंचायती अग्नि अखाड़ा 14 अपै्रल
पंचायती आनंदी अखाड़ा 15 अपै्रल
पंचायती नया उदासीन अखाड़ा 17 अपै्रल
पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा 18 अपै्रल
पंच अटल अखाड़ा 19 अपै्रल
निर्मल अखाड़ा 19 अपै्रल
पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़ा 20 अपै्रल
इंदौर. विनोद शर्मा ।
सिंहस्थ 2016 को लेकर जहां सरकार और साधुओं की 2015 की सुपरहिट फिल्मों में से एक ‘सिंह इस ब्लिंग’ के गाना ‘टुंग-टुंग बजे’ जिसे याद है उसे खटिया पर नाचते हुए घोड़े के नीचे बेफिक्र लेटे अक्षय कुमार भी याद होंगे। ‘सिंह इस ब्लिंग’ के इस किंग ने भी इंदौर पहुंचकर सिंहस्थ की तैयारियां शुरू कर दी है। वहां उसका साथ देंगी रजिया और कैटिरिना भी।
4 अपै्रल को सिंहस्थ के लिए इंदौर से रवाना होने वाले हाथी, घोड़े और ऊंट के लबाजमे में किंग भी होगा। मुलत: राजस्थान में टेंÑड हुए इस घोड़े को ‘सिंह इस ब्लिंग’ को मिली सफलता के बाद ही लड्डू सेठ ने खरीद लिया था। अब इस घोड़े को राजेंद्रनगर के बालाजी स्टेट फार्म पर सिंहस्थ के लिए टेÑंड किया जा रहा है। यह घोड़ा न सिर्फ ढोल और मंजिरे की थाप पर ठुमके लगाए बल्कि अपने मुंह से साधु-महात्मओं और महामंडेलश्वरों को गले में फूलों की माला भी डालेगा। ऐसे करतब भी सीखे और सीखाए जा रहे हैं जो देखने वालों के होश उड़ा दे।
ताकि चमक रहे बरकरार
पेशवाई के दौरान घोड़ों की चमक फिकी न पड़े इसके लिए उन्हें रोजाना 5-5 लीटर दूध पिलाया जा रहा है। चना, जौ और चापड़ खिलाया जा रहा है। उनके आराम का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। इसी तरह ऊंटों को 3-3 लीटर दूध पिलाया जा रहा है। पत्ती और चापड़ खा रहे हैं।
लंबा होगा लबाजमा
4 अपै्रल की उज्जैन जाने वाले लबाजमे में 11 घोड़े, 10 ऊंट और 4 हाथी शामिल है। इसी बेड़े में 4 ऊंट और 4 घोड़े ऐसे हैं जो डोल-मंजिरे की थाप पर बिना बोले ही थिरकना शुरू कर देते हैं। पेशवाई के दौरान सबसे आगे दो फाइबर के हाथी रहेंगे जो पुष्प वर्षा करते चलेंगे।
ताकि न लगे संतों को न लगे गर्मी
अपै्रल और मई में उज्जैन का तापमान 42 डिग्री सेल्सियस के ऊपर-नीचे ही रहेगा। इसमें निकलेगी पेशवाई। इसीलिए संतों के लिए दो वातानुकुलित बग्गियां भी तैयार की गई है। ये बग्गियां चौतरफा कांच से कवर है। इनमें बैठने के बाद संतों को गर्मी का अहसास नहीं होगा। बाहर 16 कुलर का लबाजमा भी होगा जो बग्गियों के साथ चलने वालों को हवा देंगे।
बिना घोड़े-ऊंट के फिकी है पेशवाई
कुम्भ में तीन शाही स्नान होंगे और तकरीबन सभी अखाड़ों ने पेशवाई की तैयारी कर ली है। जैसे साधुओं के बिना पेशवाई की कल्पना नहीं कर सकते वैसे ही हाथी-घोड़े और ऊंट के बिना पेशवाई का रंग भी नहीं जम सकता। 5 से 22 अपै्रल तक पेशवाई करीब-करीब सभी अखाड़ों की पेशवाई निकलेगी।
किसकी पेशवाई कब...
पंचायती आह्वान अखाड़ा 10 अपै्रल
तपोनिधि निरंजनी अखाड़ा 11 अपै्रल
पंचायती अग्नि अखाड़ा 14 अपै्रल
पंचायती आनंदी अखाड़ा 15 अपै्रल
पंचायती नया उदासीन अखाड़ा 17 अपै्रल
पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा 18 अपै्रल
पंच अटल अखाड़ा 19 अपै्रल
निर्मल अखाड़ा 19 अपै्रल
पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़ा 20 अपै्रल
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