Friday, April 8, 2016

पनामा डॉक्यूमेंट में पीएचई के प्रभाष सांखला भी

बेटी-दामाद के साथ हैं लोटस हॉराइजन एसए में डायरेक्टर
इंदौर. चीफ रिपोर्टर । 
टैक्स बचाने के लिए विदेशों में कथित कंपनियां खोलने वाले जिन प्रमुख नामों का खुलासा पनामा पेपर्स में हुआ है उसमें इंदौर के प्रभाष सांखला का नाम भी दर्ज है। सांखला इंदौर नगर निगम की महत्वकांक्षी योजना नर्मदा के तीसरे चरण में प्रोजेक्ट इंचार्ज रहे हैं। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) में अधीक्षण यंत्री पद से रिटायर हुए सांखला का नाम पनामा में रजिस्टर्ड लोटस हॉराइजन एसए के डायरेक्टर के रूप में सामने आया है। हालांकि मीडिया को दिए बयान में सांखला का साफ कहना है कि कंपनी उनके दामाद की है और वे सिर्फ नाम के डायरेक्टर हैं। उन्होंने न एक पैसा दिया। न एक पैसा लिया।
पनामा की विधि फर्म मोसैक फोनसेका के कथित तौर पर लीक दस्तावेजों लोटस हॉराइजन एसए का नाम सामने आया है। मोस्सफन बिल्डिंग 54ई स्ट्रीट पनामा में  26 जुलाई 2012 को सोसिएडेड अनोनिमा (एसए) के रूप में लोटस हॉराइजन पंजीबद्ध (पंजीयन नं. 775717) हुई। इस कंपनी के डायरेक्टर्स की सूची में प्रभाष सांखला, उनकी बेटी शीतल सांखला और दामाद राजीव सिंह ‘जिसने 2001 में समूह की स्थापना की थी’, का नाम शामिल है। पनामा की सूची में शामिल सांखला के नाम ने मंगलवार को पीएचई से लेकर इंदौर नगर निगम तक के गलियारे में हलचल मचा दी। जितने मुंह उतनी बातें होती रही।
रिटायरमेंट के बाद फिर दी सेवा
एशिनल डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) की वित्तीय मदद से 2005-06 में तकरीबन 625 करोड़ की लागत से प्रोजेक्ट उदय के तहत नर्मदा के तीसरे चरण का काम शुरू हुआ था। प्रोजेक्ट की कमान इंदौर में दी गई प्रभाष सांखला को। सांखला 2008-09 में रिटायर हुए। प्रोजेक्ट की जरूरत, उनके अनुभव और प्रोजेक्ट पर पकड़ को देखते हुए मप्र सरकार कॉन्टेक्ट बेस पर उनकी सेवा बढ़ाती रही। वे 2012 में रिटायर हुए हैं। तब तक तीसरा चरण से इंदौर को 25 प्रतिशत (90 एमएलडी) पानी मिलना शुरू हो गया था। तीन साल पहले ही उनकी पत्नी का भी देहांत हुआ है। बेटा और बेटी दोनों विदेश में है। वे यहां अकेले रहते हैं। रिटायरमेंट के वक्त उनकी तनख्वाह एक लाख से अधिक है।
दामाद ने 2001 से समूह बनाया था
्नराजीव पेनसिलवानिया यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग ग्रेज्यूएट हैं। वे कंपनी में प्रेसिडेंट पद पर हैं। राजीव ने होल्डिंग कंपनी के रूप में 2001 में काम शुरू किया। पहली कंपनी थी एसएएस प्रेसिशन। 2008 में उन्होंने लोटस एविएशन समूह का अधिग्रहण किया। जुलाई 2012 में लोटस हॉरिजन पंजीबद्ध कराई। उनके नाम पर 10 हजार शेयर हैं।
दामाद की है कंपनी, मैं मानद डायरेक्टर
कंपनी राजीव की है जो मेरे दामाद हैं। वे 1995 से न सिर्फ वहां रह रहे हैं बल्कि पनामा के प्रतिष्ठित बिजनेसमैन है। उन्होंने जब कंपनी बनाई तो मुझे भी डायरेक्टर बनाया जैसा कि कोई भी व्यक्ति नई कंपनी में अपने परिजन को डायरेक्टर बनाता है। उस वक्त मेरा नाती अवयस्क था। उसे डायरेक्टर बनने की पात्रता नहीं थी। कंपनी में डायरेक्टर के रूप में सिर्फ मेरा नाम है। मैंने न कभी कोई मीटिंग अटैंड की। न ही किसी तरह के पैसे का लेन-देन किया है। वैसे भी मुझे कारोबार की समझ नहीं है। मैं हर तरह की जांच और जवाब के लिए तैयार हूं।
प्रभाष साखला, पूर्व एई
इस समूह की यह भी हैं कपनी
लोटस एविएशन ग्रुप : फ्लोरिडा
एसएएस प्रेसिशन : कनाड़ा। भारत में आॅपरेटिंग के लिए बी-51, सेंकड क्रॉस पिनाया इंडस्ट्रियल एस्टेट, बैंगलोर में आॅफिस है जिसे संजीव सिंह संचालित करते हैं।

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