Wednesday, May 11, 2016

सिंहस्थ में चलेगी इस्कॉन की भंडारा एक्स्प्रेस

किचन से अन्न क्षेत्र तक दौडेगी 15 डिब्बों की ये रेल 
इंदौर. विनोद शर्मा। 
सिंहस्थ 2016 के मद्देनजर  इंटरनेशनल सोसायटी फॉर कृष्णाकांशसनेस अर्थात इस्कॉन मंगलनाथ क्षेत्र में विशेष रेल चलाएगा। रेल इस्कॉन कैम्प में आने वाले श्रद्धालुओं को सफर तो नही करेगी, हां उनकी भूख जरूर मिटाएगी। पाण्डाल तैयार है जल्द ही रेल के लिए ट्रेक का काम भी शुरू हो जायगा। 
मंगलनाथ जोन के खिलचीपुर सेक्टर में मंगलनाथ-आगर रोड पर तकरीबन सवा लाख वर्गफीट में इस्कॉन का अस्थाई कैम्प बन रहा है। कैम्प के दो आकर्षण है अभी। भव्य द्वार और हरे रामा, हरे कृष्णा गाते और मृदंग बजाते पुतलों से सजा गोल मंदिर। किचन और अन्न क्षेत्र का काम जारी है। इस्कॉन की प्लानिंग के हिसाब से इस किचन और अन्नक्षेत्र को जैसा डिजाइन किया जा रहा है वैसा किसी पांडाल तो क्या किसी अच्छी से अच्छी सितारा होटलों में किचन नहीं मिलता। 
 ट्रेक डलेगी, रेल चलेगी 
कैम्प की व्यवस्था देख रहे  स्वामी रसस सिंध गोपालदास ने बताया की ट्रेक का काम एक दो दिन में शुरू हो जायगा। ट्रेक किचन से अन्नक्षेत्र तक राउंड शेप में डलेगी। इसमें करीब 15 'डिब्बे' होंगे। किचन में जो खाना बनेगा उसे इन डिब्बों में भर देंगे। किसी में दाल, किसी में चावल, किसी में रोटी। भरी ट्रेन अन्न क्षेत्र में जाकर खड़ी हो जायेगी  जन्हा श्रद्धालु अपने हिसाब से प्रसाद पा सकेंगे। अन्न क्षेत्र किसी ख़ास वर्ग के लिए नही होगा। यंहा कोई भी भोजन कर सकेगा।
एक घण्टे में 1500 रोटी 
इस्कॉन किचन में अत्याधुनिक और मैकेनाइज्ड रोटी मशीन भी लगाएगा जो औटोमेटिकली रोटी बनाएगी। ऐसी मशीन किसी बड़े मध्यान्ह भोजन सेंटर पर होती है या किसी बड़ी सामाजिक या धार्मिंक संस्थान में। बताया जा रहा है कि मशीन पर एक घण्टे में 1500 रोटी बनेगी ताकि प्रसाद पाते वक्त लोगों को गर्म रोटी मिले। रोटी 24 घण्टे तक नरम रहेगी। 
बर्तन उठाएगी मशीन 
कीचन में भट्टी के पास भी क्रेन लगेगी जो भोजन बनाने वालों की मदद करेगी। खाली और भरे बर्तन क्रेन उठायेगी। कच्चा सामान भी इसी से मैनेज होगा। 
यह रहेगा मेन्यु दाल, सब्जी, रोटी, आम रस, आम पट्टी, खीर, चावल, पकोड़ा, समोसा, कचोरी सहित हर सिन कुछ अलग। जो भी बनेगा शुद्ध देशी घी से बनेगा।
जैसी बनी 24 घण्टे तक वैसी रहेगी रोटी 
हर सिन 1500 से 2000 लोग भोजन कर सकेंगे। प्रसाद शुद्ध और सात्विक होगा जिसमे आला दर्जे की सामग्री इस्तेमाल होगी। रोटी जैसी बनी है वैसी  24 घण्टे तक नरम रहेगी। 
स्वामी रसस सिंध गोपालदास

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