Friday, April 8, 2016

शिव मंत्रों से बनेगा आठ फीट ऊंचा शिवलिंग shinhasth 2016

नम: शिवाय मिशन का अनोखा शिवधाम
उज्जैन से विनोद शर्मा ।
सिंहस्थ 2016 के तहत मेला क्षेत्र में बांस, बल्ली और घांस के साथ मिट्टी से बड़ी तादाद में देवी-देवताओं की प्रतिमाएं बन रही है। वहीं उजड़खेड़ा सेक्टर में नम: शिवाय मिशन, ओंकारेश्वर करीब 2500 करोड़ शिव के पंचाक्षरी मंत्रों से लैस पोस्टकार्ड और पत्रिकाओं से पिरामिडनुमा शिवलिंग बना रहा है। कैंप में 12 ज्योतिर्लिंग बनाकर न सिर्फ ओम नम: शिवाय की ध्वनी विद्यमान की जाएगी बल्कि श्रृद्धालुओं का ईलाज भी किया जाएगा।
कैंप परिसर में संतों की कुटी के साथ ही पिरामिड नुमा शिवलिंग का काम भी शुरू हो चुका है।  बताया जा रहा है कि यहां पिरामिड के रूप में आठ फीट ऊंचा शिवलिंग बनेगा। ऊपर नागदेवता की प्रतिमा होगी। आसपास 12 ज्योतिर्लिंग होंगे। श्रृद्धालुओं के लिए परिक्रमा मार्ग भी छोड़ा गया है। यहां दो वरिष्ठ डॉक्टर भी सेवा देंगे। एक महिला डॉक्टर। एक पुरुष डॉक्टर। यहां पांच बेड भी हैं लेकिन भर्ती नहीं होगी। सिर्फ सलाइन चढ़ाने तक का ईलाज होगा। इसके अलावा मेला क्षेत्र में लोगों की सहुलियत को देखते हुए दो एम्बुलेंस (एक बड़ी, एक छोटी) उपलब्ध रहेगी। इसके अलावा यहां मंत्रोचार, संकीर्तन और मंत्र लेखन भी सतत चलेंगे। गौरतलब है कि संस्था एक रोटी मिशन भी चला रही है।
22 साल पहले की थी मिशन की स्थापना
संस्था संस्थापक शिवोहम भारती ने 1985 में गृहस्थ जीवन त्याग दिया था। 1993 में वे ओंकारेश्वर आए। लंबी तपस्या के बाद 1994 में नम: शिवाय मिशन की नींव रखी। शुरूआत में गुरुजी ने एक-एक रुपया लिया। उससे रोटी बनवाते और जरूरतमंदों की भूख मिटाते। बचे पैसे से पोस्टकार्ड खरीदते और लोगों को शिव मंत्र लिखने के लिए प्रेरित करते। तीन वर्षों तक भारत के तीर्थों में भ्रमण करने के बाद ओंकारेश्वर के ग्राम कोठी में पांच मंजिला मंत्र बैंक स्थापित किया। बैंक को 22 साल हो चुके हैं। इस बैंक से नियमित-अनियमित तकरीबन 70 हजार लोग जुड़े हैं। श्री भारती ने 84 हजार करोड़ ॐ नम: शिवाय मंत्र संग्रह कर नम: शिवाय सद्विचार टॉवर (आध्यात्मिक स्तंभ) बनाने का संकल्प लिया है। 21 वर्षों में परिपूर्ण श्रद्धा से संग्रहित 2100 करोड़ लिखित ॐ नम: शिवाय मंत्रों का 21 फुट ऊंचा व 21 फुट चौड़ा पिरामिड बनाया है। इसके बाद भी  बैंक में 7500 करोड़ मंत्र संचित है। श्री भारती ने बताया कि वे अपने आध्यात्मिक स्तंभ के लिए संकल्पित हैं।
गोल्डन बुक रिकार्ड भी बना
मंत्र लेखन बैंक और लिखित मंत्रों की अपार संख्या के आधार पर  ॐ नम: शिवाय मिशन के संस्थापक शिवोहम भारती का नाम गोल्डन अमेरिकन वर्ल्ड आॅफ बुक' में भी दर्ज किया गया है। 2014 में नाम दर्ज हुआ था।
बैंक है मंत्रों की
आश्रम से जुड़Þे लोगों ने बताया कि संस्था ने ओम नम: शिवाय मंत्र की पांच मंजिला बैंक बना रखी है। इस बैंक में बकायदा पासबुक दी जाती है। 3333, 5555  और 11000 मंत्रों वाली पुस्तिका दी जाती है। आप जो मंत्र लिखते हैं उसकी इंट्री होती है। किसके कितने मंत्र जमा है इसका पूरा ब्यौरा है। जो सदस्य एक लाख से अधिक मंत्र लिख चुके हैं उनके फोटो संस्था की पत्रिका में प्रमुखता से प्रकाशित किए जाते हैं। बैंक में अब तक ब्यौरा मेन्युअल है जल्द ही कम्प्यूटराइज्ड किया जाएगा।संस्था बैंक की अलग-अलग शहरों में शाखा भी खोलने की तैयारी में है।
लोगों को जोड़ेंगे शिव से...
हम 2500 करोड़ मंत्रों से शिवलिंग बनाना चाहते हैं लेकिन यदि वहां पिरामिड छोटा बना तो मंत्र संख्या थोड़ी कम हो जाएगी। यह पहला सिंहस्थ कैंप है। यहां लोगों को शिव मंत्र का महत्व समझाएंगे। उन्हें मंत्र लेखन के लिए प्रेरित करेंगे। अभी अभियान से बुढ़े बच्चे सभी वर्ग के लोग जुड़े हैं।
शिवोअहम भारती, संस्थापक

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