Friday, April 8, 2016

दरगाह शरीफ में भी होंगे भजन-कव्वाली sinhastha 2016

सिंहस्थ में सात दिवसीय कैंप लगाएंगे सूफी संत गुलाम दस्तगीर
उज्जैन से विनोद शर्मा ।
सिंहस्थ 2016 के लिए जहां साधु-संतों की तैयारियां अंतिम चरण में है वहीं जहांगिराबाद (बुलंदशहर) के सूफी बाबा गुलाम दस्तगीर ने भी शिप्रा नदी के किनारे रामघाट पर स्थित दरगाह शरीफ में अपने कैंप की तैयारी शुरू कर कर दी है। 16 से 22 मई तक आयोजित होने वाले इस कैंप में क्वाली के साथ भजनों की प्रस्तुति भी होगी। बाबा के साथ कई साधु-संत भी कैंप में शिरकत करेंगे।
शुक्रवार को सुफी गुलाम दस्तगीर इंदौर से उज्जैन पहुंचे। यहां उन्होंने पहले साध्वी शिवानी दुर्गा से मुलाकात की उन्हें सिंहस्थ के दौरान लगने वाले अपने कैम्प की जानकारी दी। इसके बाद वे दरगाह शरीफ पहुंचे। यहां पहले उन्होंने दरगाह पर फूल चढ़ाए। बाद में परिसर का मौका मुआयना किया। उन्होंने बताया कि यहां कैम्प लगेगा। कैम्प में अखंड भंडारा होगा। कव्वाली होगी। भजन होंगे। उन्होंने बताया कि कैम्प के उनके साथ तकरीबन दो हजार लोग होंगे उनमें कई साधु संत भी शामिल रहेंगे। 13-14 मई को आ जाएंगे। 22 मई तक रहेंगे।
बड़े सिलसिले से हैं गुलाम दस्तगीर
भैंसोड़ी सरीफ (रामपुर और बरेली के बीच) में जो सूफी है बाबा वहीं से जुड़े हैं। जिस सिलसिले (जैसे साधु संतों के अखाड़े होते हैं वैसे ही) से ताल्लुक रखते हैं वह बगदाद से बांगलादेश तक फैला है।  मप्र में इंदौर, बड़नगर, सनावद और धार में भी उनका सिलसिला है।
मुहब्बत की मिसाल बने...
बाबा ने बताया कि सिंहस्थ के दौरान यह उनका पहला कैंप होगा। इससे पहले वे हरिद्वार में भी कैंप लगा चुके हैं। कैंप का मकसद हिंदु-मुस्लिम के बीच मुहब्बत और अमन-भाईचारा बढ़ाना है। नीयत अच्छी है, ऊपर वाला भी साथ देगा और उसके बंदे भी। उन्होंने कहा कि संत और सूफी में कोई भेदभाव नहीं है। एक थाली में बैठकर खाना खाते रहे हैं। मेरे जितने मुरीद है उनमें ज्यादातर हिंदु हैं।
85 फीट ऊंची दरगाह बना रहे हैं
जहांगीराबाद में वे एक 85 फीट ऊंची दरगाह बना रहे हैं जो कि उनके वालिद की याद में बन रही है। तीन साल हो चुके हैं बनते-बनते। तीन महीने में तैयार हो जाएगी। पूरी संगमरमर का बन रहा है रंग की जरूरत नहीं है। बिल्डिंग और हॉल भी बन रहा है।

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