दूसरे दिन हुआ सरकारी सर्वे, संतों ने लिखवाई नुकसानी
उज्जैन से विनोद शर्मा।
प्लॉट नं. 340/1-2...। श्री महंत मणिरामदास जी महाराज...। सनकादिक तपोवन...। पांडाल और गेट की क्षति 12 लाख रुपए...। पांडाल में पानी भरने से खराब अनाज-कपड़े और रसद की कीमत 30 लाख...। कुल नुकसानी 42 लाख...। प्लॉट नं. 340/3...। महंत संतोषदास जी मुनी...। पांडाल और गेट से हुआ 20 लाख का नुकसान...। 30 लाख का अनाज, रसद और कपड़े 30 लाख के खराब। यह जानकारी दर्ज है शुक्रवार को हुए नुकसानी सर्वे की रिपोर्ट में जो कि गुरुवार की बेमौसम बरसात के प्रभाव को जांचने के मकसद से तैयार की गई है। प्रारंभिक सर्वे के आधार पर सामने आए नुकसानी के आंकड़ों के आधार पर 45 मिनट की बरसात से 100 से 150 करोड़ के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है।
सबसे ज्यादा नुकसान हुआ मंगलनाथ जोन में 494 प्लॉट हैं और तकरीबन 400 से अधिक प्लॉटों पर पांडाल और गेट गिरने के साथ ही पानी भरने से वहां रखे कपड़े, रसद, अनाज व बिस्तर भी खराब हो गए। साधु-संतों के विरोध के बाद एक-एक अधिकारी को 5-5 प्लॉट के सर्वे की जिम्मेदारी दी गई। शाम तक सर्वे रिपोर्ट तैयार हुई। जिस दत्त अखाड़ा जोन में सबसे ज्यादा 2352 प्लॉट है वहां नुकसानी ज्यादा नहीं हुई। यहां दुकानदारों का नुकसान ज्यादा हुआ। संत कीचड़ से ज्यादा परेशान हुए। कालभैरव जोन में तकरीबन 2 करोड़ के नुकसान का आंकलन किया गया। वहीं त्रिवेणी में भी नुकसानी करीब-करीब इतनी ही रही।
आंकड़े हकीकत से दूर तो नहीं
रिपोर्ट में साधु-संतों द्वारा बताए गए नुकसानी के आंकड़े लिखे गए हैं। इसीलिए यह भी माना जा रहा है कि साधु-संतों ने नुकसानी का आंकलन अनुमान के अनुसार किया है तो कि वास्तविक नुकसानी से ज्यादा है।
जितने बड़े पांडाल, नुकसान भी उतना ही ज्यादा
नुकसान सबसे ज्यादा बड़े पांडालों में हुआ। फिर करोड़ों की लागत से बनाए गए रावतपुरा सरकार का तिरूपति बालाजी मंदिर हो या फिर ताश के पत्तों की तरह पूरी तरह बिखर चुका भगवान श्री नारायण खालसे का पांडाल हो। इस्कॉन, मंदाकिनी देवी, 108 कनक बिहारी खालसा, सदगुरु श्री रणछोड़दास खालसा, निम्बार्क धनंजयदास कठिया बाबा खालसा सहित मंगलनाथ जोन में ही 60 से अधिक पांडाल प्रभावित हुए हैं जो कि बड़े थे। इनमें से 40 पूरी तरह ध्वस्त हो चुके हैं। 360 में आंशिक नुकसान का आंकलन किया गया है।
बड़ी तादाद में राशन खराब हो गया है
बड़े पांडालों में बड़े अन्न क्षेत्र भी संचालित थे। यहां स्थाई सदस्यों के लिए शासन से मिले राशन के साथ ही वह राशन भी बड़ी संख्या में था जो पांडालपति स्वयं अपने मुकाम से लाए थे। जम्मू से आए श्रीश्री 1008 महंत संतोषदासजी महाराज ‘मौनी बाबा’ के पांडाल में व्यवस्था संभाल रहे रामेश्वर दासजी ने बताया कि हम तो सीधे आटा लेकर आए थे। तकरीबन 100 क्विंटल आटा व अन्य सामान खराब हुआ है। उन्होंने रसद की नुकसानी तकरीबन 30 लाख रुपए बताई। काल भैरव जोन में 75 लाख की खाद्य सामग्री के नुकसान का आंकलन किया गया है।
चौतरफा चिपककर बचाई गुरुजी की कुटिया
मंगलनाथ जोन में जब तेज हवा से पांडाल गिरा उस वक्त तकरीबन 500 से अधिक साधु-संत मौजूद थे। पांडाल यकायक ध्वस्त हो गया। इधर, घास-फुस से बनी गुरुजी की कुटिया भी उड़ रही थी जिसमें भगवान स्थापित हैं तभी श्रृद्धालुओं ने बिना किसी परवाह किए बिना कुटिया से चिपक गए। चौतरफा श्रृद्धालु तेज हवा और पानी के थपेड़े सहते रहे लेकिन उन्होंने कुटिया नहीं छोड़ी। इसीलिए कुटिया बची भी। शुक्रवार को सभी के भोजन की व्यवस्था पड़ोस के खालसे में की गई।
कीचड़ ने टेंट से बाहर कर दिया
कई कैंप ऐसे हैं जहां कीचड़ के कारण टेंट तक पहुंचना मुश्किल हो चुका था। साधु संतों के साथ ही वे लोग भी परेशान होते रहे जो यहां आकर ठहरे थे।
नुकसान यह भी...
1- कपड़ों की दुकानों में कपड़े खराब हुए...।
2- होटलों में रसद खराब हुई।
3- जूते-चप्पल खराब।
4- हैंडीक्रॉफ्ट आइटम भिगे, पेपर वर्क खराब।
5-कुटिया और टेंट गिरे।
7-तंबुओं में जो बिछात थी वह पूरी तरह कीचड़ में चिपक गई।
8- टेंट के कपड़े फटे, उड़े, टीनशेड उड़े।
(इस नुकसानी का आंकलन 50 करोड़ से अधिक के रूप में किया गया है। )
कहां कितने प्रभावित
जोन आंशिक भारी
मंगलनाथ जोन 360 40
दत्त अखाड़ा जोन 10 2
काल भैरव 229 2
महाकाल जोन 220 10
त्रिवेणी जोन 20 1
टेंट का नुकसान ज्यादा, खाने का कम
मंगलनाथ जोन में 360 टेंट में आंशिक और 40 कैंप में भारी नुकसान हुआ है। खाने की सामग्री का नुकसान ज्यादा नहीं है। क्योंकि सरकार से मिली ज्यादातर सामग्री तो लोग खपा चुके थे। हालांकि सर्वे अभी जारी है। साधु-संतों द्वारा जो नुकसानी बताई जा रही है उसकी भी समीक्षा होगी।
नरेंद्र सूर्यवंशी, अपर कलेक्टर
दो करोड़ का नुकसान
काल भैरव जो में भारी नुकसान नहीं हुआ। प्रारंभिक आंकलन के अनुसार 1.34 करोड़ के तो पांडाल-गेट में क्षति हुई है तकरीबन 75 लाख की खाद्य सामग्री खराब हुई है।
गोपाल डाड, अपर कलेक्टर
त्रिवेणी जोन में नुकसान नाममात्र का। एक-दो पांडाल में ही थोड़ा ज्यादा था।
डी.के.नागेंंद्र, अपर कलेक्टर
उज्जैन से विनोद शर्मा।
प्लॉट नं. 340/1-2...। श्री महंत मणिरामदास जी महाराज...। सनकादिक तपोवन...। पांडाल और गेट की क्षति 12 लाख रुपए...। पांडाल में पानी भरने से खराब अनाज-कपड़े और रसद की कीमत 30 लाख...। कुल नुकसानी 42 लाख...। प्लॉट नं. 340/3...। महंत संतोषदास जी मुनी...। पांडाल और गेट से हुआ 20 लाख का नुकसान...। 30 लाख का अनाज, रसद और कपड़े 30 लाख के खराब। यह जानकारी दर्ज है शुक्रवार को हुए नुकसानी सर्वे की रिपोर्ट में जो कि गुरुवार की बेमौसम बरसात के प्रभाव को जांचने के मकसद से तैयार की गई है। प्रारंभिक सर्वे के आधार पर सामने आए नुकसानी के आंकड़ों के आधार पर 45 मिनट की बरसात से 100 से 150 करोड़ के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है।
सबसे ज्यादा नुकसान हुआ मंगलनाथ जोन में 494 प्लॉट हैं और तकरीबन 400 से अधिक प्लॉटों पर पांडाल और गेट गिरने के साथ ही पानी भरने से वहां रखे कपड़े, रसद, अनाज व बिस्तर भी खराब हो गए। साधु-संतों के विरोध के बाद एक-एक अधिकारी को 5-5 प्लॉट के सर्वे की जिम्मेदारी दी गई। शाम तक सर्वे रिपोर्ट तैयार हुई। जिस दत्त अखाड़ा जोन में सबसे ज्यादा 2352 प्लॉट है वहां नुकसानी ज्यादा नहीं हुई। यहां दुकानदारों का नुकसान ज्यादा हुआ। संत कीचड़ से ज्यादा परेशान हुए। कालभैरव जोन में तकरीबन 2 करोड़ के नुकसान का आंकलन किया गया। वहीं त्रिवेणी में भी नुकसानी करीब-करीब इतनी ही रही।
आंकड़े हकीकत से दूर तो नहीं
रिपोर्ट में साधु-संतों द्वारा बताए गए नुकसानी के आंकड़े लिखे गए हैं। इसीलिए यह भी माना जा रहा है कि साधु-संतों ने नुकसानी का आंकलन अनुमान के अनुसार किया है तो कि वास्तविक नुकसानी से ज्यादा है।
जितने बड़े पांडाल, नुकसान भी उतना ही ज्यादा
नुकसान सबसे ज्यादा बड़े पांडालों में हुआ। फिर करोड़ों की लागत से बनाए गए रावतपुरा सरकार का तिरूपति बालाजी मंदिर हो या फिर ताश के पत्तों की तरह पूरी तरह बिखर चुका भगवान श्री नारायण खालसे का पांडाल हो। इस्कॉन, मंदाकिनी देवी, 108 कनक बिहारी खालसा, सदगुरु श्री रणछोड़दास खालसा, निम्बार्क धनंजयदास कठिया बाबा खालसा सहित मंगलनाथ जोन में ही 60 से अधिक पांडाल प्रभावित हुए हैं जो कि बड़े थे। इनमें से 40 पूरी तरह ध्वस्त हो चुके हैं। 360 में आंशिक नुकसान का आंकलन किया गया है।
बड़ी तादाद में राशन खराब हो गया है
बड़े पांडालों में बड़े अन्न क्षेत्र भी संचालित थे। यहां स्थाई सदस्यों के लिए शासन से मिले राशन के साथ ही वह राशन भी बड़ी संख्या में था जो पांडालपति स्वयं अपने मुकाम से लाए थे। जम्मू से आए श्रीश्री 1008 महंत संतोषदासजी महाराज ‘मौनी बाबा’ के पांडाल में व्यवस्था संभाल रहे रामेश्वर दासजी ने बताया कि हम तो सीधे आटा लेकर आए थे। तकरीबन 100 क्विंटल आटा व अन्य सामान खराब हुआ है। उन्होंने रसद की नुकसानी तकरीबन 30 लाख रुपए बताई। काल भैरव जोन में 75 लाख की खाद्य सामग्री के नुकसान का आंकलन किया गया है।
चौतरफा चिपककर बचाई गुरुजी की कुटिया
मंगलनाथ जोन में जब तेज हवा से पांडाल गिरा उस वक्त तकरीबन 500 से अधिक साधु-संत मौजूद थे। पांडाल यकायक ध्वस्त हो गया। इधर, घास-फुस से बनी गुरुजी की कुटिया भी उड़ रही थी जिसमें भगवान स्थापित हैं तभी श्रृद्धालुओं ने बिना किसी परवाह किए बिना कुटिया से चिपक गए। चौतरफा श्रृद्धालु तेज हवा और पानी के थपेड़े सहते रहे लेकिन उन्होंने कुटिया नहीं छोड़ी। इसीलिए कुटिया बची भी। शुक्रवार को सभी के भोजन की व्यवस्था पड़ोस के खालसे में की गई।
कीचड़ ने टेंट से बाहर कर दिया
कई कैंप ऐसे हैं जहां कीचड़ के कारण टेंट तक पहुंचना मुश्किल हो चुका था। साधु संतों के साथ ही वे लोग भी परेशान होते रहे जो यहां आकर ठहरे थे।
नुकसान यह भी...
1- कपड़ों की दुकानों में कपड़े खराब हुए...।
2- होटलों में रसद खराब हुई।
3- जूते-चप्पल खराब।
4- हैंडीक्रॉफ्ट आइटम भिगे, पेपर वर्क खराब।
5-कुटिया और टेंट गिरे।
7-तंबुओं में जो बिछात थी वह पूरी तरह कीचड़ में चिपक गई।
8- टेंट के कपड़े फटे, उड़े, टीनशेड उड़े।
(इस नुकसानी का आंकलन 50 करोड़ से अधिक के रूप में किया गया है। )
कहां कितने प्रभावित
जोन आंशिक भारी
मंगलनाथ जोन 360 40
दत्त अखाड़ा जोन 10 2
काल भैरव 229 2
महाकाल जोन 220 10
त्रिवेणी जोन 20 1
टेंट का नुकसान ज्यादा, खाने का कम
मंगलनाथ जोन में 360 टेंट में आंशिक और 40 कैंप में भारी नुकसान हुआ है। खाने की सामग्री का नुकसान ज्यादा नहीं है। क्योंकि सरकार से मिली ज्यादातर सामग्री तो लोग खपा चुके थे। हालांकि सर्वे अभी जारी है। साधु-संतों द्वारा जो नुकसानी बताई जा रही है उसकी भी समीक्षा होगी।
नरेंद्र सूर्यवंशी, अपर कलेक्टर
दो करोड़ का नुकसान
काल भैरव जो में भारी नुकसान नहीं हुआ। प्रारंभिक आंकलन के अनुसार 1.34 करोड़ के तो पांडाल-गेट में क्षति हुई है तकरीबन 75 लाख की खाद्य सामग्री खराब हुई है।
गोपाल डाड, अपर कलेक्टर
त्रिवेणी जोन में नुकसान नाममात्र का। एक-दो पांडाल में ही थोड़ा ज्यादा था।
डी.के.नागेंंद्र, अपर कलेक्टर
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